मेरी मदमस्त रंगीली बीवी-12

मैंने कहा कि धत्त… ये तो हैं ही ऐसे! तुम्हारा इतना बड़ा है तो क्या किसी को चोदते हो?
और पता है चचा उसने क्या कहा? उसने कहा- हाँ, मैं तो चोदता हूँ… मैंने अपनी चार फुफेरी और ममेरी बहनों की चूतों को चोदा है, जब भी उन से मिलता हूँ तो उनकी चूत चुदाई करता हूँ… इसी से मेरा लंड बड़ा हुआ है।

उसकी साफ दिल की बात सुनकर मुझे अच्छा लगा कि उसने मुझसे कुछ नहीं छिपाया।
उसने कहा कि मैं खुद से तुम्हारे साथ कुछ नहीं करूंगा लेकिन तुम्हारा मन हो तो कह देना! जब तुम कहोगी, तभी तुम्हें चोदूँगा।

पर मेरा दिल तो उसके लंड को देखने के साथ ही करने लगा था… पर कैसे कहूँ उसे चोदने के लिए… मुझे लगा रहा कि वह क्या सोचेगा मेरे बारे में और डर भी लगा कि इतना बड़ा लंड है.. कहीं मेरी चूत ना फ़ट जाये!

मैं यह सोच रही थी कि उसने पूछ लिया- सलोनी क्या तुम पहले कभी चुदवा चुकी हो किसी से? कोई तुम्हारा बॉयफ़्रेन्ड, दोस्त, भाई रिश्तेदार या पहचान वाला?

इधर मैं सोचने लगा कि क्या सलोनी ने तब से पहले कभी चुदाई करवाई होगी? या शमीम ही उसको पहली बार चोदने वाला होगा?
पता नहीं सलोनी सही बतायेगी या नहीं?

मेरे कान और दिल दोनों ही जरूरत से ज्यादा तेज़ हो गये कि आगे सलोनी अब क्या राज खोलने वाली है?

तब तक सलोनी पूर्णतया वासना में डूब चुकी थी।
मुझे पता है कि सलोनी को ऐसी सेक्सी बातें कितनी पसन्द हैं, चुदाई करते वक्त अगर ऐसे सेक्सी किस्से बतायें तो उसका मज़ा कई गुणा बढ़ जाता है।

इस वक्त यही तो हो रहा था… तीन मज़बूत लंडों के साथ वो मस्त लेटी हुई अपनी सबसे पुरानी चुदाई को याद करके सुना रही थी।
शायद चचा को पता नहीं लगा कि सलोनी इस वक्त पूरी अन्तर्वासना में डूबी हुई है, अगर चचा चाहते तो अब उसकी शॉर्ट्स उतार कर उसकी लाजवाब चूत को नंगी कर चुके होते।

पर वो डर रहे थे, हाँ उनका हाथ जरूर शॉर्ट्स के ऊपर से सलोनी की चूत को छू रहा था।
आज तो मेरा भाग्य बहुत अच्छा था, सलोनी की ऐसी चुदाई देख पाने का तो मैंने सोचा भी नहीं था, तीन मर्दों के साथ सलोनी ऐसे देखने को मिलेगी।
और वो भी सलोनी के पुराने छिपे एक राज़ के साथ!

यह तो मुझे यकीन सा था कि सलोनी विवाह से पहले भी चुदाई का काफ़ी मजा ले चुकी है, आज इस बात का पक्का पता भी चल गया, पता चल रहा है, देखें कि उसकी चढ़ती जवानी के कौन कौन से राज़ पर्दे से बाहर आते हैं।

जावेद चचा- तो क्या तुमने उस दिन से पहले चुदाई की थी किसी के साथ? हाँ, तो क्या शमीम को बताया?

सलोनी – आह्ह्ह्ह हाह… मैंने उससे कुछ नहीं छिपाया, जब भी हम दोनों चुदाई करते तो ऐसे ही करते थे, वह अपनी और मैं अपनी चुदाई की बातें बताती थी। इससे मज़ा भी ज्यादा आता था, एक साथ दो चुदाइयों का आनन्द लेते थे और मेरी चूत भट्टी की भान्ति गर्म हो जाती थी, उससे जैसे आग निकलती जैसे अब भी निकल रही है।

चचा सलोनी की चूत मसलते हुए- सच्ची क्या? सही बोल रही हो मेमसाब यहाँ आग लगी है तो क्या इसको खोल दूँ?

सलोनी ने कोई जवाब नहीं दिया… वह भी अब निक्कर उतरवाना चाहती होगी, उसे अपने बदन पर कपड़े अब भार लग रहे होंगे।

और देखते ही देखते चचा ने सलोनी की निक्कर के बटन और ज़िप खोल कर उसे नीचे सरका दिया, सलोनी ने भी अपने कूल्हे उठा कर उसे उतर जाने दिया।

चचा सलोनी के पैरों से निक्कर निकाल रहे थे लेकिन उनकी नज़र सलोनी की दोनों नंगी टांगों के जोड़ पर थी।
और इस समय सलोनी के बदन का सब से खूबसूरत हिस्सा… वो तिकोन, उसकी केले सी चिकनी उजली जांघों के बीच वो त्रिभुजाकार अंग… शायद उसके दोनों होंठ हल्के से खुले ही होंगे क्योंकि सलोनी के दोनों पैर दूर दूर हो गए थे, फैले गए थे।

सलोनी की चूत की सुन्दरता देख कर चचा की क्या हालत हुई, वो तो चचा के लंड को देख कर ही पता लग रहा था… उनका लंड बुरी तरह झटके ले रहा था।

तभी जावेद चचा ने अपना हाथ सलोनी की चूत पर रखा और चूत को सहलाया भी क्योंकि सलोनी ने एक तेज़ सीत्कार भरी- आहहहा हहहआ…
चचा- हां, तो और क्या बताया तुमने शमीम को?

सलोनी- अह… आह्ह… हाँ, मैं पहली बार में तो उसे ज्यादा नहीं बता सकती थी, बस पहली बार मेरे साथ जो बीता था… वो बताया.. जिससे उसको यह ना लगे कि मैं झूठ बोल रही हूँ कि मैंने अभी तक किसी से चुदाई नहीं कराई… और यह भी ना लगे कि मुझे चूत चुदवाना बहुत पसन्द है, मैं चुदाई के लिए कुछ भी कर सकती हूँ।

अब पप्पू और कलुआ भी बोले- बताओ ना मैडमजी, अपने पहली बार कब और किससे अपनी चूत की सील खुलवाई?

कहानी जारी रहेगी।