मेरी चालू बीवी-24

की ले लेना…
मधु- जी भाभी…
इस बार मधु ने कुछ नहीं कहा… वो लोशन लगाते हुए बार बार मुझे ही देख रही थी…
शायद रसोई वाला किस्सा उसको भी अच्छा लगा था…
कुछ देर बाद सलोनी ने मधु की ड्रेस को उठा कर कहा- बस अब हो गया… अब तू ये कपड़े ले और तैयार हो जा… चाहे तो नहा लेना… पसीने की नहीं आएगी…
मधु- जी भाभी…
मधु ड्रेस लेकर मुझे तिरछी नजर से देखते हुए बाथरूम में चली गई।
इधर सलोनी तैयार होने लगी, उधर बाथरूम से शॉवर की आवाज से पता लग जाता है कि मधु नहा रही है…
कुछ देर बाद…
मधु- भाभी यहाँ तौलिया नहीं है…
सलोनी- ओह ! (मुझसे) जरा सुनो जानू… मधु को तौलिया दे दो ना… वो बालकोनी में होगा…
मेरी तो बांछें खिल जाती हैं… ना जाने मधु कैसी हालत में होगी… कच्छी पहन कर नहाई है… या पूरी नंगी होगी…
उसकी पूरी नंगी तस्वीर मन में लिए मैं तौलिया लेकर बाथरूम के दरवाजे पर पहुँच गया।
मैं दरवाजे से बाहर खड़ा मधु को आवाज देने की सोच ही रहा था कि…
सलोनी- मधु ले तौलिया…
जाने अनजाने सलोनी हर तरह से सहायता कर रही थी… अगर मैं आवाज देता तो हो सकता था कि वो शर्म के कारण दरवाजा नहीं

खोलती… या अपने को ढकने के बाद ही खोलती… मगर सलोनी की आवाज ने उसको रिलैक्स कर दिया था…
जैसे ही दरवाजा की चटकनी खुलने की आवाज आई…
मैंने भी दरवाजे को हल्का सा धक्का दिया और दरवाजा पूरा खुल गया…
कहानी जारी रहेगी।
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