लेकिन मेरी बात पूरी होने से पहले ही अंकल ने कहा- नहीं.. मैं शादी तो किसी क़ीमत पर नहीं करूँगा। तब मैंने पूछा- क्या सारी जिन्दगी अकेले ही रहेंगे? वह टालने वाले अंदाज़ में बोले- छोड़ो.. कोई और बात करो.. तुम्हें यहाँ बहुत दिन रहना है.. इसलिए मैं चाहता हूँ कि इस घर के बारे […]
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मैं जवान प्यासी लड़की -4
अपने आफ़िस के टेबल से चाबी निकाल कर अपना बेडरूम खोलने लगे.. मैं उनके पीछे ही थी। बेडरूम खुलते ही उन्होंने अन्दर क़दम बढ़ाया.. लेकिन मैं थोड़ा झिझक रही थी। अंकल ने मुस्करा कर मेरी तरफ देखा और मेरा हाथ पकड़ते हुए बोले- आ जाओ.. तुम्हारे जैसी मॉडर्न लड़कियाँ भी शरमाती हैं कहीं? और देखो […]
मैं जवान प्यासी लड़की -5
अब आगे.. लेटेक्स का होने के सबब यह ब्रा और पैंटी मेरे जिस्म पर एकदम चिपक गई थी.. इनका रंग बिल्कुल मेरे बदन जैसा था और ऊपर से बिल्कुल पारदर्शी.. सिर्फ़ मेरे जिस्म को यह महसूस हो रहा था कि मेरे जिस्म पर कुछ पहना हुआ है। देखने वालों को लगता था कि मैं बिल्कुल […]
हर किसी को चाहिए तन का मिलन-5
अकीरा ने इस मैसेज के साथ अपनी फ़ोटो भी विक्रांत को भेज दी। पतले से गुलाबी रंग के गाउन में उसके बदन एक एक घुमाव और उभार दिख रहा था, ऊपर से मासूमियत भरा उसका चेहरा देख विक्रांत फिर से उत्तेजित हो गया। अनजाने में उसका हाथ लन्ड पर चला गया और वो फूल स्पीड […]
माँ बेटी की चुदाई
खैर समय पर मैं उसके दरवाजे पर था। दर्वाजे पर घण्टी बजाते ही दरवाजा खुला, छवि ने ही आकर दरवाजा खोला। दरवाजा तो छवि ने खोला लेकिन उसके सेक्सी बदन को देख कर मेरी आँखें खुली की खुली रह गई। उस साली ने केवल एक गाउन अपने बदन पर डाल रखा था। मेरा मन किया […]
अब्बू के दोस्त और मेरी अम्मी की बेवफाई -6
अब आगे.. शाम को अकरम अंकल आए तो मैं उनको निहारती रह गई। क्या बलिष्ठ गठा हुआ बदन पाया था अंकल ने..! मैं समझी कि अम्मी असलम अंकल की बात कर रहीं हैं लेकिन मेरी चुदाई का प्रोग्राम अकरम अंकल के साथ था। हम लोग खाना खाकर लेटने की तैयारी करने लगे। आज हम तीन […]
लण्ड न माने रीत -1
मैं भी उसकी हालत देख दुखी हो उठा था और पछता रहा था.. लेकिन अब क्या हो सकता था। समय का चक्र पीछे नहीं घुमाया जा सकता.. अब वापस लौटना बेवकूफी ही कहलाएगी। यही सोच कर मैंने उसके अर्ध-विकसित स्तन अपनी मुट्ठियों में भर लिए फिर मैंने अपने चारों और नज़र फिरा के देखा.. जेठ […]
मेरी मदमस्त रंगीली बीवी-16
सलोनी के मुख से निकले एक एक शब्द के लिए मुझे इन्तजार था… और मुझे ही क्या ये साले तीनों भी पूरे मज़े से सुन रहे थे। फ़र्क इतना था कि मेरे हाथ में मेरा ही लंड था जबकि वे तीनों असल में मेरी सलोनी के कोमल अंगों का रसास्वादन और मंथन सब कर रहे […]