Tag: बहन की चुदाई

बदलते रिश्ते -10

अनीता ने पूछा- तू बता इतनी जल्दी कैसे वापस आ गई? क्या मौसा जी की याद खींच लाई। सुनीता ने सर हिलाकर हामी भरी और बोली- दीदी, तुमने वह सीडी दिखाकर मेरे तन-बदन में जो आग लगाई है न, वो अब बुझाये नहीं बुझ रही है। मन में आया कि चलकर मौसा जी से ही […]

बड़े भैया ने चोद ही दिया मुझे

मेरी क्लास की सारी लड़कियों के बॉयफ्रेंड्स हैं और जब मेरी सहेलियाँ अपने बॉयफ्रेंड्स की बात मेरे साथ करती हैं तो मेरा मन भी करता था कि मैं भी कोई बॉय-फ्रेंड बना लूँ और जिन्दगी के मज़े लूँ, पर मैं डरती थी कि किसी को पता चल गया या कोई मुझे ब्लैकमेल करने लगा तो […]

सेक्स भरी कुछ पुरानी यादें-2

किताबों को देखकर मुझे ऐसा लगा, जैसे मुझे कोई खजाना मिल गया हो, पर सवाल अभी भी वो ही था कि घर में ये किताबें पढ़ता कौन है? तो एक दिन मैंने देखा कि मेरे चाचा एक बुक स्टॉल पर खड़े थे और धीरे से अपनी शर्ट में कुछ छिपा रहे थे। तो मुझे पता […]

घर के लौड़े-7

अब विजय के पास बोलने को कुछ नहीं था वो चुपचाप बिस्तर पर बैठ गया। मैं उसके पास गई और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। दो मिनट के चुम्बन के बाद विजय मेरे मम्मों को दबाने लगा, मेरी चूत को सहलाने लगा। मैं भी कहाँ पीछे रहने वाली थी, मैंने उसके लौड़े को […]

लड़कपन की यादें-4

गतांक से आगे… उसने ऊपर आकर मुझे पूछा- यह क्या है? मुझसे जवाब देते भी नहीं बन रहा था फिर भी स्थिति को सम्भालते हुए मैंने उससे वो बुक्स छीनने की नाकाम कोशिश की और उसे डांटते हुए कहा- ये बुक्स तुम्हें कहाँ से मिली… ये तुम्हारे काम की नहीं… और ये मेरी भी नहीं… […]

लड़कपन की यादें-3

कुल मिला कर हम हर गर्मी की छुट्टियों में बहुत ज्यादा मजे करते थे पर इस बार जब वो लोग आये तब एक बार तो मुझे अच्छा नहीं लगा क्योंकि वो उसी गेस्ट रूम में रुके थे जिसकी खिड़की से मैं अपने मम्मी-डैडी को सैक्स करते देखा करता था। गतांक से आगे… हालांकि कुछ दिन […]

लड़कपन की यादें-8

अनन्या की योनि अब मेरी तरफ थी इसलिए मैंने अपनी दायें हाथ की उंगली उसकी योनि में डाल दी और अन्दर-बाहर करने लगा। अब सोनी के साथ अनन्या की मादक सिसकारियाँ रूम में गूंजने लगीं थी। मैंने सोनी की योनि में अपने प्रहार तेज कर दिए थे। कुछ ही मिनटों के बाद सोनी तेज उत्तेजक […]

लड़कपन की यादें-6

अब वो केवल ब्रा और पैंटी में ही थी और आज कल जितना शरमा भी नहीं रही थी। मैं भी अपनी ट्रैक-पैंट, टी-शर्ट और बनियान खोल कर तुरंत बैड पर चढ़ गया और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके कसे हुए उरोजों को दबाने लगा। थोड़ी देर दबाने के बाद मैंने धीरे से पीछे हाथ […]

लड़कपन की यादें-5

मैंने भी उठ कर दोनों बुक्स को अलमारी में रखा और अपना बिस्तर ठीक कर के लेट गया पर काफी देर तक सोनी का ही ख्याल दिल में चलता रहा। मेरे लिंग पर उसके हाथों के स्पर्श की गुदगुदी अब भी मुझे महसूस हो रही थी। ये सब सोचते हुए मुझे कब नींद आ गई […]