मेरा गुप्त जीवन- 125

तब हेमा धीरे से फुसफुसाई- कल जब तुमने हम सबके अंदर अपना लंड डाला तो क्या हमारे अंदर भी बच्चा होने की सम्भावना बढ़ गई थी?
मैं जानता था कि वो मेरी टांग खींच रही है सो मैंने भी उसी लहजे में धीरे से उसको बताया- हाँ, सम्भावना तो बढ़ जाती अगर मैं आप सबकी चूत में अपने लंड से वीर्य की पिचकारी मार देता तो? लेकिन आप सबने नोट किया होगा कि मेरा एक बूँद भी वीर्य नहीं छूटा था किसी की चूत में तो किसी को भी बच्चा होने की कोई सम्भावना नहीं है।

हम ये बातें कर ही रहे थे कि हमारा स्टार घोड़ा एक घोड़ी के पास लाया गया और वो पहले घोड़ी के चारों तरफ घूमा और फिर घोड़ी की चूत को सूंघा और फिर घोड़ी के पास गया और उसके मुंह के साथ कुछ देर छेड़छाड़ करने लगा और फिर वो वापस घोड़ी के पीछे आया और फिर उसकी चूत को सूंघा और फिर उसका लंड एकदम से खड़ा हो गया और वो एक झटके से घोड़ी के ऊपर चढ़ा और उसके 3 फुट लम्बे लंड को ज़ोर से घोड़ी की चूत के अंदर डाल दिया, कुछ पल आगे पीछे होने लगा और फिर उसने अपने लंड से ज़ोरदार पिचकारी वीर्य की छोड़ी और घोड़ी की चूत को पानी से भर कर वो नीचे उतर आया।

इसी तरह दूसरी घोड़ी भी तैयार कर के लाई गई और उस पर दूसरे घोड़े को चढ़ाया गया और वैसे ही उसका भी पानी छूट कर घोड़ी की चूत को पानी से भर गया।

मैंने लड़कियों को ध्यान से देखा कि सबके चेहरे कामुकता की गर्मी से लाल हो रहे थे और 2-3 अपने दुपट्टे को आगे करके अपनी ऊँगली से अपनी भग को सहला रही थी।
मेरे आगे खड़ी हुई तीन चार लड़कियाँ अपने चूतड़ों को मेरे लंड के साथ जोड़ कर हल्के से रगड़ा लगा रही थी और इस काम में मैं उनकी पूरी सहयता कर रहा था, एक के साथ रगड़ लगा कर दूसरी के पीछे शिफ्ट हो रहा था और तीसरी के चूतड़ों को हाथ से सहला रहा था।
जब बाकी लड़कियों ने इस खेल के आनन्द को समझा और मेरे आगे पीछे होने लगी तब तक दो घोड़ियाँ हरी हो चुकी थी और बाकी एक घोड़ी रह गई थी, उसके पीछे जब घोड़ा खड़ा हुआ तो वो बहुत ही बिगड़ रही थी और पास आने वाले घोड़े को लातें मार रही थी।

इस घोड़ी के लिए राम सिंह खुद भी अंदर चला गया और धीरे धीरे कुछ अस्फुट शब्द बोलते हुए बिगड़ी घोड़ी के बालों को सहलाने लगा और उसके कान में कुछ बोलने लगा और थोड़ी देर में ही वो घोड़ी कुछ शांत हो गई।
अब वो मस्त काला घोड़ा घोड़ी के चारों तरफ घुमा और फिर अपना बहुत ही बड़ा लंड निकाल कर घोड़ी के ऊपर चढ़ गया। कुछ देर वो आगे पीछे हुआ और फिर अपने वीर्य का फव्वारा छोड़ता हुआ नीचे उतर आया।

मेरे आगे खड़ी लड़कियों तो अब इतनी अधिक कामातुर हो चुकी थी कि वो अपनी गांड मेरे लंड के साथ खूब रगड़ रही थी और मैं भी सब के चूतड़ों को अपने पैंट में छुपे लंड से हरा पीला कर रहा था।
उधर दोनों मैडमों को कम्मो समझा रही थी और मैंने नोट किया कि रूबी मैडम तो खुले आम अपनी ऊँगली अपनी चूत में डाले कम्मो के साथ सट्ट के खड़ी थी।

इधर डांसर लड़कियों के साथ हम सब वापसी चल पड़े और तब मैंने उन लड़कियों से पूछा कि क्या उन्होंने कभी नदी में नहाने का आनन्द लिया है?
सब बोली- नहीं… लेकिन जुहू बीच में समुद्र में बहुत बार नहाई हैं।
मैंने पूछा- क्या नदी में स्नान करने की इच्छा है किसी की?
सब बोली- हाँ इच्छा तो है पर यहाँ नदी कहाँ है जिसमें नहाया जा सके?
मैं बोला- जहाँ शूटिंग हुई थी ना, उसी नदी में नहा सकते हैं अगर सबकी मर्ज़ी हो तो!
जूली बोली- अरे सोमू, उसमें तो पानी ही नहीं है ज़्यादा। नहा कहाँ सकते है उसमें?
मैं बोला- जगह है जहाँ आप सब अच्छी तरह से नहा सकती है सारे कपड़े उतार कर… आप सब की मर्ज़ी हो तब ही प्रोग्राम बन सकता है?
सब बोली- सोमू बनाओ प्रोग्राम नहाने का, हम तैयार हैं।

थोड़ी देर में कम्मो हमारी तरफ आती हुई दिखाए दी, मैंने उससे पूछा- ये लड़कियाँ नदी में नहा सकती है क्या?
और साथ ही कम्मो को आँख भी मार दी।
कम्मो बोली- हाँ, एक जगह है जहाँ गाँव वाली औरतें भी नहाती हैं, ये सब वहाँ नहा सकती हैं अगर इनकी मर्ज़ी हो तो!

सब डांसर्स तैयार हो गई और कॉटेज में जाकर सब अपने नहाने वाले कपड़े बदल कर आ गई और कम्मो उनको कार में ले गई और वहीं उतार दिया जहाँ गाँव वाली औरतें नहा कर जा चुकी थी।
सबको वो जगह बड़ी पसंद आई और वो और भी खुश हुई जब उनको कम्मो ने बताया कि यहाँ गाँव के मर्दों का आना सख्त मना है तो वो बगैर किसी प्रॉब्लम के यहाँ खुले आम नहा सकती हैं, अगर चाहें तो पूरी नंगी भी नहा सकती हैं।

मैं अपनी बाइक पर बैठ कर अपनी पुरानी झाड़ी में छुपने वाली जगह पर आ गया और बाइक को थोड़ी दूर छुपा कर पार्क कर आया और जा कर अपनी ख़ास जगह में बैठ गया।
मैं वहाँ टाइम पास करने के लिए 6 कोका कोला की बोतलें भी साथ ले आया था।

जब मैंने झाड़ी का पर्दा हटा के देखा तो डांसर्स सब नहाने के लिए तैयारी कर रही थी, दो लड़कियों को कम्मो मेरी वाली झाड़ी की तरफ ला रही थी।
मैं समझ गया कि कम्मो ज़रूर उनको पेशाब करवाने ला रही होगी और वही हुआ, उसने दोनों को बताया कि वो झड़ियों की तरफ मुंह करके पेशाब कर सकती हैं।

कम्मो ने उनको यकीन दिलाया कि यहाँ कोई भी आदमी नहीं आ सकता सो वो चाहें जितना बेशर्म हो कर सब कुछ कर सकती हैं।
दोनों ने अपने चारों और देखा और फिर सलवार को ढीला कर के पेशाब करने बैठ गई।

क्यूंकि वो सब मेरे सामने ही हो रहा था, मैं उनकी यह सेक्सी हरकत देख रहा था।
दोनों लड़कियों को मैंने डांस करते हुए देखा था लेकिन वो मेरे से चुदाने के लिए अभी तक नहीं आई थी। वो शायद कमरा नम्बर 7 की लड़कियाँ थी लेकिन दोनों काफी सुडौल और सुन्दर थी। दोनों की चूत पर काले बालों की गहरी घटा छाई हुई थी और उनके पेशाब की धार उसी बालों भरी गुफा से निकल कर काफी दूर तक जा रही थी।

दोनों बातें भी कर रही थी जो मुझको साफ़ सुनाई दे रही थी।
जो लड़की लाल रंग की सलवार कमीज पहने थी वो बोली- क्यों नीलू, क्या आज रात सोमू हमको फक कर पायेगा कि नहीं? बड़ी खुजली हो रही है चूत में यार!
नीलू बोली- देख सोनल, आज नहीं तो कल बारी आ ही जायेगी, ज़रा सब्र कर यार! वैसे लड़का है बड़ा ही सेक्सी, मैं तो चूम चूम कर साले को आधा कर दूंगी।
सोनल बोली लड़का है बड़ा ही किमामी, साले की नशीली आँखें और ज़ोरदार लंड कमाल का है।
जल्दी ही दोनों पेशाब कर के चली गई।

उनके जाने के बाद झाड़ी के बाहर नदी की तरफ देखा तो सब लड़कियाँ पानी में अठखेलियाँ कर रही थी और एक दो ने तो अपनी कमीज उतार रखी थी और अपने नंगे मम्मों के साथ आपस में खूब चूमा चाटी कर रही थी और खूब छेड़छाड़ का माहौल बना हुआ था।

थोड़ी देर बाद देखा कि कम्मो झाड़ी की तरफ आ रही है और मेरे सामने बैठ अपनी साडी ऊंची करके पेशाब करने लगी और साथ ही बोली- क्यों छोटे मालिक, सब ठीक चल रहा है ना?
मैं बोला- सब ठीक है कम्मो रानी, मेरे दिल और मेरे लंड की मल्लिका, वो जो लाल रंग की सलवार पहने लड़की है न, उसका नाम सोनल है, उसको चुदाई की बहुत इच्छा है, वो जल्दी चुदना चाहती है मुझसे! तुम उसको यहाँ ले आओ प्लीज और कहना कि सोमू बुला रहा है।
कम्मो हंस के बोली- वाह छोटे मालिक, आप और आपका यह लंडम चूत के बेहद भूखे हो, अभी लेकर आती हूँ साली सोनल को!

तब तक मैं बाहर का नज़ारा देख रहा था, कुछ लड़कियों ने पतले सफेद कुर्ते और साथ में सफेद पजामी पहन रखी थी तो उनके कुर्ते भीगने के बाद एकदम से पारदर्शी हो चुके थे और सफेद पजामी से उनकी चूत के काले बालों की एक झलक भी यदा कदा नज़र आ जाती थी।

कुल मिला कर बड़ा ही मन मोहक और लंड दोहक दृश्य था। मोटे और गोल मुम्मे और गोल उभरे हुए चूतड़ों की तो भरमार थी जिधर देखो उधर ही वो दिख रहे थे।
दो चार लड़कियाँ कुछ अधिक कामातुर हो चुकी थी, वो आपस में खूब छेड़छाड़ और पकड़म पकड़ाई में लीन थी।
कहानी जारी रहेगी।
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