Tag: नंगा बदन

लण्डों की होली-2

वो सारे भागे और ससुर जी अपनी नज़रें यहाँ-वहाँ घुमाने लगे। इतने में मैंने देखा कि नवीन और विजय नीलम भाभी को पकड़ कर ला रहे हैं। तब मुझे अहसास हुआ कि वो जानबूझ कर वहाँ खड़ी थीं ताकि सबसे पहले उसकी चुदाई हो। विजय ने उनका एक हाथ पकड़ा हुआ था और नवीन उनके […]

शादी में मामी को चोदा

जब मैं बाजार से घर पहुँचा तो देखा कि उतराखंड से मामा जी आए हुए हैं। वो मुझसे कुछ ही साल बड़े थे, मैं उनसे मिला और पूछा- मामी जी कहाँ हैं? उन्होंने कहा- तुम्हारे कमरे में हैं। जब मैं अन्दर पहुँचा तो मामी को देख कर मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं.. क्या […]

घर के लौड़े-7

अब विजय के पास बोलने को कुछ नहीं था वो चुपचाप बिस्तर पर बैठ गया। मैं उसके पास गई और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। दो मिनट के चुम्बन के बाद विजय मेरे मम्मों को दबाने लगा, मेरी चूत को सहलाने लगा। मैं भी कहाँ पीछे रहने वाली थी, मैंने उसके लौड़े को […]

घर के लौड़े-4

कुछ देर बाद मेरी चूत का दर्द मज़े में बदल गया। अब मेरी चूत में वही खुजली फिर से होने लगी थी, ऐसा लग रहा था पापा का लौड़ा आगे तक क्यों नहीं जा रहा। रानी- आहह.. हह उईईई उफफफ्फ़.. पापा आहह अब दर्द कम है.. आहह घुसा दो.. आह फाड़ दो.. मेरी चूत को […]

लड़कपन की यादें-2

बैडरूम में छोटा लैम्प जल रहा था, हल्का प्रकाश फैला था, जिससे सब कुछ साफ-साफ दिख रहा था। डैडी बैड पर सिल्क की लुंगी और बनियान में थे और मम्मी बाथरूम में नहाने लेने या शायद कपड़े बदलने गई थी। कुछ ही देर में मम्मी गुलाबी रंग की स्लीवलैस नाईटी पहन कर निकली और बैड […]

बहकते ज़ज्बात दहकता जिस्म-1

मेरे पति संतोष कुमार एक प्राइवेट कम्पनी में जॉब करते हैं दस बजे से सात बजे तक ! इसलिए घर पर बोर होने से अच्छा मैंने कोई नौकरी कर लेना उचित समझा और पास में ही रोनी सलूजा सर के ऑफिस में काम मिल गया। यहाँ मेरे को दो साल हो गए, जब मैंने नौकरी […]

लड़कपन की यादें-6

अब वो केवल ब्रा और पैंटी में ही थी और आज कल जितना शरमा भी नहीं रही थी। मैं भी अपनी ट्रैक-पैंट, टी-शर्ट और बनियान खोल कर तुरंत बैड पर चढ़ गया और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके कसे हुए उरोजों को दबाने लगा। थोड़ी देर दबाने के बाद मैंने धीरे से पीछे हाथ […]

कुंवारी चूत चुदाई का आनन्दमयी खेल-3

श्रेया बड़ी जोर से सिसिया उठी- ई…ई. ई…सस.. जैसे मैंने उसकी कमजोरी पर हाथ रख दिया हो। श्रेया अपना पिछवाड़ा उचकाने लगी। उसकी कुंवारी चूत काफी गीली हो चुकी थी। मेरा लण्ड भी गुलाटें मारने लगा था। मुझसे भी अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया रख उसकी […]

कुंवारी चूत चुदाई का आनन्दमयी खेल-2

थोड़ी ही देर में जीजा जी की नाक बजने लगी, मतलब वो सो चुके हैं। मैंने उठ कर मम्मी और दीदी की आहट ली। उनके कमरे में भी खामोशी थी। पूरी तरह से यकीन करने के बाद मैं श्रेया के कमरे की ओर बढ़ा। श्रेया अभी सोई नहीं थी, वो अभी पढ़ रही थी। मुझे […]

मेरे लण्ड का अनोखा शोषण-3

खैर.. चलो अब कहानी पर आते हैं। अभी तक आपने पढ़ा कि रानी ने कैसे मेरा देह शोषण किया और किस प्रकार मेरा कुँआरापन भंग करके अपनी तड़पती जवानी के उफान को शांत किया.. मगर उसकी शांति ने मुझे अशांत कर दिया और मेरा लौड़ा अभी भी फुंफकार मार रहा था। क्योंकि अभी कुछ देर […]