Tag: चुची चुसाई

तरक्की का सफ़र-9

“हाँ!!! मैं भी यही सोच रही थी”, प्रीती ने जवाब दिया। “लेकिन एक चीज़ ध्यान में रखना, वो पढ़ी लिखी और समझदार लड़की है, मीना और मेरी बहनों की तरह बेवकूफ़ नहीं।” “क्या तुम उसे प्यार करते हो?” उसने पूछा। “बिल्कुल भी नहीं! पर हाँ मुझे उससे हमदर्दी जरूर है, वो मेरी पहली कुँवारी चूत […]

तरक्की का सफ़र-15

“रवि! तुम्हारे सुझाव के लिये शुक्रिया”, मैं हँसते हुए बोला, “सही में इतना आनंद मुझे कभी नहीं आया, उन दोनों का जवाब नहीं।” दिन इसी तरह गुज़ार गया। चुदाई की छूट थी, जिसकी मरज़ी में जो आता उसे रूम में ले जाकर उसकी जम कर चुदाई करता। हम सब शाम को ड्रिंक्स पीने बैठे ही […]

तरक्की का सफ़र-17

“तुम्हारा दिल चाहे… उतनी बार तुम उनको चोद सकते हो पर तुम्हारी जोड़ीदार औरतों को ही तकलीफ होगी तुम्हारा पानी छुड़ाने में”, मैंने जवाब दिया। “पहले किसको चोदना है… माँ को या बेटी को?” राम ने पूछा। “इसकी कोई पाबंदी नहीं है। ये तुम लोग आपस में तय कर सकते हो”, मैंने उसकी बात का […]

मजदूर नेता की हरकत

बाज़ार के नुक्कड़ पर उसकी कोठी थी जिसमें वो अकेला ही रहता था। कोई परिवार नहीं था मगर लोग बताते थे कि वो बहुत ही रंगीला एय्याश आदमी था और अक्सर उसके घर में लड़कियाँ भेजी जाती थी। हर वक्त कईं चमचों से घिरा रहता था। वो सब देखने में गुंडे से लगते थे। सूरत […]

चुदाई की कमाई

‘अब्बू, अब्दुल भैया ने बुलाया है… अभी आई !’ कह कर मैं सीढ़ियों की तरफ़ भाग चली। ‘चुदवाने जा रही है भेन की लौड़ी … ।’ रास्ते में मौसा जी ने टोका। ‘मादरचोद, टोक दिया ना… साला रोज़ तो चोदता है और फिर भी लार टपकाता है… ‘ ‘अरे, बुला रिया है तो मर… भोसड़ी […]

बदले की आग-8

मुन्नी ने मेरे बचे हुए पैसे वापस कर दिए। मुन्नी थोड़ी उदास सी दिख रही थी, मैंने मुन्नी की पप्पी लेते हुए कहा- तुम उदास क्यों हो? मुन्नी रोते हुए बोली- मेरे पैसे कुसुम ने चुराए थे। मैंने अनजान बनते हुए पूछा- तुम्हें कैसे पता? मुन्नी बोली- दो दिन पहले दया करके मैंने दो हज़ार […]

मेरी चूत और गांड दोनों प्यासी हैं-6

मैंने रणवीर से नीम्बू लिया और चाटने लगी, रणवीर वही मेरे पास बैठा हुआ था। थोड़ी देर तक नीम्बू चाटने के बाद मेरे सर का दर्द बहुत कुछ तक कम हो गया और अच्छा भी लगने लगा। रणवीर उठ कर किचन में गया और मेरे लिए फ्रिज से एक गिलास पानी और एक दवाई लेकर […]

निदा की अन्तर्वासना-2

मैं निदा के चेहरे को चूम रहा था और रगड़ रहा था, उसकी पीठ को सहला रहा था और नितिन एक-एक कर के दोनों चूचियों और घुंडियों पर शहद मल-मल कर उन्हें चूस रहा था। निदा की सांसें उखड़ने लगी थीं। उसके सारे शरीर में लहरें सी दौड़ने लगी थीं और साँसें भारी हो कर […]

अंगूर का मजा किशमिश में-10

सारिका कंवल मैं अगले दिन उठी और अपने भाई और भाभी से कहा- आज दोपहर में मैं सुधा और विजय के साथ उनको गाँव दिखाने और गाँव के बारे में बताने के लिए जा रही हूँ तो देर हो जाएगी। मैंने तौलिया और बाकी का सामान साथ ले लिया। मैं घर से निकल ही रही […]

अंगूर का मजा किशमिश में-9

सारिका कंवल उसने चोदने का मन बना लिया, उसने मुझे खड़े होने को कहा और खुद भी खड़ा हो गया, सुधा ने मेरी योनि पर थूक लगा दिया। मुझसे विजय ने कहा- तुम मेरे लौड़े पर अपना थूक लगाओ ! मैंने लगा दिया। सुधा ने नीचे बैठ कर मेरी एक टांग उठा दी। फिर विजय […]