Tag: हस्तमैथुन

मैं किसी सेक्सी लड़की से कम नहीं

तो एक दिन जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैं अपने पास वाले रिलायंस फ्रेश स्टोर पर गया और वहाँ से एक वीट की हेयररिमूवर क्रीम ले लाया बड़े आकार की. अपने अपार्टमेन्ट में आकर मैंने अपना कमरा बंद किया और अपने सारे कपड़े उतार दिए. फिर मैंने क्रीम निकाली और अपनी टांगों पर लगाई […]

सिर्फ हस्तमैथुन से मज़ा आता है

उसके बाद मेरे सम्बन्ध दो लड़कियों से भी रहे, एक मेरे चाचा की लड़की थी और दूसरी उसी की सहेली… वो दोनों मिल कर मुझे खूब मजा देती थी हर तरह से चूत मरवा कर, लण्ड चूस कर गांड मरवा कर चूचियों में दबा कर, मेरी मुठ मार कर भी.. लेकिन मुझे जितना मज़ा अपने […]

बहन का लौड़ा -6

अब आगे.. जब राधे को पक्का यकीन हो गया कि मीरा सो गई है.. तो राधे बड़बड़ाने लगा। राधे- साले कहाँ फँसा दिया मुझे.. इतने कपड़े पहन कर आज तक नहीं सोया और ऐसी कमसिन कली मेरे पास सोई.. कुछ कर भी नहीं पा रहा हूँ.. साला लौड़ा भी बेचैन है चल मुठ्ठ तो मार […]

व्यथा छोटे लंड की

झूटे ओर दोगले ही सही… पर कहते हैं न दोस्ती में संगत का असर तो हो ही जाता है, थोड़े बहुत पैसे पास होने की वजह से कुछ और तो नहीं थोड़ी शराब पीने का शौक लग गया। बात अब यूँ हो गई कि आये गए दिन घर से बाहर किसी काम के बहाने रोज़ […]

दूध भरे मम्मों वाली आंटी ने चूत चुदवा ली

हमारे घर से कुछ दूरी पर ही एक आंटी रहती थीं.. उनका नाम सीमा था। वो अपने पति के साथ दो साल पहले ही रहने आई थीं.. उनका पति एयरपोर्ट पर काम करता था और कभी-कभी उनको रात को भी काम पर जाना पड़ता था। सीमा आंटी की पहचान मेरी मम्मी से जल्दी ही हो […]

अनोखे चूत लंड की अनोखी दुनिया-1

पर जब राहुल बारहवीं क्लास में पहुंचा तो एक बार फिर उसकी जिंदगी बदल गई, उसकी लंबाई 6 फुट 4 इंच हो चुकी थी, वो कसरत तो करता नहीं था पर बदन किसी बॉडी बिल्डर की तरह था, रंग गोरा और चेहरा बेहद आकर्षक था। उसके कूल्हे बेहद उभरे हुए और सुडौल थे और किसी […]

सम्भोग से आत्मदर्शन-7

तनु ने मेरे लिंग के सुपारे को पहले चाटा और लंड में ऊपर से नीचे तक जीभ फिराई और फिर धीरे-धीरे लिंग मुंह के अंदर करते-करते मुंह में पूरा अंदर कर लिया, पर लंड बड़ा था इसलिए उसके मुंह के आखरी छोर में टकरा कर भी लंड आधा ही जा सका था. तनु ने जब […]

चूत जो खोजन मैं चल्या चूत ना मिल्यो कोय

दिल्ली में मैं अपनी मौसी के घर रुका। मेरी मौसी की बेटी मेरी हम उम्र थी, मगर वो दिल्ली में रहने के कारण मुझे गँवार ही समझती थी इसलिए मुझ पर हुकुम चलाना, मुझे नीचा दिखाना उसकी आदत थी। मैं कुछ दिन तो मौसी के घर रहा, मगर ज़्यादा दिन मैं वहाँ रह नहीं पाया, […]

वासना के पंख-1

उत्तरार्ध (Sequel) में मूल कहानी को आगे बढ़ाया जाएगा लेकिन वो काफी बाद की बात है उसे भविष्य के लिए छोड़ देते हैं और अभी इतिहास के पन्ने पलटते हैं। लंगोटिया यारी बात 1977 की है जब भारत के उत्तरी भाग के किसी गाँव में दो परिवार रहते थे। पड़ोसी तो वो थे ही लेकिन […]

मेरी रानी की कहानी-3

खैर फ़िल्म खत्म हुई, मैं और रानी हंसते कूदते हुए बाहर आये। सब लोग हमें देख कर ऐसे हैरान हो रहे थे जैसे कि हम किसी और ही ग्रह से आये हों। मॉल से हमारा पी जी थोड़ा ही दूर था तो हमने पैदल चलने का सोचा। रास्ते में एक लिकर शॉप से हमने बियर […]