अब अपनी कहानी पर आते हैं। एक दिन मोबाईल पर हेमा का फोन आया, बोली- रोनी, तुमसे मिले कितने दिन गुजर गए, तुमने एक भी फोन नहीं किया? मैंने कहा- मैं तुम्हारे फोन के इंतजार के सिवा कुछ नहीं कर सकता था, कारण तुम्हे पता है कि मैं इसलिए फोन नहीं लगाता कि पता नहीं […]
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सुहागरात की विधि -2
मतलब यह कि लड़की को नंगा करके, उसे आरामदेह बिस्तर पर लिटा कर, उससे प्यार भरी बातें करते हुए उसके शरीर पर हल्के-हल्के हाथ फेरना चाहिए। अगर बिस्तर के पास ताज़ा फूलों का गुलदस्ता और कुछ भीनी अगरबत्तियाँ हों तो अच्छा रहेगा। इस तरह लड़की की सही इन्द्रियों का उपयोग होगा और मर्द की उपयुक्त […]
सुहागरात की विधि -1
किसी लड़की का कौमार्य भंग करना पुरुष के लिए एक बहुत ही ज़िम्मेदारी का काम होता है। उसे इस मौक़े को उतनी ही तवज्जोह देनी चाहिए जितनी किसी पूजा को दे जाती है। उसे लड़की के लिए यह मौक़ा हमेशा के लिए यादगार बनाना चाहिए। उसे इस दिशा में हर वह प्रयत्न करना चाहिए जिससे […]
योनि की आत्मकथा
जब प्रगति थोड़ी बड़ी हुई तो कभी-कभार अपनी उँगलियों से मुझे छूने लगी थी पर उसने कभी मुझे देखने की कोशिश नहीं की। शायद उसको मुझे देखना मुश्किल भी था क्योंकि बचपन में प्रगति थोड़ी मोटी थी तो अपने पेट के ऊपर से मुझे देख नहीं सकती थी… और बाद में, जब प्रगति ने जवानी […]
लड़कियों की मारता हूँ
मैं रोज़ सुबह 5 बजे उठती थी, घर का सारा काम करके 7 बजे नहाती थी, बहुत रग़ड़ कर नहाती थी, ताकि मेरा गोरा रंग और गोरा हो जाए। मेरी तीन सहेलियों में मेरी बात अलग थी, उन सब में मैं 5’5″ इंच लंबी, चूचियाँ बिल्कुल खरबूजे जैसे, रंग गुलाबी कोई भी पहली नज़र में […]
सुहागरात की विधि -3
इसके लिए कुछ कहने की ज़रूरत नहीं है… सिर्फ प्यार से उसके सिर और बदन पर हाथ फेरना काफी होगा। यह आप अन्तर्वासना डॉट कॉंम पर पढ़ रहे हैं। अब पुरुष के प्रहार करने की घड़ी आ गई है। उसे आगे झुक कर लड़की के कन्धों को विश्वासपूर्वक पकड़ लेना चाहिए जिससे वह ज्यादा हिल-डुल […]
मेरी जवानी की गलतियाँ-2
अब आगे- कुछ साल बाद मैंने बीएससी में अड्मिशन लिया और पवन के पापा की ट्रांसफर अहमदाबाद हुई और वो सब चले गए। मैं पवन से चुदती थी तो मेरी फिगर बहुत सुडौल हो गई थी। इसलिए कोलेज के पहले ही दिन से लड़के मेरे दीवाने हो गए थे। लड़के कभी सिटी बजाते तो कभी […]
शालू की गुदाई-4
अब और सम्हालना मेरे लिए मुश्किल था। इतनी देर से पैंट को ताने-ताने वह दर्द करने लगा था। उसे मुक्ति दिए बिना आगे जारी रख सकना मुश्किल था। जब एक अपिरचित मेरे सामने शालू के साथ कर ही रहा था तो मेरे लिए क्या रुकावट थी। मैंने चेन खींचकर लिंग को आजाद किया, कैमरे को […]
औरत की चाहत-2
फ़िर कुछ देर तक वो बैड पर शान्त लेटी रही, मैं भी उसके बगल में लेट गया और उसकी चूचियों के साथ खेलने लगा. कुछ देर बाद वो फ़िर से गर्म होने लगी और मैं यह देखकर हैरान हो गया कि अबकी बार उसने पहल की, उसने मुझे हाथ पकड कर बैड के नीचे खड़ा […]
औरत की चाहत-1
बात लगभग एक साल पहले की है, जब एक बार मैं अपने किसी काम से दिल्ली से मानेसर जा रहा था. मैं अपनी बाईक पर था और घर से कुछ जल्दी निकला था, तो मेरे पास समय काफ़ी था, मैं आराम से सड़क के किनारे से अपनी ही धुन में चला जा रहा था. थोड़ी […]