चुद गई गुड़िया पंजाबन -1

लड़की का नाम सुखप्रीत है.. उसको सब प्यार से गुड़िया बुलाते हैं।

दिखने में एकदम माल थी.. उसका फिगर होगा कोई 30-26-32 और लम्बाई कुछ 5 फुट 4 इंच की एकदम गोरी-चिट्टी चोदने के लिए परफेक्ट माल थी।
वो मुझसे एक साल बड़ी है, वो बहुत ही खुले विचारों वाली लड़की है। उनका घर हमारे बगल में ही है.. इसलिए हमारे बीच बातचीत हो जाती है।

पहले तो मैंने गुड़िया के बारे में ऐसा कोई गलत नहीं सोचा था.. पर एक दिन उसके घर पर कोई नहीं था और मैं उनके घर कुछ मूवीज की डीवीडी लेने गया।

मैंने जाकर उनके घर की घन्टी बजाई जब किसी ने दरवाज़ा नहीं खोला.. तो मैंने फ़िर से घन्टी बजाई।

तो अन्दर से आवाज़ आई- थोड़ी देर रुको, मैं नहा रही हूँ..
मैंने 10 मिनट राह देखी.. तभी उसने दरवाज़ा खोला।
दरवाज़ा खुलते ही मैं तो देखता ही रह गया.. वो सिर्फ तौलिया लपेटे हुए खड़ी थी, उसके मम्मों की दरार साफ़ दिख रही थी।

फ़िर उसने मेरा ध्यान खींचते हुए मुझे टोका- अरे समीर.. क्या यार.. थोड़ी देर रुक नहीं सकते.. कब से घन्टी के पीछे हाथ धोकर पड़े हो।
मैं- नहीं.. वो मेरे घर पर कोई नहीं है न.. और मैं घर खुला छोड़ कर आया हूँ।
गुड़िया- मेरे घर पर भी कोई नहीं है.. सब बाहर गए हैं घूमने..

मैं- मुझे कुछ मूवीज की डीवीडी चाहिए थी.. घर पर कोई नहीं है तो बोर हो रहा हूँ।
गुड़िया- सेम हियर यार।
मैं- तो तुम भी मेरे घर चलो.. साथ में फ़िल्म देखेंगे।
गुड़िया- ठीक है।
मैं- चलो कुछ डीवीडी ले लो।
गुड़िया- इस हालत में?
मैं- ओह सॉरी.. तुम कपड़े पहन लो।

ऐसा कहते हुए मैंने फ़िर उसके मम्मों को देखा.. जिससे वो थोड़ी शरमा गई और भाग कर अन्दर चली गई।
मैं अपने घर आ गया और मेरे लंड को शांत करने के लिए बाथरूम में जाकर मुठ मारने लगा.. थोड़ी देर में मैं झड़ गया।
जैसे ही मैं बाथरूम के बाहर निकला घंटी बजी और मैंने दरवाज़ा खोला तो सामने गुड़िया खड़ी थी।

सफ़ेद रंग के सलवार सूट में वो एकदम कयामत लग रही थी।
उसने बोला- ओ हैलो.. सैम.. कहाँ खो गए??
मैं सकपका गया और बोला- कुछ नहीं.. तुम बहुत हॉट लग रही हो..
उसने मजाक करते हुए ‘हम्पटी शर्मा की दुल्हनिया’ का डायलॉग बोल दिया- मैं पैदा ही हॉट हुई थी..
और हम दोनों हँसने लगे।

मैंने बोला- अब इधर ही खड़ी रहोगी या अन्दर भी आओगी??
वो मुझे धक्का देकर अन्दर आते हुए बोली- रास्ता रोक कर अन्दर आने के लिए नहीं बोला जाता..
फ़िर हमने टीवी ऑन किया और डीवीडी चालू करके उसकी लाई हुई डीवीडी चला दी।
पिक्चर स्टार्ट हुई तो पता चला वो पंजाबी पिक्चर थी।

मैंने बोला- क्या यार.. मैं पंजाबी नहीं समझता..
गुड़िया ने बोला- सॉरी.. जल्दी-जल्दी में गलत डीवीडी ले आई हूँ।
मैंने बोला- कोई बात नहीं मेरे कमरे में कुछ डीवीडी पड़ी हैं तुम ले आओ मैं जब तक तुम्हारे लिए कुछ खाने को ले आता हूँ।

मैं रसोई की तरफ़ चल पड़ा और वो मेरे कमरे की ओर चली गई।
थोड़ी देर में मैं उसके लिए कुछ स्नैक्स और पाइनएप्पल का जूस ले आया।
वो भी डीवीडी लेकर आ गई और हमने पिक्चर लगा दी।

मैं सोफे पर बैठा टीवी देख रहा था। वो लगातार मुझे ही देखे जा रही थी। जब मुझे उसका आभास हुआ.. तो मैंने उसकी तरफ देखा। वो मुझे देख कर मुस्कुरा दी.. बदले में मैं भी उसको देखकर मुस्कुरा दिया।

मैंने बोला- तुम पंजाबी लड़कियाँ इतनी हॉट क्यों होती हो??

उसने इतराते हुए बोला- हॉटनेस हमारे ब्लड में होती है.. जैसे तुम गुजराती ब्वॉय इतने क्यूट होते हो.. वैसे ही हम पंजाबी लड़कियाँ हॉट होती हैं।
फिर मैंने बोला- ओह.. अच्छा..
गुड़िया- अच्छा बता.. तू ‘वो’ वाली पिक्चरें भी देखता है?
मैं- नहीं तो..

गुड़िया- फ़िर ये डीवीडी तेरी अलमारी में क्या कर रही थी?
उसने एक XXX डीवीडी दिखाई।
मैं डर गया और अपनी गरदन नीचे झुका ली।

फिर वो मेरे पास आई और बोली- अरे तू तो शरमा गया.. इसमे शरमाने वाली क्या बात है.. यही तो ये सब करने की उमर है।
अब वो मुझसे चिपक कर बैठ गई.. मैंने धीरे-धीरे उसके बदन को सहलाना शुरू कर दिया और उसने कोई विरोध नहीं किया.. तो मेरी हिम्मत बढ़ने लगी।

फिर मैंने उसका चेहरा अपने हाथों में पकड़ कर उसकी तरफ़ ललचाई हुई निगाहों से देखने लगा। उसने मेरी आँखों में देख कर अपने होंठ मेरी तरफ़ आगे किए और बोली- आई लव यू समीर..
मैंने उसके गुलाबी और कोमल होंठों को अपने होंठों से सटाया.. तो मुझे उसकी गर्म साँसें महसूस हुईं.. जो कि काफी तेज चल रही थीं। मैं कामातुर हो कर उसके होंठों को करीब 10 मिनट तक चूसता रहा।

वह भी अपनी जीभ मेरे मुँह में डालकर चाट रही थी। फिर मेरे हाथ उसके सर पर से सरक कर उसकी चूचियों पर आ गए। कुछ देर उसके मस्त उभारों को सहलाने के बाद हाथ को कुरते ले अन्दर ले गया। पहले तो मैंने उसके कुरते के ऊपर से ही उसके मम्मों को सहलाना शुरू कर दिया और फ़िर जैसे ही अन्दर हाथ डाला.. उसने मुझे धक्का दे दिया..
बोली- इन्नी जल्दी तैनू कुछ वी ना करने देना मैं!
ये कह कर वो हँसने लगी और भाग कर घर चली गई।

अब मेरी हालत बिल्कुल भूखे शेर जैसी थी.. जो शिकार के लिए कुछ भी करने को तैयार हो.. पर उसे शिकार न मिल रहा हो।
मुझे फ़िर से मुठ मार कर ही काम चलाना पड़ा।
पर अब मैं उससे बिंदास खुल चुका था। फिर ऐसे ही चुम्मा-चाटी में कुछ दिन निकल गए और मेरी हालत बहुत खराब होती जा रही थी।
रात को मैंने उसको फोन पर पूछा- क्या यार.. तू कुछ करने तो देती नहीं.. ऐंवें ही आई लव यू बोलती है..

तो उसने बोला- ओए सब्र कर मेरे शेर.. तैनू जन्नत दी सैर करावान्गी।
मैंने बोला- कब.. कराएगी सोणिए..??
गुड़िया- अच्छा चल.. कल मुझे सुबह 8 बजे कॉलेज से पिक कर..
मैं खुश हो गया और बोला- ठीक है.. मेरी जान..

दूसरे दिन मैं तैयार हो कर 8 बजे उसके कॉलेज के गेट पर पहुँच गया।
थोड़ी देर इन्तजार करने के बाद मुझे वो आती हुई दिखाई दी।

तो दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है.. आप जो भी कहें.. लेकिन यह कहानी बिल्कुल सच्ची है।

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