मेरे स्तन ज्यादा बड़े तो नहीं हैं पर मेरी फिगर को बहुत ही सूट करते हैं और काफी कड़क हैं। मेरा पेट एकदम सपाट है। मैं बाहर जाती हूँ तो अक्सर साड़ी ही पहनती हूँ इसलिए पल्लू की हलचल से दिखने वाली मेरी नाभि सबको आकर्षित करती हैं। मेरी लम्बी टांगों और सुडौल जांघों की […]
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मेरे पति का दोस्त मेरा दीवाना-1
मुझे रवि से बड़ी सुहानुभूति हुई। जब हम हनीमून से वापिस आए तो धीरे धीरे मेरी भी रवि से अच्छी दोस्ती हो गई। और सच में रवि था भी बहुत अच्छा दोस्त; ऐसा दोस्त जिस पर आप आँख बंद करके विश्वास कर सकते हो। मैं भी कई बार उसके साथ बाज़ार वगैरह गई, तो मैंने […]
वासना के पंख-3
कुछ ही दिन में प्रमोद को भी लगने लगा कि वो अब मोहन के साथ उतना समय नहीं गुज़ार पा रहा था और जो मस्ती वो पहले किया करते थे वो काफी कम हो गई थी। मोहन को भी अपनी पत्नी को समय देना ज़रूरी था और फिर एक विषम-लैंगिक पुरुष को तो स्त्री के […]
शादी में चूत चुदवा कर आई मैं-2
ताऊ जी ने बताया कि ये शेर सिंह उनके गाँव का सबसे बड़ा ज़मीनदार है, गाँव में सबसे ज़्यादा ज़मीन इसके पास है। बहुत नेक और शरीफ इंसान है। मेरे दिल में आया कि कह दूँ, ताऊ जी मुझे तो शरीफ नहीं लगता … ये आपकी बहू के मम्में घूर रहा था, आप कहते हैं […]
छोटी गलती के बाद की और बड़ी गलती
मेरा नाम परमजीत कौर है और मैं इस वक़्त 45 साल की हूँ। मेरे दो बच्चे हैं, एक लड़का और एक लड़की। शादी के करीब 15 साल बाद जब मैं करीब 35 साल की थी, तब मेरे पति की ज़्यादा शराब पीने से मौत हो गई। और पति के मरने के बाद मैं अपने ही […]
नंगी आरज़ू-1
घर के हालात कुछ ठीक नहीं थे, जिस वजह से आरजू की शादी भी नहीं हो पा रही थी, जबकि वह भी अट्ठाईस की हो चुकी थी। जिस दौरान सब ठीकठाक था और मैं उनके घर जा जा कर रुक जाता था, उस दौरान आरजू छोटी ही थी, इसलिये उससे मेरी कोई खास बोलचाल नहीं […]
कामवासना पीड़िता के जीवन में बहार-1
मैं रूपा एक मध्यमवर्गीय घर से हूँ। बचपन से ही घर का माहौल काफी घुटा सा रहा। तो जी तो बहुत चाहता था मगर पापा और भाई लोगों के डर की वजह से मैं कभी भी किसी भी लड़के से दोस्ती नहीं कर पाई। इसकी दूसरी वजह यह भी थी कि मैं बचपन से गोल […]
कमसिन जवानी की चुदाई के वो पन्द्रह दिन-2
जगत अंकल यह भी नहीं सोच रहे थे कि बगल से दो अनजान व्यक्ति बैठे हैं. उन्होंने एक हाथ आगे तरफ जो मेरी जांघ में रखा था, उससे मेरी स्कर्ट की इलास्टिक खींचा और सीधे अपना हाथ मेरे अन्दर घुसा कर पेंटी के ऊपर पहुंचा दिया. मैंने अंकल की तरफ जोर से घूरा कि बगल […]
बीमारी ने दिलायी प्यासी भाभी की चूत-6
पहले पैग के खत्म होने तक तो हम आराम से बैठे थे. जब दूसरा पैग शुरू हुआ, तो थोड़ा सुरूर भी होने लगा. मैंने अपना पैर सीधा करके उसकी साड़ी में डाल दिया और पैर के अंगूठे से उसकी चुत को छेड़ने लगा. वाणी भी मस्ती में आने लगी और अपना पैर सीधा करके मेरे […]
अतृप्त वासना का भंवर-3
करीब एक घंटे तक उसने उस दिन बात की और मुझे सुबह दुकान पर दूध लेने आने का पूछा. मैंने उससे साफ कह दिया कि दुकान पर मुझे न टोकना, पता नहीं लोग क्या क्या सोचेंगे. इस पर उसने मेरी बात को समझा और अगले दिन बस हाल चाल पूछ कर दूध देकर मुझे जाने […]