Tag: ससुर बहू की चुदाई

भतीज-बहू के साथ सुहागरात -1

मैं आपको जरा उसकी जवानी का नक्शा बता दूँ- कुछ लहलहाते हुए धान के खेतों के रंग का सुनहरा सा रूप, सावन-भादों के काले बादलों जैसे घने बाल और उनके नीचे सुराहीदार गरदन। चूचियों का विवरण देने के लिये शब्द नहीं हैं, लेकिन इतना तय है कि इन कुवाँरी चूचियों को देखकर बड़े से लेकर […]

प्यासी बहू को खुश किया

सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था कि अचानक उनके हंसते खेलते परिवार में एक हादसा हो गया। फरहान की बीवी मरजीना की मौत सीढ़ियों में फ़िसल कर सिर फ़टने से हो गई। जैसे तैसे वक़्त कटने लगा गया। घर में खाना पकाने के लिए एक बुजुर्ग औरत रख ली। दो महीने बाद सलमान मियाँ […]

ससुर जी के दोस्तों ने मुझे पेला-2

प्रेषिका : सुनीता प्रिंसिपल मुझे कमरे में बिठा कर मेरे लिए कोल्ड ड्रिंक लेकर आए, दरवाज़ा बंद किया और मुझे बाँहों में भर लिया और चूमने लगे, मैं हर सीमा लांघने को पूरी तरह तैयार थी। मैं चाहती थी वो मुझे लिटा कर सीधे-सीधे लंड मेरी चूत में डाल दें, लेकिन वो मुझे प्यार करना […]

भतीज-बहू के साथ सुहागरात -2

सारे कपड़े खोल बुड्डे ने बबिता के बड़ी चूचियों पर सबसे पहले मुँह मारा। जैसे ही उसने मुँह मारा, बबिता गाली देने लगी- पी ले अपनी माँ के चूचे… बहनचोद बुड्डे ! कर दी शादी तूने मेरी नामर्द गांडू से? शमशेर ने कहा- तो कोई बात नहीं बेटी, ये ले बदले में मेरा हल्लबी लौड़ा.. […]

कड़क मर्द देखते ही चूत मचलने लगती है-2

मैं सलाद काटने रसोई में गई, तभी मौसा जी आए। मेरे पीछे खड़े हो गए, मेरा ध्यान सामने था। जब मैं मुड़ी.. फिर से मौसा जी के सीने से मेरे मम्मे दब गए। “आप..!” “हाँ.. सोचा तुझे रसोई में कंपनी दे दूँ। यह तो खाना खाने वाला नहीं और शायद आज रात  तुम दोनों यही […]

कड़क मर्द देखते ही चूत मचलने लगती है-1

लेकिन धीरे-धीरे उनका जोश सामान्य होने लगा था। उनके पास काफी पैसा था लेकिन एक औरत को पैसे के अलावा ऐसा मर्द चाहिए होता है, जो दिन भर की थकान को उतार कर औरत को फूल जैसी हल्की करके ही सुलाए। लेकिन हाय..! मुझे कहाँ नसीब था यह कि पति मसल कर हल्की करके, मुझे […]

फ़ुद्दी मरवाई सुबह सवेरे-4

अब मेरे साथ जो होने वाला था, उसके बारे में सोच सोच कर ही मेरे शरीर में झुरझुरी सी आने लगी। अब वो मेरे पूरे नग्न बदन को निहारने लगे, मैंने आँखें बंद कर ली, अपने हाथों को वक्ष-उभारों पर रख लिया और अपनी दोनों जांघों को भींच कर अपनी चूत को भी छुपा लिया। […]

फ़ुद्दी मरवाई सुबह सवेरे-3

अगली सुबह नीलेश के जाने के बाद मैं नहाने गई और स्नान के बाद कपड़े पहनने ही वाली थी कि बाहर से पापा जी के मोबाइल की घण्टी की आवाज आई। मैं घबरा गई और अचानक बाहर से किसी के भागने की आहट आई। मैंने दरवाजे की दरार से झांक कर देखा तो मुझे पापा […]

फ़ुद्दी मरवाई सुबह सवेरे-1

पति अक्सर ज्यादा व्यस्त रहते हैं, इसी वजह से मुझे अन्तर्वासना का चस्का लग गया। मैं गुलाबी नेलपोलिश पसंद करती हूँ, और अपनी पिंडली में एक काला धागा बाँध के रखती हूँ, नीलेश मेरे पैरों के दीवाने हैं। अपनी इसी खूब सूरती की वजह से मुझे एक प्राइवेट कम्पनी में सेल्स मैनेजर का काम मिला […]

बदलते रिश्ते -2

सास, ननद, जेठ, देवर के नाम पर उसने किसी को नहीं देखा। वह अपने अनाड़ी पति के वारे में सोचती तो उसे अपने भाग्य पर बहुत ही क्रोध आता। किन्तु अब हो भी क्या सकता था। फिर वह सब्र कर लेती कि चलो बस औरतों के मामले में ही तो अनमोल शर्मीला है। बाकी न […]