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Choot Chudai, Lund ki Desi Hindi sex Story

hindi Sex Stories from Desi Indian girl, bhabhi

कोलकाता में भाभी ने दिलवाई दो और चूत-2

मैंने दुबारा फिर वही पोजीशन ली और उसकी चूत पर लण्ड टिका कर धीरे धीरे अन्दर करने लगा. हिमानी को हालांकि दर्द हो रहा था परंतु वह कसमसा कर पूरा 8 इंच लम्बा और तीन इंच मोटा लण्ड ले गई. लड़की शरीर से तगड़ी थी इस वजह से इतना बड़ा लण्ड अपनी चूत में दबा […]

कमसिन लड़की की मोटे लंड की चाहत-8

तभी चाचा बोले- अरे मेरी जान वन्द्या, अभी तो आधा ही घुसा है.. देख तुझे कितना मजा आने वाला है, रो मत थोड़ा सब्र रख.. बस थोड़ी ही देर में तू बहुत इंज्वाय करेगी. आज तेरी मस्त चुदाई करने वाला हूं.. तू अभी से घबरा मत. देख हम तीनों मिलकर कैसे तेरी चुदाई करते हैं, […]

पेयिंग गेस्ट से कामवासना की तृप्ति-1

मेरे स्तन ज्यादा बड़े तो नहीं हैं पर मेरी फिगर को बहुत ही सूट करते हैं और काफी कड़क हैं। मेरा पेट एकदम सपाट है। मैं बाहर जाती हूँ तो अक्सर साड़ी ही पहनती हूँ इसलिए पल्लू की हलचल से दिखने वाली मेरी नाभि सबको आकर्षित करती हैं। मेरी लम्बी टांगों और सुडौल जांघों की […]

पेयिंग गेस्ट से कामवासना की तृप्ति-2

मैं उसको बिल्कुल विरोध नहीं कर रही थी तो सुहास का डर कम हो रहा था। उसका हाथ मेरे कड़े हुए निप्पस को छेड़ रहा था। उसने अपने हाथ से मेरे स्तनों का नाप लेने की तैयारी शुरू कर दी। मुझे समझ में ना आये, इतना वह मेरे दोनों स्तन पर हाथ स्पर्श करने लगा। […]

मसाज़ बॉय से घर पर चुदाई का मजा

मैं जिस स्पा में मसाज़ करवाने जाती हूँ वहाँ 2 लड़के और 8 लड़कियाँ हैं. मैं अपनी मसाज़ लड़की से ही करवाती हूँ लेकिन होनी को जैसा मंज़ूर होता है, वैसा ही होता है. एक दिन जब मैं मसाज़ करवाने गयी तो जिस लड़की से मैं मसाज़ करवाती थी, वो नहीं आयी थी. मैं चली […]

पराई नार की चूत चुदाई का मजा-2

विकी के हाथ अब मेरी टी-शर्ट के अन्दर घुसने की कोशिश कर रहे थे. मैं उसके हाथों को रोक रही थी. दिन के वक्त उसके सामने नंगी होने में मुझे शरम आ रही थी. जब भी उसके हाथ मेरी टी-शर्ट के अन्दर जाने की कोशिश करते, मैं उसके हाथों को हटाती जा रही थी. उसने […]

सहेली ने मुझे रंडी बनाया

मुझे नवरात्रों में डांडिया खेलने का बड़ा शौक है, मैं नवरात्रि में गरबा करने घाघरा चोली पहन कर हमारे काम्प्लेक्स के नज़दीक में, जहां गरबा होता है, वहां चली जाती हूँ एक दिन वहां मुझे एक मेरे से छोटी उम्र की महिला मिली. उसका नाम रीना था, वो मेरे पास वाले फ्लैट की है. उस […]

वासना के पंख-1

उत्तरार्ध (Sequel) में मूल कहानी को आगे बढ़ाया जाएगा लेकिन वो काफी बाद की बात है उसे भविष्य के लिए छोड़ देते हैं और अभी इतिहास के पन्ने पलटते हैं। लंगोटिया यारी बात 1977 की है जब भारत के उत्तरी भाग के किसी गाँव में दो परिवार रहते थे। पड़ोसी तो वो थे ही लेकिन […]

मेरे पति का दोस्त मेरा दीवाना-1

मुझे रवि से बड़ी सुहानुभूति हुई। जब हम हनीमून से वापिस आए तो धीरे धीरे मेरी भी रवि से अच्छी दोस्ती हो गई। और सच में रवि था भी बहुत अच्छा दोस्त; ऐसा दोस्त जिस पर आप आँख बंद करके विश्वास कर सकते हो। मैं भी कई बार उसके साथ बाज़ार वगैरह गई, तो मैंने […]

वासना के पंख-3

कुछ ही दिन में प्रमोद को भी लगने लगा कि वो अब मोहन के साथ उतना समय नहीं गुज़ार पा रहा था और जो मस्ती वो पहले किया करते थे वो काफी कम हो गई थी। मोहन को भी अपनी पत्नी को समय देना ज़रूरी था और फिर एक विषम-लैंगिक पुरुष को तो स्त्री के […]