Tag: चुची चुसाई

अंतहीन प्यास-7

आपकी सारिका कंवल उसने मेरे कूल्हों को दबाया और फिर अपनी जीभ मेरे चूतड़ों पर फिराने लगा और उन्हें चूमते हुए मेरे चूतड़ों के बीच में घुमाने लगा। जब वो ऐसे करता मेरी कमर खुद बा खुद ऊपर की ओर उठ जाती। उसने अब मेरी टांगों को थोड़ा फैलाया और मेरी योनि को अपनी जीभ […]

और कोई होता तो मुझे चोद देता

कंचन रौनक दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है और सच्ची है। मेरा नाम रौनक है जिस पर यह कहानी है उस का नाम पूनम है। तब मैं 18 साल का था। कामक्रिया की थोड़ी बहुत जानकारी थी। मेरे मोहल्ले में एक लड़की रहती थी उसका नाम पूनम था। वो किसी को लाईन नहीं देती थी। […]

मेरी दीदी का सत्ताईसवां लण्ड-2

कुछ देर बाद मैंने सोचा कि कौन हो सकता है ज़रा देखूँ तो सही, मैं उठ कर बरामदे में आया, मुझे कोई नहीं दिखाई दिया. फिर मैंने देखा बहन के कमरे में रोशनी है. जब ‘की-होल’ से देखा तो मेरे तो होश ही उड़ गए, अन्दर बड़ा ही दिलचस्प नजारा था. अन्दर एक हट्टा-कट्टा आदमी […]

मेरी चालू बीवी-107

हम चारों ने अपना सामान एक कमरे में सेट कर लिया था, अरविन्द अंकल और हम..!! वहाँ पहुँचते हुए रात तो हो ही गई थी और थकान भी हो रही थी, खाना हम सबने वहीं मंगवाया और जल्दी ही खा लिया। फ़िर सभी ने कपड़े बदले और सो गए। एक बेड पर हम दोनों और […]

जिस्म की जरूरत-8

ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरी बीवी हो और हम अपनी पहली चुदाई करने जा रहे हों… और वो शरमा कर और प्यार-मनुहार से मुझसे अपनी चूत फड़वाना चाह रही हो। कसम से दोस्तो… इतनी चूतें मारी हैं आज तक लेकिन इतने प्यार से कभी किसी के साथ चुदाई का मज़ा नहीं आया था। […]

जिस्म की जरूरत-7

हम दोनों को एक झटका लगा और हम छिटक कर एक दूसरे से अलग खड़े हो गए… हमें काटो तो खून नहीं। लेकिन जल्दी ही रेणुका जी ने हालत को संभाला और रसोई में अचानक से चाय का बर्तन उठा लिया और बाहर की तरफ निकलीं… ‘अरे वन्दना तुम तैयार हो गईं क्या… देखो न […]

जिस्म की जरूरत-9

‘नहीं रेणुका मेरी जान… जरा अपनी चूत को अपने कोमल हाथों से फैलाओ तो सही ताकि मैं पूरा अन्दर घुस सकूँ।’ यह कहते हुए मैंने उन्हें आँख मारी और एक बार उनकी चूत को चूम लिया। ‘छीः… गंदे कहीं के… ऐसे भी कोई बोलता है क्या?’ रेणुका ने मेरे मुँह से यूँ खुल्लम खुल्ला चूत […]

चूत चुदाई की प्यासी पड़ोसन

मैं मई के महीने में दिल्ली अपनी मेडिकल की कोचिंग करने आया था, मैं पढ़ने में ठीक था, तो माँ-बाप ने डॉक्टर बनाने का फ़ैसला किया। मैं अपने मामा के साथ रहता हूँ, वो सुबह 8 बजे जाते हैं और फिर रात को ही लौटते हैं। जिस फ्लैट में मैं रहता हूँ उसी फ्लैट में […]

भाभी की खुल गई भैंस

तब तक गाँव की भाभी तेज चाल में मेरे दरवाजे आईं और बोली- चक्रेश भैया, मेरी भैंस नहीं मिल रही है पता नहीं कहाँ चली गई, तुम चलकर उसे ढूंढवा दो। ‘ पापा की चारपाई भी पास में ही थी, उन्होंने भी कहा- जा देख ले जाकर! मैंने सोचा अब तो जाना ही पड़ेगा। मैंने […]