Tag: देसी कहानी

दोस्त की माँ, बुआ और बहन की चुदाई-4

थोड़ी देर बाद आँख खोल कर देखा कि, बुआ जी की नज़र मेरे खड़े हुए मोटे लण्ड पर टिकी थीं. हैरत भरी निगाहों से मेरे लम्बे और मोटे लण्ड को देख रही थीं. कुछ देर बाद उन्होंने आवाज दे कर कहा, दीनू बेटा उठ जाओ, अब घर चलना है! मैंने कहा, ठीक है! और उठकर […]

रश्मि और रणजीत-1

मिस्टर रणजीत कुमार सिंह एक नशीले और रंगीन किस्म के इंसान हैं। वो जब मुजरिमों के पीछे जाते हैं तो वो हमेशा नशे में होते हैं, पर अपने काम को अंजाम ज़रूर देते हैं। अपने विभाग में उनका एक अलग रुतबा है, सफलता उनके हाथ ज़रूर लगती है। उनकी दूसरी लत है कि उनको लड़की […]

स्कूल की गर्लफ्रेंड की शादी के बाद चुदाई की देसी कहानी

मैं इस बार मौका नहीं चूकना चाहता था इसलिए उसका कंधा बन गया. एक दिन पुरानी बातों को याद करते करते हम सेक्स की बातें करने लगे. फिर हमने सेक्स चैट किया और उसने अपनी नंगी तस्वीरें भेजी. खुदा कसम क्या माल बन गई थी. उसके सांवली चूचियों पर काले निप्पल देख के मन कर […]

माँ की अन्तर्वासना ने अनाथ बेटे को सनाथ बनाया-1

गाँव में रहने का अनुभव लेने एवं छुट्टियाँ के कुछ दिन सरिता के साथ बिताने के लिए मैंने घर जाने के कार्यक्रम में बदलाव किया तथा रूड़की से डौसनी की गाड़ी पकड़ कर उसके घर पहुँच गयी. मैं आठ दिन तक सरिता के घर में रही और दिन में तो गाँव के रहन सहन को […]

माँ की अन्तर्वासना ने अनाथ बेटे को सनाथ बनाया-3

चार-पाँच दिनों के बाद जब सुबह मेरी नींद खुली तो देखा की तरुण और वरुण सो रहे थे तब मैंने सोचा की उनके उठने से पहले मैं नहा लेती हूँ. मैंने जल्दी से मैले कपड़े उठाये और नलकूप पर जा कर अपने सभी कपड़े भी उतारे तथा नग्न ही उसकी मुंडेर पर बैठ कर उन्हें […]

माँ की अन्तर्वासना ने अनाथ बेटे को सनाथ बनाया-2

उसके हाँ कहने पर जब मैंने बड़े थैले में से सभी कपड़े निकाल कर देखे तब उसमें मुझे अपने लिए दो जोड़ी बहुत ही सुन्दर घाघरा-चोली मिली तथा बेटे के लिए चार जोड़ी रंग-बिरंगे कपड़े थे. मैंने अपने लिए एक घाघरा-चोली और बदन पौंछने के लिए तरुण का तौलिया उठा कर कंधे पर रख कर […]

वासना के पंख-1

उत्तरार्ध (Sequel) में मूल कहानी को आगे बढ़ाया जाएगा लेकिन वो काफी बाद की बात है उसे भविष्य के लिए छोड़ देते हैं और अभी इतिहास के पन्ने पलटते हैं। लंगोटिया यारी बात 1977 की है जब भारत के उत्तरी भाग के किसी गाँव में दो परिवार रहते थे। पड़ोसी तो वो थे ही लेकिन […]

वासना के पंख-3

कुछ ही दिन में प्रमोद को भी लगने लगा कि वो अब मोहन के साथ उतना समय नहीं गुज़ार पा रहा था और जो मस्ती वो पहले किया करते थे वो काफी कम हो गई थी। मोहन को भी अपनी पत्नी को समय देना ज़रूरी था और फिर एक विषम-लैंगिक पुरुष को तो स्त्री के […]

नंगी आरज़ू-1

घर के हालात कुछ ठीक नहीं थे, जिस वजह से आरजू की शादी भी नहीं हो पा रही थी, जबकि वह भी अट्ठाईस की हो चुकी थी। जिस दौरान सब ठीकठाक था और मैं उनके घर जा जा कर रुक जाता था, उस दौरान आरजू छोटी ही थी, इसलिये उससे मेरी कोई खास बोलचाल नहीं […]

काम पिपासु को मिली काम ज्वाला-1

अब मैं नए नए लोगों के घरों में जाता, उनके प्रोग्राम करने, उनके घर में उनकी औरतों और लड़कियों से भी मिलता। बहुत सी मेरे पाँव भी छू लेती, और जब वो मेरे सामने झुकती, किसी के ब्लाउज़ में से उसके गोरे गोरे मोटे स्तन दिखते, किसी की साड़ी का ब्लाउज़ बैकलेस होता तो भरी […]