Tag: रोमांस

प्रोड्यूसर का बेटा मॉडल पर फ़िदा

यह कहानी उन में से सबसे छोटे आशिक की है। आप लोगों ने मेरी पिछली कहानी में पढ़ा होगा कि मैं अपने कॉलेज की अप्सरा कहलाती थी और इसका मैं भरपूर फायदा उठाती थी। उसी समय से मैं थोड़ी बहुत कैट वाक, मॉडलिंग ये सब करती रहती थी और साथ ही साथ खूब चुदती भी […]

तीन चुम्बन-5

मैंने एक हाथ से उसका चेहरा अपने लण्ड के सुपाड़े पर छुआते हुए कहा- इसे प्यार कर ना ! चूम लो मेरे लौड़े को अपने होठों से ! रहस्यमयी मुस्कान अपने होठों पर लाते हुए मिक्की ने मुझे घूरा और फिर तड़ से एक चुम्बन ले लिया। मिक्की के होंठ थोड़े खुले थे, मैंने एक […]

हमउम्र भांजी से प्यार और चूत चुदाई

मैं मान गया। अगले दिन मैं भैया के साथ निजामुद्दीन स्टेशन गया.. वहाँ दीदी आई थीं.. उनके साथ उनकी बेटी भी आई थी.. जो मुझसे 4 महीने बड़ी थी। मैंने उसे 6 साल बाद देखा था। अब वो काफी आकर्षक लग रही थी.. पर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि वो मेरी भान्जी थी। िरास्ते […]

ससुर और बहू की कामवासना और चुदाई-4

ठीक आठ बजकर पांच मिनट पर ट्रेन ने बंगलौर स्टेशन से रेंगना शुरू कर दिया और जल्दी ही प्लेटफोर्म और शहर की लाइट्स पीछे छूटने लगीं और खिड़की के बाहर अँधेरा दिखने लगा. ट्रेन एकदम स्मूथली बिना आवाज किये दिल्ली की तरफ दौड़ रही थी. मैंने कूप भीतर से लॉक कर दिया. बहूरानी सोफे पर […]

ससुर और बहू की कामवासना और चुदाई-2

बहू रानी तुरन्त उठ के सीधी हुई और मुझे शिकायत भरी निगाहों से लेकिन होंठों पर मुस्कराहट लिए देखती रही, तभी उसके होंठों ने ज़रा सा गोल होकर जैसे हवाई चुम्बन दिया; प्रत्युत्तर में मैंने भी अपने होठों से जवाब दिया. मैं अपनी बहूरानी के इस आत्मीय और संतुलित व्यवहार से हमेशा ही अचंभित, अवाक्, […]

ससुर और बहू की कामवासना और चुदाई-7

ट्रेन साढ़े नौ के करीब भोपाल जा पहुंची. हम लोगों का डिनर हो चुका था और अब हमारी जर्नी लास्ट लैप में थी. सुबह छह बजे हमें निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन (दिल्ली में कई रेलवे स्टेशनों में से एक) पहुंच जाना था. अब कोई सात आठ घंटे ही हमारे पास थे. “अदिति बेटा!” “हां जी पापा […]

स्त्री-मन… एक पहेली-1

पर हर कहानी क्या सच में सिर्फ़ कहानी ही होती है? मेरा तो ख्याल है कि बिल्कुल नहीं… खैर! यह वार्ता फिर कभी… अब वापिस आते है अपनी कहानी पर! जिन पाठकों ने मेरी पिछली कहानी ‘हसीन गुनाह की लज़्ज़त’ नहीं पढ़ी है मैं उन पाठकों से अनुरोध करता हूँ कि इस रचना का संपूर्ण […]

स्त्री-मन… एक पहेली-3

मैंने कपड़ों की हल्की सी सरसराहट और साँसों की मध्यम सी आवाज़ सुनी. मेरे ही बैड पर, मेरे दायीं ओर कोई था. एक पल को तो मेरे रौंगटे खड़े हो गए लेकिन जैसे ही मुझे प्रिया के वहाँ होने का ध्यान आया तो मेरे लिंग में भयंकर तनाव आ गया. मैंने अपना बायाँ हाथ आगे […]

स्त्री-मन… एक पहेली-2

नज़र झुकाये, अपने दोनों हाथों में मेरा हाथ थामे, प्रिया ग्रीक की कोई देवी की मूरत सी लग रही थी. “आप मेरे जीवन के प्रथम-पुरुष हैं, मैं मन ही मन आप को पूजती हूँ और मेरे दिल में हमेशा आप की एक ऊंची और ख़ास जगह है और हमेशा रहेगी। इस के साथ ही यह […]

स्त्री-मन… एक पहेली-5

अधखुले आद्र और गुलाबी होंठों में बालों पर चढ़ाने वाला काला रबर-बैंड और बालों में बिजली की गति से चलती दस लम्बी सुडौल उंगलियाँ। यकीनन मेरी कुंडली में शुक्र बहुत उच्च का रहा होगा तभी तो रति देवी मुझ पर दिल खोल कर मेहरबां थी. तभी प्रिया अपने बाल व्यवस्थित करने के उपरान्त मेरी ओर […]