Tag: रोमांस

मेरा गांडू भाई और मेरे चोदू यार-8

अब मैं चुप हो गई. तब उसने कहा- क्या हुआ बोलो? मैं- प्लीज़, ये बात किसी को मत बताना प्लीज़ डार्लिंग. प्रीत- अरे पागल हो क्या … मैं क्यों बताऊंगा … तुम टेंशन मत लो. मैंने उसे अपने सर की कसम दी. वो बोला- कसम से … किसी को नहीं बताऊंगा. बस तुम मेरा एक […]

तलाकशुदा का प्यार-4

सिल्क में एक अच्छी जीवन साथी बनाने के सभी गुण थे. पता नहीं क्यों … उसका तलाक क्यों हुआ? मुझे उसके पूर्व पति में तरस आया कि ऐसी नारी के साथ उसका निर्वाह नहीं हो पाया. बहरहाल वापिस सुबह पे लौटते हैं. सिल्की ने भी मेरे गुड मॉर्निग का जवाब एक गरमागरम किस के साथ […]

इश्क विश्क प्यार व्यार और लम्बा इन्तजार-5

जैसा कि मैंने बताया था कि मोनिका की शादी के बाद हम दोनों फिर से दोबारा होटल में मिले थे और वहां हमने दबा के सेक्स किया था. सेक्स के साथ ही अपनी पुरानी यादें ताजा की और फिर वहां से दुबारा मिलने का वादा करके चले आए. अब आगे: घर आकर 2-3 दिन हमारी […]

एक थी वसुंधरा-2

तत्काल वसुंधरा का हाथ मेरे हाथ पर कस गया. वसुंधरा की आँखें अभी तक बंद थी और खुद वसुंधरा अभी तक अपने अवचेतन मन के प्रभाव में थी. मैंने गौर से वसुंधरा के चेहरे की ओर देखा. वसुंधरा के नाक़ में लौंग की हीरे की कणि रह-रह कर चमक बिखेर रही थी. नाक में मौज़ूद […]

एक थी वसुंधरा-1

बहुत सारे लोग … जिन में मैं भी शामिल हूँ, अपने-अपने व्यक्तित्व के ग्रे शेड को अभिभूत करने इस साइट पर आते-जाते रहते हैं. अच्छा ही है. यह साइट समाज में प्रैशरकुकर में सेफ्टी-वॉल्व जैसा कार्य अंजाम देती है. किसी और की लिखी काम-कथा को पढ़ कर पाठक अपने उन गुप्त अहसासों को जी लिया […]

एक थी वसुंधरा-3

तो माज़रा क्या था … वसुंधरा के पहने हुए अंडर-गारमेंट्स थे कहाँ? मैंने इधर-उधर देखा तो परे कोने में पड़ी वॉशिंग-मशीन दिखी. जैसे ही मैंने वॉशिंग-मशीन का हुड उठाया, मेरे चेहरे पर एक मुस्कान आ गयी. मेरा अंदाज़ा ठीक था. अंदर वसुंधरा की दो-तीन ड्रेसेस के साथ-साथ साटन के दो नाईट-सूट और उन के नीचे […]

एक थी वसुंधरा-6

मैंने अपना दायां हाथ भी वसुंधरा के जिस्म से हटा कर नाईटी से बाहर खींच लिया लेकिन वसुंधरा की नाईटी बदस्तूर अब भी वसुंधरा के घुटनों से जरा ऊपर ही थी. अचानक ही दो काले-कजरारे नैनों ने अपनी चिलमन उठायी. वसुंधरा ने गौर से मेरी तरफ़ देखा. “क्या देख रहे हैं?” “तुम्हें!” “ऐसा क्या है […]

एक थी वसुंधरा-5

सामने वाल-क्लॉक में दस … बस बजा ही चाहते थे कि सामने बिस्तर पर कुछ हलचल हुई और वसुंधरा थोड़ा कुनमुनाई. मैं उठ कर लेटी हुई वसुंधरा के सिरहाने के पास थोड़ा बायीं तरफ़ बैठ गया और पुरसुकून सी नींद में रत वसुंधरा की कदरतन नम पेशानी पर बहुत प्यार से हाथ फिराने लगा. धीरे-धीरे […]

एक थी वसुंधरा-4

“सोच समझ कर ही किया सब कुछ … राज! सारी दुनिया ने मुझ पर सितम ही ढाये पर आप तो मेरे अपने हो … हो न राज??” प्रेयसी वसुंधरा की आवाज़ वापिस मुलायम हो उठी और आँखों से मोती गिरने लगे. “क्यों … कोई शक़ है?” मैंने बात ख़त्म करने की ग़रज़ से लिफाफा बंद […]

एक थी वसुंधरा-7

मैंने मुस्कुरा कर वसुंधरा की ओर देखा. वसुंधरा पहले से ही मेरी ओर देख रही थी. अचानक मेरी हंसीं छूट गयी. “बहुत बदमाश हो आप!” कहते हुए वसुंधरा ने मुस्कुराते हुए मेरे दायें कंधे पर अपने बाएं हाथ से एक हल्का सा मुक्का मारा और फ़िर खुद ही शरमा कर मेरे गले लग गयी. मैंने […]