ट्रेन में रात को बीवी की चूचियाँ गैर मर्द को दिखाई-1

शुरू में हम दोनों नीचे वाली बर्थ पर ही बैठे आपस में बात कर रहे थे। मेरी बीवी रुखसार ने झीनी सफ़ेद लेगी और ऊपर कसी बेबी पिंक कलर की कॉटन की कुर्ती पहनी हुई थी, कुर्ती के साइड के कट काफ़ी ऊपर तक थे तो पूरी लेगी उन कट्स में से नजर आ रही थी। मेरी बीवी उस पोशाक में काफ़ी गर्म माल नजर आ रही थी।

लेकिन हमारे आस पास सामने की बर्थ पर कोई मजेदार लोग नहीं थे, कुछ मध्यम आयु वर्ग के स्त्री पुरुष थे, एक दो बुजुर्ग किस्म के और एक दो मिडल स्कूल के से दिखने वाले बच्चे थे।

हमें लग रहा था कि रात से सुबह तक का यह सफ़र काफ़ी ऊबाऊ होने वाला है क्योंकि वहाँ पर कोई भी ऐसा युवा लड़का या पुरुष नहीं दिख रहा थ जिसे मेरी बीवी अपनी अदाएँ दिखा कर मेरा और उसका मन बहला सके, ललचा सके।

तो हम दोनों मायूस से होकर अपनी अपनी बर्थ पर लेट गए और सोने की कोशिश करने लगे।
लेकिन कुछ घन्टे के सफ़र के बाद करीब चार बजे सुबह मेरी नींद खुल गई और साथ ही मेरी बीवी रुखसार भी पेशाब करने के लिए ऊपर की बर्थ से नीचे उतर कर आई।

जब वो टॉयलेट से वापिस आई तो मैंने उसे मेरे साथ ही नीचे की बर्थ पर बैठने के लिये कहा।
मैं देख रहा था कि हमारे आसपास के सभी लोग गहरी नींद में सोये हुए थे। तो मैंने अपनी बीवी के साथ कुछ मस्ती करनी शुरू कर दी, मैं उसके वक्ष को सहलाने लगा, चूचियाँ दबाने लगा, थोड़ा बहुत उसके गालों को चूमने लगा।

मुझे पूरा यकीन था कि सब लोग गहरी नींद में सोये हुए हैं तो कोई भी हमें ये हरकतें करते नहीं देख रहा होगा। लेकिन यही तो हमारे लिए दुःख की बात थी कि कोई हमें देख नहीं रहा था।

कुछ देर बाद मुझे साथ वाले कूपे की सबसे ऊपर वाली बर्थ पर कुछ हलचल महसूस हुई। मैंने देखा कि एक प्रौढ़ सा आदमी पूरी नींद में नहीं है और उसकी पोजिशन ऐसी थी कि वो हमें आसानी से देख सकता था।

मुझे यकीन था कि उस नीम अंधेरे में वो सब कुछ स्पष्ट तो नहीं देख पाएगा लेकिन वो इतना तो समझ ही जाएगा कि कुछ ना कुछ तो चल रहा है।
यह विचार आते ही मैंने रुखसार को बताया और हम दोनों एकदम काफ़ी उत्तेजित से हो गए।

रुखसार कुछ ज्यादा ही साहसी निकली, उसने मेरी पैन्ट के ऊपर से मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया।
तो मैं भी कहाँ पीछे रहने वाला था, मैंने ऊपर उसकी लेगी में हाथ घुसा दिया और मस्ती लेने लगा।

कोई दस मिनट बाद वो आदमी बर्थ से नीचे उतरने लगा। मैंने रुखसार से कहा कि यह आदमी जरूर ही हमारी तरफ़ को आएगा यह देखने के लिए कि यहां चल क्या रहा है, इसलिये जैसे बैठी हो, जो कर रही हो, करती रहना, बिल्कुल भी यह आभास मत देना कि हम सतर्क हो गए हैं।

मैंने अपना एक हाथ रुखसार की कुर्ती के गले से डाल कर उसकी एक चूची को ऊपर को खींच लिया जिससे उसकी आधी चूची नंगी दिखने लगी।

वो आदमी नीचे उतरा, हमारे समीप से गुजरा और आगे निकलते ही उसने पीछे मुड़ कर देखा, वो रुका, एक कदम वापिस लौटा यह पक्का करने के लिये कि जो उसे दिखा, असल में वही सब कुछ वहाँ पर हो रहा है या उसका भ्रम है।

लेकिन हम दोनों उसकी तरफ़ ध्यान दिए बिना पूर्ववत अपनी केलिक्रीड़ा में लगे रहे।
एक मिनट वो खड़ा देखता रहा फ़िर वो टॉयलेट में चला गया।

जब वो वापिस आया तो बहुत धीरे धीरे हमें देखते हुए हमारा खेल देखते हुए आ रहा था। मुझे मालूम था कि वो यही करेगा तो तब तक मैंने रुखसार की कुर्ती पूरी ऊपर उठा दी थी और ब्रा में से उसकी चूची निकाल कर चूसने लगा था।

वो हमारे पास आ कर रुक गया और निर्लज्ज हो कर हमें देखने लगा। मैंने रुखसार की चूची चूसनी छोड़ी और उससे हाथ के इशारे पूछा कि क्या बात है।
अब मेरी बीवी की चूची पूरी नंगी उसके सामने थी और वो उसे घूर रहा था।

मैंने उस आदमी को हाथ से उसकी बर्थ पर जाने का इशारा किया तो वो जाते जाते मेरी बीवी की चूची को हाथ में लेकर मसल कर चला गया।
उम्म्ह… अहह… हय… याह…
हमने उसे कुछ नहीं कहा, हमारी तो यात्रा सफ़ल हो गई थी।

वो जाकर अपनी बर्थ पर लेट गया और हमारी ओर ही देखता रहा, हमने भी उसे दिखा दिखा कर अपनी करतूतें जारी रखी, उसे मैंने रुखसार की कुर्ती और साथ में ब्रा पूरी ऊपर उठा कर उसकी दोनों चूचियाँ दिखाई।

उसे हमे 1-2 स्टेशन पहले उतरना था तो जाते वक्त उसने कूपे की लाइट जलाई और जाते हुए उसकी निगाहें मेरी रुखासार के ही ऊपर थी।
मैंने देखा कि वो आदमी कम से कम 50 साल का तो था।

तो इस तरह हम मियां बीवी ने अपने ट्रेन के सफ़र का मजा लिया।
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