Tag: चुदास

मेरी मॉम की सेक्स स्टोरी

मैं चुपचाप देखता रहा, कुछ नहीं बोला। जब मॉम झड़ गई तो उठ कर कमरे में आई और मुझे देख कर घबरा गई, बोली- क्या देखा तूने? मैं बोला- कुछ नहीं! मॉम बोली- अच्छा चल सो जा! और हम दोनों सो गए पर मुझे नींद नहीं आ रही थी। अब मैं बार बार मॉम की […]

मैं कुछ करता हूँ

गांव में शादी में बहुत से लोग आये थे. चचेरी बहन की शादी थी, खूब धूमधाम से विवाह सम्पन्न हुआ. विवाह के बाद धीरे-धीरे सभी मेहमान चले गये. मेहमानों के जाने के बाद सिर्फ घरवाले ही रह गये थे. पांच भाईयों में से सिर्फ मेरे बाबूजी गांव के बाहर काम करते थे, बाकी चारों भाई […]

मेरी माँ सेक्सी माँ-3

और इसके बाद तो शायद माँ को भी लगा कि अब इसने इतना कुछ कर लिया है तो अब क्या रोकूँ इसे, क्योंकि वो भी तो सेक्स करने के लिए तड़प रही थी इतने दिनों से! और माँ सिसकारी भरने लगी- उह्ह्ह ह़ा हाह आःह्ह्ह जालिम शर्म कर! मैं तेरी माँ हूँ! कम से कम […]

मेरी माँ सेक्सी माँ-2

और आधे कपड़े उन्होंने उठाये, आधे मैंने, और नीचे आ गए। सीढ़ी उतरते वक़्त माँ मेरे आगे चल रही थी, मैं उनके पीछे! उनके भीगे हुए मादक चूतड़ क्या लग रहे थे! भीगने की वजह से उनका गाउन बिल्कुल उनके शरीर से चिपक गया था। मन तो कर रहा थ कि उनको गोदी में उठा […]

धोबी घाट पर माँ और मैं-4

माँ ने मेरा हाथ नहीं छोड़ा और बोली- सच सच बोल, शरमाता क्यों है? मेरे मुंह से निकल गया- हाँ, अच्छा लगा था। इस पर माँ ने मेरे हाथ को पकड़ के सीधे अपनी छाती पर रख दिया और बोली- फिर से देखेगा माँ को नंगी? बोल देखेगा?’ मेरे मुख से आवाज नहीं निकल पा […]

धोबी घाट पर माँ और मैं -2

मैं क्या बोलता, चुपचाप सिर झुका कर इस्तरी करते हुए धीरे से बोलता- अरे, देखता कौन है, नजर चली जाती है बस। इस्तरी करते-करते मेरा पूरा बदन पसीने से नहा जाता था। मैं केवल लुंगी पहने इस्तरी कर रहा होता था, माँ मुझे पसीने से नहाये हुए देख कर बोलती- छोड़ अब तू कुछ आराम […]

धोबी घाट पर माँ और मैं -9

माँ मेरी इस हरकत पर मुस्कुराने लगी पर बोली कुछ नहीं। वो चूँकि घुटने मोड़ कर बैठी थी, इसलिये उसने पेटिकोट को उठा कर घुटनों तक कर दिया और आराम से खाने लगी। उसकी गोरी पिन्डलियों और घुटनों का नज़ारा करते हुए मैं भी खाना खाने लगा। लण्ड की तो यह हालत थी अभी कि […]

धोबी घाट पर माँ और मैं -6

मेरी तो हालत उसके हाथ के छूने भर से फिर से खराब होने लगी। मेरी समझ में एकदम नहीं आ रहा था कि क्या करूँ। कुछ जवाब देते हुए भी नहीं बन रहा था कि क्या जवाब दूँ। तभी वो हल्का सा आगे की ओर सरकी और झुकी, आगे झुकते ही उसका आंचल उसके ब्लाउज़ […]

धोबी घाट पर माँ और मैं -10

माँ की इस हरकत पर मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई और लण्ड अब फुफकारने लगा था। माँ ने हल्के-से मेरी जांघों को दबाया। मैंने हिम्मत करके हल्केसे अपने काम्पते हुए हाथों को बढ़ा कर माँ की कमर पर रख दिया। माँ कुछ नहीं बोली, बस हल्का-सा मुस्कुरा भर दी। मेरी हिम्मत बढ़ गई और […]

धोबी घाट पर माँ और मैं -15

मैंने बुर पर से अपने मुँह को हटा दिया और अपने सिर को माँ की जांघों पर रख कर लेट गया। कुछ देर तक ऐसे ही लेटे रहने के बाद मैंने जब सिर उठा कर देखा तो पाया कि माँ अब भी अपने आँखों को बंद किये बेसुध होकर लेटी हुई है। मैं चुपचाप उसके […]