बचपन से ही हमारी अच्छी बनती थी, जब भी मैं नानी के घर जाया करता था तो पूरा समय दोनों बहनों के साथ ही बिताता था। हम साथ में खूब खेला करते थे। बात कुछ समय पहले की है जब मैं अपने गाँव से नानी के घर रहने आया था, क्यूंकि मेरा यहाँ के इंजीनियरिंग […]
Category: भाई बहन
सगे भाई बहन, चचेरे, ममेरे, फुफेरे भाई बहन के बीच चुदाई खेल की कहानियाँ
Bhai bahan sex, bahan ki chut chudai ki kahaniyan
Incest Sex stories about Real Brother Sister Sex Relations
एक भाई की वासना -29
फैजान जाहिरा के नंगे जिस्म की तरफ देखते हुए बोला- यार आज मौसम इतना प्यारा हो रहा है.. आज तो साथ में कुछ मीठा भी होना चाहिए.. मैंने मुस्करा कर फैजान की तरफ देखा और बोली- बेफिकर रहिए आप.. आज आपका मुँह भी मीठा करवा ही देंगे.. क्यों जाहिरा.. जैसे ही आखिरी बात मैंने जाहिरा […]
एक भाई की वासना -35
उसने जाहिरा की तरफ ही करवट ली हुई थी और यक़ीनन उसका लंड अपनी बहन की जाँघों से टकरा रहा था। जाहिरा की चूची एक बार फिर से फैजान की नज़रों के सामने नंगी हो गई थी। फैजान वहीं पर नहीं रुका और फिर दूसरी चूची को भी बाहर निकाल लिया। वो कमरे में हो […]
एक भाई की वासना -34
अब आगे लुत्फ़ लें.. क्योंकि अब तो फैजान और भी खुल गया हुआ था और रात भी पूरी बाक़ी थी। डिनर के बाद अभी फैजान टीवी पर कोई न्यूज़ शो देख रहा था कि मैंने जाहिरा का हाथ पकड़ा और उसे बेडरूम में ले आई और बत्तियाँ बुझा कर दोनों बिस्तर पर लेट गए, मैंने […]
एक भाई की वासना -33
वो मेरी बेवक़ूफी पर हंस रहा था कि मैं कैसा बच्चों वाला खेल खेलने को कह रही हूँ। जबकि वो उस बच्चों वाले गेम में भी अडल्ट्स वाला मज़ा लूटने के चक्कर में था। लेकिन जाहिरा थोड़ा झिझक रही थी। मैंने अन्दर से एक दुपट्टा लाकर फैजान की आँखों पर बाँध दिया और बोली- जाहिरा, […]
रेलगाड़ी में भाई बहन की अधूरी चुदाई
जब मैं स्टेशन पर शाम को पहुँचा तो देखा कि मामा-मामी और उनकी बेटी तीनों लोग मेरी ही प्रतीक्षा कर रहे थे। मैं उनसे मिला और बातें की क्योंकि अभी ट्रेन में टाइम था। हम दोनों ने ट्रेन में अपना सामान रखा, मेरी सीट ऊपर थी इसलिए हम दोनों को कोई दिक्कत नहीं हुई। शाम […]
एक भाई की वासना -40
फैजान- यार एक किस तो कर दो इस पर.. जाहिरा- नहीं भैया.. अभी नहीं करूँगी। फैजान- प्लीज़्ज़.. मेरी प्यारी सी बहना हो ना.. तो जल्दी से एक बार कर दो.. जाहिरा- भैया आप बहुत ही ज़िद्दी और बेसब्र हो। यह कहते हुई वो नीचे को झुकी और अपने हाथ में अपने भैया का लंड पकड़ […]
एक भाई की वासना -39
फिर मैंने अपनी ज़ुबान की नोक बाहर निकाली और आहिस्ता आहिस्ता ऊपर से नीचे को अपनी ज़ुबान को उसकी चूत की लकीर पर फेरने लगी। अब जाहिरा की चूत ने और भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया था। अपनी दोनों हाथों की एक-एक उंगली जाहिरा की चूत के बाहर के फलकों पर रख कर आहिस्ता […]
एक भाई की वासना -37
फैजान ने जाहिरा का हाथ पकड़ा और उसे अपने लंड पर रखने की कोशिश करने लगा। फैजान की कोशिशों के वजह से जाहिरा का हाथ अपने भाई की अकड़े हुए लंड से छुआ भी.. और एक लम्हे के लिए उसकी मुठ्ठी में उसका लंड आ भी गया। जाहिरा- भाई यह तो बहुत गरम हो रहा […]
एक भाई की वासना -36
मैं फील कर रही थी कि जाहिरा की मज़ाहमत दम तोड़ती जा रही थी और उसका जिस्म ढीला पड़ता जा रहा था। उसके बदन पर फैजान के हाथों की हरकतें तेज होती जा रही थीं। कभी उसका हाथ अपनी बहन की नंगी कमर को सहलाने लगता और कभी नीचे को जाकर उसके चूतड़ों को सहलाने […]