Tag: हॉस्टल सेक्स

मेरी कमसिन चूत और लेस्बीयन लड़कियाँ हॉस्टल में-2

जब मैं यहाँ पहली बार आई थी तो उषा दीदी से मिली थी। वह हमारे शहर से ही हैं और उन्होंने मुझे सेक्स के बारे में बताया था। पहले पहले मुझे शर्म बहुत आती थी, पर धीरे-धीरे यह आदत हो गई। अब तो ऐसा है कि रोज़ ना करूं तो मन नहीं भरता.. दिन भर […]

मेरे नीग्रो सैंया जी-2

मैं बोली- इसमें माफी मांगने वाली क्या बात है? वह बोला- फिर क्या सोचा तुमने? मैंने भी उसे ‘आई लव यू टू..’ बोल दिया और फोन स्विच ऑफ़ करके सो गयी. दूसरे दिन क्लास में हम एक दूसरे को देखते और स्माइल करते रहे. क्लास खत्म होने के बाद मैं उसके रूम पे गयी. हम […]

केले का भोज-1

कोई सोच भी नहीं सकता किसी के साथ ऐसा भी घट सकता है !!! एक छोटा सा केला। उस घटना के बाद मैंने पापा से जिद करके जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली) ही छोड़ दिया। पता नहीं मेरी कितनी बदनामी हुई होगी। दस साल बाद आज भी किसी जेएनयू के विद्यार्थी के बारे में बात […]

केले का भोज-2

लेकिन अकेले में मेरे साथ उसके रवैये में कोई फर्क नहीं था। दोस्ती की मदद के साथ साथ एक अंतनिर्हित रस्साकशी भी। नोट्स का आदान-प्रदान, किताबों, विषयों पर साधिकार बहस और साथ में उतने ही अधिकार से सेक्स संबंधी चर्चा। अपने सेक्स के, हस्तमैथुन के भी प्रसंगों का वर्णन करती, समलैंगिक अनुभव के लिए उत्सुकता […]

केले का भोज-3

उस घर्षण ने मुझे थरथरा दिया और बदन में बिजली की लहरें दौड़ गईं। हूबहू मोटे लिंग-से दिखते उस केले के मुँह को मैंने पुचकार कर चूम लिया। और उसी क्षण लगा, मन से सारी चिंता निकल गई है, कोई डर या संकोच नहीं। मैंने बेफिक्र होकर केले को योनि के मुँह पर लगा दिया […]

केले का भोज-4

क्या बोलती? केला अन्दर गड़ रहा था। मैंने सिर झुका लिया। आँखें डबडबा आईं। नेहा घबराई, कुछ गड़बड़ है, कमरे में खोजने लगी। केले का छिलका बिस्तर पर पड़ा था। नाश्ते की दोनों प्लेटें एक साथ स्टडी टेबल पर रखी थीं। ‘क्या बात है? कुछ बोलती क्यों नहीं?’ मेरा घबराया चेहरा देखकर संयमित हुई,’आओ, पहले […]

केले का भोज-5

मेरे सिर के नीचे से एक तकिया खींचा है। मेरे नितंबों के नीचे हाथ डालकर उठाकर तकिया लगाया जा रहा है… मेरे पैरों को उठाकर घुटनों को छाती तक लाकर फैला दिया गया है… सब कुछ उनके सामने खुल गया है। गुदा पर ठंडी हवा का स्पर्श महसूस हो रहा है… ॐ भूर्भुव:… धीमहि… पता […]

केले का भोज-6

अब मुझे पता चला कि वह उंगली सुरेश की थी। मैं उसे नेहा की शरारत समझ रही थी। ‘तुम बुद्धिमान हो।’ नेहा हँसती है- मैंने तुम्हें बुलाकर गलती नहीं की।’ तो यह बहाने से मेरी ‘वो’ मारना चाह रहा है। गंदा लड़का। मुझे एक ब्लू फिल्म में देखा गुदा मैथुन का दृश्य याद हो आया। […]

केले का भोज-9

उन्होंने मेरे दोनों हाथों को अपने शरीरों के नीचे दबा लिया है और मेरे पैरों को अपने पैरों के अन्दर समेट लिया है। मेरे माथे के नीचे तकिया ठीक से सेट किया जा रहा है और… स्तनों पर उनके हाथों का खेल। वे उन्हें सहला, दबा, मसल रहे हैं, उन्हें अलग अलग आकृतियों में मिट्टी […]

केले का भोज-8

किवाड़ खोलते ही ‘बंद क्यों है?’ कहता निर्मल अन्दर आ गया। नेहा ने उसे दरवाजे पर ही रोककर बात करने की कोशिश की मगर वह ‘सुरेश बता रहा था निशा को कुछ परेशानी है?’ कहता हुआ भीतर घुस गया। मुझे गुस्सा आया कि नेहा ने किवाड़ खोल क्यों दिया, बंद दरवाजे के पीछे से ही […]