Category: हिंदी सेक्स स्टोरी

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Choot Chudai, Lund ki Desi Hindi sex Story

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कानून के रखवाले-10

सोनिया का काम अभी भी अधूरा ही था। उसकी तलाश अभी भी ख़त्म नहीं हुई थी, वो वहाँ अकेली ही रुक गई थी, क्योंकि उसको यकीन था कि मुस्तफा जल्दी ही वहाँ पर आएगा। वो उस अड्डे के दरवाजे के पीछे छुपी हुई थी और उसका वायरलेस अभी भी उसके साथ था। सोनिया इस वक़्त […]

मैं किसी सेक्सी लड़की से कम नहीं

तो एक दिन जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैं अपने पास वाले रिलायंस फ्रेश स्टोर पर गया और वहाँ से एक वीट की हेयररिमूवर क्रीम ले लाया बड़े आकार की. अपने अपार्टमेन्ट में आकर मैंने अपना कमरा बंद किया और अपने सारे कपड़े उतार दिए. फिर मैंने क्रीम निकाली और अपनी टांगों पर लगाई […]

कानून के रखवाले-13

अब्बास मोना के लिए अब तक का सबसे घातक क़ैदी साबित हुआ था… उसकी एकदम कुत्ती जैसी हालत कर दी थी, बस आखरी मौके में उसका ढोल नहीं बजा पाया बल्कि खुद ही अपनी मर्दानगी खो बैठा मोना के हाथों और अभी भी अधमरी और बेहोशी की हालत में वहीं टॉर्चर-रूम में पड़ा हुआ था.. […]

कानून के रखवाले-12

में आपने पढ़ा कि : सोनिया बहुत हैरान थी कि उसने मुस्तफा को इतनी बुरी तरह पीटा उसके बाद बेहोशी के बाद भी वो वहाँ से निकलने में कामयाब हो गया.. इसका मतलब दो ही बातें हो सकती थी कि या तो बेहोश होने का नाटक कर रहा था। जिससे सोनिया कुछ लापरवाह हो जाए […]

अब करो मेरा काम !

फिर बाहर जाकर भाभी ने देखा तो अंजू थी, भाभी की सहेली! उस दिन उसे शक हो गया था कि मैं भाभी के साथ अन्दर क्या कर रहा था। तो आइए मैं आपको अंजू के बारे में थोड़ा बता देता हूँ। अंजू एक मोटी औरत है, पर एक चीज है उसके पास जो सभी गली […]

भाभियों का दुःख

क्या कहूँ, “कल रात मेरे पति से फिर भूल हो गई !” भाई साहब इधर शेयर मार्केट में आग लगी है, गठबन्धन सरकार की गाँठे खुल रही है, ट्रेनें बहक-बहक कर पटरियों को तलाक दे रही हैं, मेडिकल परीक्षापत्र लीक हो रहे हैं, सालियाँ प्रेममयी जीजाओं को ठेंगा दिखा यारों संग चम्पत हो रहीं हैं, […]

प्यासी मोना आंटी की चुदाई का मजा

यह कहानी उस समय की है जब मैं सेक्स में अनाड़ी हुआ करता था, मेरी उम्र तब 18 साल की थी. मेरे घर से साथ वाले घर में एक सिख परिवार रहता था, उस परिवार में अंकल आंटी और उनका बेटा सनी रहता था, अंकल कनाडा में रहते थे, कभी कभी ही भारत आते थे. […]

अग्निपरीक्षा

ऑफिस में अपने सहयोगियों से अच्छी पटती थी सुरेखा की। आकर्षक व्यक्तित्व की स्वामिनी, मृदुभाषिणी, सदा सबके साथ सहयोग करने वाली सुरेखा थी ही ऐसी, जो मिलता प्रभावित हो जाता। सुदीप, उसके सहकर्मी ने ऑफिस के काम में उनकी बहुत सहायता की। सुरेखा के हृदय में कृतज्ञता की भावना थी सुदीप के प्रति। प्रायः लौटते […]

मुम्बई की गंध-2

उस जले बांस की गंध से कमरे का मौसम लगातार बोझिल और कसैला होता जा रहा था। मैं उठ खड़ा हुआ। “नीचे बैठेंगे।” मैंने अल्टीमेटम सा दिया। “क्यों?” “मुझे लगता है, लड़की मेरी धमनियों में विलाप की तरह उतर रही है।” ‘शरीफ बोले तो? चुगद!” रतन ने कहकहा उछाला और हम सीढ़ियां उतरने लगे। नीचे […]

मुम्बई की गंध

मैं कार से बाहर आ गया। कोहरा आसमान से भी झर रहा था। हमेशा की तरह निःशब्द और गतिहीन। कार की छत बता रही थी कि कोहरा गिरने लगा है। मैंने घड़ी देखी। रात के दस से ज्यादा बज रहे थे। रात के इस पहर में मैं कोहरे में चुपचाप भीगती लड़की को देखने लगा। […]