गर्लफ्रेंड की सहेली और थ्री-सम चुदाई -1

मैंने चुदाई का बहुत अनुभव लिया लिया है अब तक अठारह साल से तेईस साल तक की 12 लड़कियों.. 6 आंटियां.. जिनके बच्चे भी थे.. 9 अविवाहित युवतियां जिनकी उम्र 23 साल से 30 साल तक की थी और 2 तलाकशुदा भाभियों को चोद चुका हूँ.. कुछ हॉस्टल गर्ल्स को भी निपटा चुका हूँ।

आज मैं आपके सामने अपनी दूसरी कहानी पेश कर रहा हूँ.. मेरे जीवन में बहुत से चुदाई के मौके आए और उन मौकों में मैंने चौके-छक्के भी मारे..

उनमें से ही एक कहानी आज मैं यहाँ पेश कर रहा हूँ.. पसंद आए तो काम्प्लीमेंट्स और न पसंद आए तो कम्प्लेंट्स के लिए.. मेरी ईमेल आईडी पर आप मेल कर सकते हैं.. वैसे फेसबुक पर भी आप इसी आईडी से मुझको ऐड कर सकते हैं.. विषेशकर मेरी महिला फ्रेंड्स.. उफ्फ.. उनके मम्मों के लिए मेरा बहुत सारा प्यार.. लड़कियों और महिलाओं के जिस्म में मुझे उनके भरे हुए मम्मे बहुत ही पसंद आते हैं.. और उस पर उनके निप्पल बड़े हों.. तो सोने पे सुहागा..

तो चलिए कहानी आरंभ करते हैं यह कहानी…
मेरी गर्लफ्रेंड नाम आयशा श्रीवास्तव है.. जिसकी कहानी मैं पहले भी आपको सुना चुका हूँ.. उसका फिगर 36बी-30-34 का है और उसकी फ्रेंड प्रियंका (34c-28 -34).. ये वही प्रियंका है.. जिसको आपने मेरी पहली कहानी में भी जाना था..

उस कहानी में प्रियंका ने मूवी हॉल में मेरे और मेरी गर्लफ्रेंड के मजेदार सेक्सी सीन देखे थे।

इस घटना के बाद यह बात उस समय की है.. जब मेरी गर्लफ्रेंड के एग्जाम चल रहे थे। वो कॉलेज के बाहर एक पीजी में रहती थी.. जहाँ ग्राउंड फ्लोर के अलावा दो मंजिल बने हुए थे.. और ऊपरी मंजिलों में कुल मिला कर 4 कमरे थे.. सबसे नीचे मकान-मालकिन का निवास था.. जो कि एक तलाकशुदा महिला थी.. और वो अपनी नौकरानी के साथ उस हिस्से में रहती थी.. उसके साथ और कोई नहीं था।

उसके ऊपर वाली मंजिल में जहाँ दो कमरे बने हुए थे.. जिनमें एक में मेरी गर्लफ्रेंड के ही कॉलेज की सीनियर मैम सुरभि.. और दूसरे कॉलेज की अर्चना रहती थीं। दूसरे कमरे में आयशा की गर्लफ्रेंड पूनम जो कि उसके कॉलेज की जूनियर लड़की थी.. उसके साथ में एक अन्य जूनियर लड़की साइमा.. रहती थी। सबसे ऊपर एक कमरे में इस कहानी की दूसरी हीरोइन प्रियंका और उसकी एक सहेली अनामिका एक ही कमरे में रहती थीं।

सबसे आखिरी कमरे में मेरी गर्लफ्रेंड आयशा अकेली रहती है.. जो कि मेरा आईडिया था।

मैं आपको बता दूँ कि इनमें से प्रियंका.. सीनियर मैम सुरभि.. और एक जूनियर पूनम.. सब एक ही शहर लखनऊ की हैं.. जहाँ से मैं और मेरी गर्लफ्रेंड आयशा है।
यानि लखनऊ के नवाब और शहजादियां..

तो जब हम लोग मूवी देख कर अपने अपने रास्ते निकल लिए.. तो मेरी गर्लफ्रेंड और उसकी सहेली प्रियंका और सीनियर मैम सुरभि यहाँ अपने पीजी में आ गए।

बाद में फोन करके पता चला कि प्रियंका मेरी गर्लफ्रेंड से मूवी हॉल में हुए मजे के बारे में काफी मजाक कर रही थी.. जो कि मुझे आयशा ने बताया था.. आप उसी के बाते अनुसार जानें।

प्रियंका बोली- यार.. तेरे बॉयफ्रेंड का मस्त तो लम्बा लण्ड है.. और जो तूने उसका लण्ड चूसा तो मैं तो शॉक ही रह गई.. जब उसने तेरा सर पकड़ का अपने लण्ड में घुसेड़ दिया.. मजा आ गया.. आह्ह.. सच में यार तुम्हारा वो कितना हॉर्नी और सेक्सी है यार.. तुम लोग तो असली में चुदाई भी कर चुके होगे ना..

यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
आयशा ने भी शरम छोड़कर सब बता दिया- हाँ.. हम दोनों बहुत चुदक्कड़ हैं.. और हम दोनों बहुत बार चुदाई की है.. लेकिन अब काफी समय हो गया चुदाई किए.. तो मूवी हॉल से ही काम चलाना पड़ रहा है।

इस पर प्रियंका बोली- यार तो उसको यहीं पीजी में बुला लो न.. और मजे ले लो..
आयशा बोली- कैसे यार.. यहाँ कैसे?
तो प्रियंका ने आईडिया दिया- यार मकान मालकिन को.. अपने बॉयफ्रेंड को भाई बनाकर इंट्रोड्यूज करा दो.. और अपनी माँ से बात करा देना.. तो उनका पक्का यकीन हो जाएगा.. कि भाई सामान लाकर छोड़ जाएगा.. और किसी और औरत से मकान मालकिन की माँ बना कर बात करा देना..

आयशा ने सोचा अगर ऐसे मकान मालकिन मान जाएगी.. तो मजा ही आ जाएगा।
प्रियंका आयशा को खुश देखकर बोली- पर यार मुझको भी दिखाना.. कैसे करते हो तुम लोग..
‘तेरा तो बॉयफ्रेंड भी नहीं है.. तू तो बस उंगली से काम चला ले न..’

प्रियंका आयशा की इस बात से अन्दर से चिढ़ गई… लेकिन उसने ये भाव जाहिर नहीं होने दिया।

फिर आयशा ने मुझको कॉल किया और सब बता दिया.. तो मैंने बोला- शायद एक औरत ऐसा कर सकती है..
तो उसने बोला- कौन?
मैंने बोला- वही.. जिस लड़की को मैं होम टयूशन देता हूँ.. उसकी माँ.. तुम्हें बताया है ना.. वो मुझको लाइन मारती है.. और क्लीवेज दिखाती है.. मैंने उसको मेरे और तुम्हारे बारे में बता दिया था.. शायद उससे बात कराने पर बात बन जाएगी।

खैर.. यह सब बात तय हो गई और मैंने उस लड़की की माँ से बात की.. और वो मान गई।
अगले दिन मैंने उनकी आंटी से बात करा दी।

आंटी ने फोन पर मकान मालकिन से बात शुरू की- नमस्ते मैडम जी.. देखिए मेरा बेटा विवान आएगा.. कुछ सामान भिजवाना था.. तो मैं आपको पहले से बता दे रही हूँ..
मकान मालकिन- अरे आप परेशान ना हों.. आपका बच्चा हमारा बच्चा.. आप उसे बेफिक्र भेज दीजिए..
फिर थोड़ी देर इधर-उधर की बातें हुई और फोन काट दिया गया।

अब हम दोनों बहुत खुश हो गए.. और हम दोनों ने अगले दिन ही मिलने का प्लान बनाया.. आयशा ने प्रियंका को भी बताया था कि विवान आज आने वाला है.. लेकिन टाइम का नहीं पता था।

मैं एक बड़े से बैग में ढेर सारी चीजें लेकर चला गया.. और पसीने से भीगते हुए.. मैं उसके पीजी पहुँचा।

मैंने फोन पर आयशा को बोल दिया- नीचे आओ.. आयशा नीचे आई और मकान मालकिन से मुझको मिलाया।
हम तीनों लोग थोड़ी देर नीचे बैठे.. थोड़ी बात-चीत हुई, फिर मकान मालकिन बोली- तुम विवान ही हो ना..?
मैंने बोला- हाँ आंटी।
तो उन्होंने ने मुझसे आईडी कार्ड दिखाने को बोला।

थैंक गॉड हम दोनों का सरनेम सेम था.. तो कोई प्रॉब्लम नहीं हुई.. और मैं ऊपर उसके कमरे में चला गया। गर्मी बहुत थी तो आयशा ने कूलर चला दिया.. जो बाहर से खिड़की में लगा हुआ था।

आयशा ने ढीला सा हरे रंग का टॉप पहना था और नीचे फुल लोअर पिंक कलर का.. और मैंने जीन्स और शर्ट पहना था।
आयशा ने मुझको पीने को पानी दिया.. और उसके बाद हम महीनों की प्यास बुझाने के लिए टूट पड़े।

कमरे में उसका सिंगल दीवान था.. और वो मुझको धक्का देकर मेरे ऊपर कूद गई और अपने रसीले होंठ मेरे होंठों से लगा दिए। हम दोनों एक-दूसरे को चूसने-काटने लगे।

मैं उसका नीचे का होंठ चूसता तो वो मेरे ऊपर के होंठ का रस पीने लगती। कभी मैं उसको दोनों लिप्स को अपने मुँह में लेकर चूसता और कभी वो भी ऐसा ही करती..।

धीरे-धीरे उसने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए और मेरी छाती.. जो काफी बाहर को निकली है.. उसके निप्पलों को चूसने लगी.. काटने लगी।

मैं गर्म हो गया और उसको पकड़ कर नीचे कर दिया और मैं उसके ऊपर आ गया। मैंने उसके गले को चूम-चूम कर गीला कर दिया.. उसके कान के निचले हिस्सों को काटा.. तो वो सिहर उठी।

अब मैं नीचे आते हुए उसके कंधे पर अपने दांत के हल्के से निशान बनाते हुए उसको उत्तेजित करने लगा। इसी के साथ मैं उसके ढीले टॉप को कंधे से हटाते हुए पूरे कंधे को चूसने और काटने लगा.. वो जबर्दस्स्त चुदासी और पागल हो रही थी।

मैंने उसके टॉप के पीछे साइड से नीचे से हाथ डाल कर उसकी ब्रा को खोल दिया जिसमें मैं बहुत एक्सपर्ट था.. और हुक्स खोलते ही मैंने हाथ आगे की तरफ लाकर उसके मम्मों को ऊपर से छूने और मसलने लगा।
वो गनगना उठी.. उसके टॉप को ऊपर उठाकर उसके मम्मों ब्रा के ऊपर से चूसने लगा और काटने लगा। जिससे उसकी ब्रा गोलाई में निप्पलों के पास से गीली हो गई।

अब वो बोली- जान.. आराम से करो न.. मैं मानती हूँ तुम इतने महीनों के प्यासे हो.. और मैं भी हूँ..
मैंने उसकी बात पर ध्यान न देते हुए उसकी ब्रा और टॉप को उसके ऊपर से निकाल का फेंक दिया।

दोस्तो, मुझे इस चुदाई में जो आनन्द आ रहा था.. वो मैं आपको हूबहू बताने का पूरा प्रयास कर रहा हूँ। इस घटना का पूरा मजा लेने के लिए आप सभी मेरे साथ बने रहिये और मुझे अपने विचारों से जरूर अवगत कराएं।
कहानी जारी है।
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