चचेरे भाई की बीवी को ग्रुप सेक्स में शामिल किया -2

जल्दी से नीलेश मेरे बगल में आकर बैठ गया कि कहीं नीता देख न ले।
मैंने मधु को अंदर आने का इशारा किया, मधु उठी में भी उठ कर जाने लगी बैडरूम की तरफ तो नीता कमरे से बाहर आ रही थी। नीता के कपड़े थोड़े से गीले विशेष तौर पर बोबे और कंधे दिख रहे थे।

मैंने मधु का हाथ पकड़ा हुआ था जिसे देखकर नीता थोड़ा सर झुक कर मुस्कुरा कर जल्दी से दौड़ती हुई ड्राइंग रूम की तरफ चली गई। मैंने मधु को कमरे में अंदर बुला कर बोला- यार, तुम अपने ब्रा पैंटी उतार के बाहर आओ।
मधु बोली- वो तो आप इशारे से बताते तो भी मैं उतार के आ जाती पर अब केवल भैया नहीं है, उसकी बीवी भी है।
मैं बोला- इसलिए तो बोल रहा हूँ। तुम नंगी ही अच्छी लगती हो जानेमन!

मधु को बिस्तर पे बैठाया और उसके दूसरे गाल पे अपने लंड से थप्पड़ जैसे मारने लगा।

उसने मेरे लंड को हाथ से पुचकारा और लंड की तरफ देखकर बोली- आज तुझे नई चूत मिल सकती है, अच्छे से चुदाई मचाना मेरे शेर! और फिर मेरे लंड को चूमने और पुचकारने लगी।
फिर मेरी तरफ देखकर बोली- आप बाहर जाकर बैठो, मैं अभी आती हूँ नंगी होकर।
मधु मेरी नस नस जानती है, उसे पता है कब कौन से शब्द का उपयोग मुझे उत्तेजित कर सकता है।

मैं बाहर आकर सोफे पर नीलेश के करीब बैठ गया, हम दोनों ही तौलिये में थे। नीता कालीन पर दोनों पांव पीछे मोड़ कर बैठी थी, उसने जीन्स और टॉप पहना हुआ था।
नीता के बड़े बड़े बूब्स उसके पिछवाड़े से थोड़े बड़े थे, उसकी कमर ज्यादा से ज्यादा 30 रही होगी। उसका गोरा रंग बता रहा था कि उसका बदन संगमरमर सा चमकदार होगा।

मधु काले रंग की बड़े गले की मैक्सी पहन कर बाहर आ गई, ये मैक्सी बहुत मोटी थी, इसमें से कुछ भी अंदर तक नहीं दिखता था। मैं आदेश देते हुए बोला- मधु पैग बनाओ।
मधु आगे बढ़ी और झुक कर हमारे पैग बनाने लगी।

मधु के झुकने से उसके बोबे थोड़े ज्यादा दिखने लगे, मैंने कहा- मधु एक काम करो, तुम वो एयरहोस्टेस वाली ड्रेस पहन कर आओ और मुझे आकर्षित करने की कोशिश करो।
यह बात सुन कर तो नीता के कान खड़े हो गए। मधु धीमे क़दमों से बैडरूम की तरफ जा रही थी, नीता भी मधु के पीछे चली गई।

नीता ने जाकर मधु से बोला- भाभी, लगता है भैया को ज्यादा चढ़ गई है, आप उन्हें अंदर बुला लो, मैं नीलू को बाहर ही रखूंगी।
मधु बोली- थैंक्स यार, नीता पर वो इस समय कुछ नहीं सुनने वाले!
नीता बोली- तो आप नीलू के सामने भैया को कैसे आकर्षित करोगी? आपको अजीब नहीं लगेगा?

मधु बोली- वो वैसे भी ये सब मेरे या अपने लिए नहीं, तुम्हारे लिए कर रहे हैं जिससे तुम अपने पति के साथ आराम से चिपक कर या जैसे चाहो वैसे बैठ सको।
नीता बोली- भैया कितने अच्छे हैं न, मेरा कितना ध्यान रखने की कोशिश कर रहे हैं। भाभी मुझे भी कुछ ऐसे कपड़े दो न कि नीलू आपको न देखकर मुझे देखे।

मधु हंस के बोली- अच्छा तो ये बात है? मेरे पास 2 जोड़ी कपड़े हैं क्योंकि तुम्हारे भैया को भूमिका निभाने (Role Playing) वाले खेल पसंद हैं। एक तो एयर होस्टेस वाले कपड़े हैं और दूसरी नर्स की ड्रेस है। तुम चाहो तो नर्स बन जाओ।

नीता के लिए तो जैसे ये सब कुछ सपने जैसा था, वो बोली- हाँ भाभी, मैंने कुछ गन्दी मूवी में देखा है ऐसा भूमिका वाले खेल को खेलते हुए, आप लोग तो सच में बहुत दिलचस्प जोड़े हो। मुझे दिखाइए न वो नर्स वाले कपड़े में भी आज नीलू को सातवें आसमान की सैर कराती हूँ।
मधु बोली- ये हुई न बात, अब तुम खुल के बात कर रही हो।

मधु ने नीता को नर्स वाली वेशभूषा दिखाई तो नीता बोली- भाभी, यह तो बहुत छोटी है।
मधु बोली- हाँ, तभी तो आदमी को आकर्षित कर पाएंगे हम।

नीता अपनी टॉप और जीन्स उतारने लगी तो मधु बोली- तुम कहो तो मैं बाहर जाऊँ?
नीता बोली- भाभी, दोस्त भी बोल रही हो और ऐसी बात भी कर रही हो?
मधु बोली- नहीं, मुझे लगा कि तुम बोलने में संकोच करोगी इसलिए मैंने ही पूछ लिया, नीता तुम बहुत खूबसूरत इंसान हो। तुमने मुझे दोस्त सिर्फ समझा ही नहीं, मान भी लिया है, तुम्हारे व्यवहार से में बहुत खुश हो गई।

नीता बोली- आप भी ड्रेस पहन लो!
थोड़ा हंसते हुए बोली- या मैं बाहर जाऊँ?
मधु भी हंसने लगी और अपनी मैक्सी उतार दी।

नीता मधु को देखकर हैरान हो गई, बोली- भाभी, आपने अंदर कुछ पहना ही नहीं था।मधु बोली- हाँ तुम्हारे भैया को मैं ऐसे ही पसंद हूँ। इसलिए ऐसे ही जाती हूँ उनके सामने… ख़ास तौर पर जब वो ड्रिंक कर रहे हों।
नीता बोली- भाभी, आपका बदन तो बहुत खूबसूरत है।

मधु बातें सुनते सुनते ड्रेस पहनने लगी।
नीता बोली- भाभी आप इसके अंदर भी कुछ नहीं पहनने वाली क्या?
मधु बोली- यार जब उकसाना है तो पहनने का क्या फायदा!
फिर दोनों हंसने लगी।

मधु की ड्रेस किंगफ़िशर एयरलाइन्ज़ जैसे लाल और सफ़ेद रंग की थी। उसमे एक छोटा सा टॉप था और एक बहुत छोटी सी माइक्रो स्कर्ट… और पूरी टांगों के लिए सफ़ेद मौजे जो जांघ के थोड़े ऊपर तक आते हैं और लाल रंग की जूतियाँ।

नीता ने भी अपनी ब्रा और पैंटी उतार फेंकी और नर्स वाले कपड़े पहन लिए।
नीता बोली- भाभी, इससे तो मेरा पिछवाड़ा ढंग से ढक भी नहीं पा रहा?
नीता ने घूम कर दिखाया।
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मधु बोली- हाँ, सही कह रही हो… पर यहाँ है ही कौन तुम्हें देखने वाला?
मधु बोली- मेरी स्कर्ट का भी यही हाल है, देखो!
नीता बोली- भाभी, इसमें तो ऐसा लग रहा है जैसे उनके सामने हम लोग बिना कपड़ों के ही हैं।
मधु बोली- यही तो रिझाने की कला है, थोड़ा दिखाओ थोड़ा छुपाओ, थोड़ा दिखा के छुपाओ थोड़ा छुपा के दिखाओ।

नीता को इस बात पर बहुत तेज़ हंसी आ गई, बोली- आपकी यह बात ज़िन्दगी में कभी नहीं भूल पाऊँगी।
मधु ने पहले नीता को कमरे में जाने के लिए कहा, बोली- मुझे तो मेरे पति इन कपड़ों में पचासों बार देख चुके हैं। तुम्हारे पति ने तुम्हें ऐसे कभी नहीं देखा होगा इसलिए पहले तुम जाकर अपना जलवा बिखेरो, मैं तुम्हार पीछे पीछे आती हूँ।

नीता थोड़ी शर्माती हुई थोड़ी घबराई हुई बैडरूम से बाहर निकली।

इधर में और नीलेश धीरे धीरे अपने लौड़ों को मसाज दे रहे थे।
हाँ आप सही समझे एक दूसरे के लौड़ों को… खुद हिलाने में वो मज़ा कहाँ!
नज़रों से पूरी तरह सतर्क और आँखें और कान बैडरूम के दरवाज़े पर जिससे दोनों में से कोई भी औरत आती दिखे तो लंड को तौलिये में छुपा सके।

जैसे ही आहट आई कि कोई इस तरफ आ रहा है, हमने अपने लंड तौलिया के अंदर कर लिए पर तम्बू बनने से रोक पाना मुश्किल था इसलिए सोफे पर पड़े छोटे तकिए अपनी गोदी में रख लिए।

नीता को नर्स की वेश भूषा में देखकर लंड तो हुंकार मारने लगा। वो बिल्कुल रंडियों की तरह किचन के दरवाज़े से टिक कर खड़ी हो गई थी।

कहानी जारी रहेगी।
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