Tag: ससुर बहू की चुदाई

बदलते रिश्ते -5

अनीता ने कहा- राजा जी, मेरी छोटी बहन के ससुराल वालों ने पूरे पांच लाख रूपए की मांग की है। मेरे तीनों भाई मिलकर सिर्फ चार लाख रूपए ही जुटा पाए हैं। उन लोगों का कहना है कि अगर पूरे पैसों का प्रबन्ध नहीं हुआ तो वे लोग मेरी बहन सुनीता से सगाई तोड़ कर […]

बदलते रिश्ते -4

रामलाल बोला- बहू, तेरी तो वाकयी बहुत ही चुस्त है। कुदरत ने बड़ी ही फुर्सत में गढ़ी होगी तेरी योनि। अनीता बोली- आपका हथियार कौन सा कम गजब का है। पिता जी, सच बताइए, सासू जी के अलावा और कितनी औरतों की फाड़ी है आपके इस मोटे लट्ठे ने? रामलाल अनीता की योनि में लगातार […]

बदलते रिश्ते -3

अनीता को अब यह सब बर्दाश्त के बाहर होता जा रहा था, जब रामलाल ने भांपा कि अब अनीता उसका बिल्कुल विरोध करने की स्थिति में नहीं है तो बोला- आ बहू, बैठ कर बात करते हैं। तुझे अभी बहुत कुछ समझाना बाकी है। अच्छा एक बात बता, मेरा प्यार से तेरे ऊपर हाथ फिराना […]

बदलते रिश्ते -10

अनीता ने पूछा- तू बता इतनी जल्दी कैसे वापस आ गई? क्या मौसा जी की याद खींच लाई। सुनीता ने सर हिलाकर हामी भरी और बोली- दीदी, तुमने वह सीडी दिखाकर मेरे तन-बदन में जो आग लगाई है न, वो अब बुझाये नहीं बुझ रही है। मन में आया कि चलकर मौसा जी से ही […]

बदलते रिश्ते-8

रानी मधुबाला रात के करीब दो बजे सुनीता का हाथ रामलाल के लिंग को टटोलने लगा। वह उसके लिंग को धीरे-धीरे पुन: सहलाने लगी। बल्ब की तेज रोशनी में उसने सोते हुए रामलाल के लिंग को गौर से देखा और फिर उसे अपनी उँगलियों में कस कर सहलाना शुरू कर दिया था। रामलाल और अनीता […]

बदलते रिश्ते-7

रामलाल धीरे से अनीता के कान में बोला- थोड़ी सी पिएगी मेरी जान, आज मैं विलायती व्हिस्की लेकर आया हूँ। आज बोतल की और इस नई लौंडिया की सील एक साथ तोडूंगा। रामलाल ने अपने कुरते को टटोलना शुरू किया ही था कि अनिता उसे रोकते हुए बोली- अभी नहीं, सुनीता पर काबू पाने के […]

बहू-ससुर की मौजाँ ही मौजाँ-5

प्रेषिका : कौसर सम्पादक : जूजाजी उनके झटके बढ़ते गए और एकदम से उन्होंने पानी की धार मेरी चूत में छोड़ दी और वो मुझसे चिपक गए। मैं भी अपने आप को रोक ना सकी और मैंने भी पानी छोड़ दिया, मैं भी उनसे चिपक गई, उनका लण्ड अब भी मेरे अन्दर ही था। हम […]

बहू-ससुर की मौजाँ ही मौजाँ-3

प्रेषिका : कौसर सम्पादक : जूजाजी मैं नहा-धो कर जल्दी से रसोई में गई और उनका नाश्ता और दोपहर का खाना जल्दी से तैयार किया। मुझे उनकी तिलावत करने की आवाज़ आ रही थी। मैंने मन में कहा कि कैसा ढोंगी इंसान है, यह तो अल्लाह से भी नहीं डर रहा। फिर थोड़ी देर में […]

बहू-ससुर की मौजाँ ही मौजाँ-2

प्रेषिका : कौसर सम्पादक : जूजाजी मुझे नहीं पता फिर क्या हुआ, उसके बाद जब मेरी आँख खुली तो मेरे ऊपर एक चादर पड़ी थी और मैं अभी भी ससुर जी के बिस्तर पर ही थी। घड़ी में देखा तो करीब 2 बज रहे थे। मैं उठी तो मेरा पूरा जिस्म दर्द कर रहा था। […]