ममेरी बहन चुदने के लिए झाँटें बना कर आई

बात दिसंबर 2011 की है.. जब मेरे भाई की शादी थी। मेरे मामा भी शादी से एक दिन पहले ही आ गए। मैं छुट्टी लेकर आया था.. पर मोनिका को एक दिन की ही छुट्टी मिली.. तो वो शादी पर आई थी। मम्मी के रिश्तेदारों में से सिर्फ़ मामा ही जल्दी आए थे.. पर वो भी आकर जल्दी चले गए और नेहा को छोड़ गए।

मम्मी के रिश्तेदारों में बस नेहा ही रह गई थी.. इस वजह से वो किसी को नहीं जानती थी.. तो मजबूरी में उसे मुझसे बात करनी पड़ी।

मैंने उससे कई बात मजेदार बातें की.. पर वो भाव ही नहीं देती थी। हम एक साथ ही सोते थे.. पर वो मुझसे बहुत दूर सोती थी.. तो सोते वक़्त भी मज़े नहीं ले सकते थे।

फिर मैंने सोचा कि उसको नींद की गोली दे कर ठोक दूँगा.. पर ये भी था कि सोते में सेक्स करने से मज़ा नहीं आएगा।

मैंने एक प्लान सोचा मैं नींद की गोली लेकर आया.. केमिस्ट ने सिर्फ़ एक गोली देने की कहा था.. पर मैंने दो गोली पीस कर उसके दूध में मिला दीं, थोड़ी देर में वो सो गई, मैंने एक पिन चुभा कर देखा.. पर कुछ नहीं हुआ.. शायद वो गहरी नींद में थी।

अब मैं मौके का इन्तजार करने लगा। तकरीबन एक बजे जब सब सो गए.. मैं अपने कमरे में गया और कैमकॉर्डर ले कर आया। मैंने कमरे में वो ऐसे लगाया कि नेहा का क्लोज़-व्यू आ सके। मैंने वीडियो रेकॉर्डिंग शुरू कर दी।

मैं नेहा के पास गया और उसे चूमने लगा.. क्या गजब सामान थी वो.. पर उसके मोनिका जितने बड़े मम्मे नहीं थे और मुझे मोटे-मोटे मम्मे बहुत पसंद हैं। हालांकि नेहा के छोटे भी नहीं थे.. हाथ में पूरे आ रहे थे।

उस दिन उसने एक ढीला सा टॉप और लोवर पहना हुआ था। मैंने उसका टॉप उँचा किया.. तो उसके मम्मों को देख कर मैं हैरान हो गया। गोल-मटोल बिल्कुल कसे हुए.. ब्रा से ही अलग चमक रहे थे। अब मैंने उसके मम्मों को चूसना शुरू किया। मैंने पहली बार किसी लड़की के पिंक निप्पल देखे थे.. वो सच में बहुत गोरी थी। अब मैंने उसकी चूत में भी हाथ मारना शुरू कर दिया। ये सभी बात रेकॉर्ड हो रही थीं।

मैंने उसके लोवर को सरकाया.. मुझे उम्मीद थी कि उसकी चूत भी गुलाबी ही होगी। फिर मैंने पैन्टी सरकाई और उसकी चूत निहारने लगा। उसकी चूत डार्क गुलाबी थी.. पर बाल साफ नहीं थे। मैंने उसकी चूत को भी चाटा.. चूत कुंवारी थी। मैंने उसकी गाण्ड मारने की सोची। मैं बोरोप्लस अपने साथ लाया था.. आधा ट्यूब उसकी गाण्ड में लगा दी अब वो हरकत करने लगी थी.. शायद नींद कमजोर हो रहे थी। मैंने जल्दी से एक की बार में मेरा लण्ड उसकी गाण्ड की दरार में डाल दिया। बस दो मिनट में ही मैंने निकाल लिया.. क्योंकि मुझे उसके साथ जबरदस्ती नहीं करनी थी।

अब मैंने वीडियो बंद करके उसकी गाण्ड साफ की और उसे कपड़े वापस पहना दिए।

अगले दिन वो उठी तो शायद उसे अजीब सा लग रहा था, वो मुझे बार-बार देख रही थी।
मैंने वीडियो को अपने मोबाइल में लिया और मैंने नेहा को उसकी एक छोटी क्लिप व्हाट्सअप पर भेज दी।

सुबह तो सब नॉर्मल था.. शायद उसने देखा ही नहीं था.. पर करीब 11 बजे वो मेरे पास आई और मुझे कस कर थप्पड़ मारा।
मुझे पता चल गया था कि उसने वीडियो देख लिया।
उसने मुझे वीडियो डिलीट करने को कहा और कहा कि नहीं तो वो मेरी मम्मी को सब बता देगी।

मैंने उससे कहा- मेरे पास आधे घन्टे का वीडियो है.. वो चाहे तो बता दे.. पर इससे उसकी ही बदनामी होगी।
अब वो घबरा गई.. उसने मुझसे वीडियो डिलीट करने को कहा.. मैंने उससे कहा- बस एक ही कीमत पर मैं ऐसा कर सकता हूँ। यदि वो शादी के बचे दिन मुझ से चुदे.. और सेक्स के वक़्त पूरा साथ दे.. एंजाय करे और मुझे भी करने दे..
यह सुन कर वो चली गई।

शाम को जब हम चाय पी रहे थे तो उसने मुझसे आकर फिर पूछा.. मैंने वापस वही कह दिया।
थोड़ी देर बार उसने आकर मुझसे कहा- मैं तैयार हूँ।
मेरी तो बल्ले-बल्ले हो गई.. क्योंकि अभी शादी में 4 रातें बाकी थीं। शादी भाई की हो रही थी और हनीमून मैं मना रहा था।

मैंने उससे स्कर्ट और शर्ट पहन कर आने को कहा.. क्योंकि स्कर्ट उतारने की ज़रूरत नहीं होती है और शर्ट खोलना आसान है। वैसे भी इसमे लड़कियां सुंदर लगती हैं। नेहा के पास सारी स्कर्ट बस घुटनों तक की थीं.. तो उसमें वो और सेक्सी लगती थी।
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रात को करीब 10 बजे वो कमरे में आई। उसने वाइट शर्ट और डार्क ब्लू रंग की स्कर्ट पहनी हुई थी। उसे देख कर ही मेरा लण्ड सलामी दे रहा था। मेरा मन कर रहा था कि खड़े-खड़े उसे चोद दूँ.. पर मैंने अपने आपको रोका।

वो उदास थी.. मैंने उसे अपने पास बुलाया और उससे बात करने लगा।
उसने मुझसे पूछा- तुमने ऐसा क्यों किया?

मैंने उसे रिलॅक्स होने को कहा और पूछा- तुमने कभी सेक्स किया है क्या?
उसने कहा- नहीं..
मैंने कहा- मैं चाहता तो उसके साथ सेक्स कर सकता था.. पर सेक्स का असली मज़ा तब है.. जब साथी भी साथ दे.. और यदि तुम्हें पसंद नहीं है.. तो मैं तुम्हारे साथ सेक्स नहीं करूँगा।

इस पर उसने मुझे तिरछी नज़र से देखा शायद उसने ऐसा नहीं सोचा था। उसने कहा- तुम मेरे ऊपर से हाथ फेर सकते हो.. और चूम सकते हो।
मुझे लगा कि शायद वो मान रही है, मैंने उसे चूमना शुरू किया.. मैं उसके शरीर की गर्मी महसूस कर सकता था।
करीब दस मिनट तक मैं उसे चूमता रहा। अब मैंने अपने दाएं हाथ से उसके एक मम्मे को पकड़ लिया। उसने मेरा हाथ हटा दिया.. पर मैंने वापस पकड़ लिया। उसने 4-5 बार हाथ हटाया.. पर मैं नहीं माना.. आख़िर में उसने कुछ नहीं कहा।

क्या मस्त मम्मे थे उसके.. मन कर रहा था कि शर्ट खोल कर चूस लूँ.. पर मेरी एक नादानी मेरे मेहनत पर पानी फेर सकती थी।

अब मैंने उसके दूसरे मम्मे पर हाथ मारा और दाएं हाथ से उसकी गाण्ड मसलने लगा। अब वो गरम होने लगी थी। मैंने उसके हाथ को मेरे लोवर में घुसा दिया। कुछ देर तक उसने कुछ नहीं किया.. पर थोड़ी देर में वो मेरे लण्ड से खेलने लगी। अब मैंने गाण्ड को मसलते हुए उसकी स्कर्ट उँची कर दी.. और उसकी जाँघों पर हाथ फेरने लगा। अब शायद उसे भी मज़ा आ रहा था।

रात के करीब 12 बजे तक ऐसा ही चलता रहा। अब मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसकी शर्ट का एक बटन खोल दिया.. उसने मुझे फिर तिरछी नज़र से देखा और हँस दी, अब उसने कहा- भैया, आप नहीं सुधरोगे।
मुझे पता चल गया कि अब उसकी तरफ से भी ‘हाँ’ है।

मैंने उसकी शर्ट पूरी खोल दी.. उसने वाइट कलर की ब्रा पहन रखी थी। मैंने ब्रा उतारे बिना ही उसके कबूतरों को बाहर निकाल लिया।
हाय.. क्या मस्त माल लग रहे थे वो..!
उसके पिंक निप्पल मेरे दिल पर छा गए, मैं पागलों की तरह उसके चूचे चूसने लगा।

उसने कहा- दीदी के इतने मोटे है और तुम उन्हें चूसते हो.. पर फिर भी ऐसे चूस रहे हो.. जैसे पहली बार देखा हो।

अब वो आवाजें निकालने लगी थी। मौका देख कर मैंने स्कर्ट के हुक खोल दिए और ब्रा भी हटा दी। अब उसके जिस्म स्कर्ट के अलावा सिर्फ़ पैन्टी बची थी।
क्या फिगर था उसका.. पता नहीं अभी तक मैं इसे क्यों नहीं पकड़ पाया था।

उसके मम्मों को चूसते हुए मैंने पैन्टी भी नीचे कर दी, आज चूत पर बाल नहीं थे, मैंने उससे पूछा- आज तो तुम चुदने के मूड से आई हो क्या?
इतना सुन कर वो शर्मा गई।
उसने पूछा- भैया आपको नहीं करना क्या?
मैंने कहा- मेरी प्यारी बहन तुम्हारी सेवा करना तो मेरा काम है.. आखिर राखी का फ़र्ज़ निभाना है और बहन की हर इच्छा पूरी करनी है।
यह सुन कर वो फिर हँस दी।

मैंने अपना 8 इंच लंबा लण्ड उसकी चूत में घुसेड़ दिया.. मेरा लण्ड उसकी चूत फाड़ रहा था.. अब वो आवाजें निकाल रही थी। मेरा पहला खेला तकरीबन 10 मिनट चला.. और मैंने सारा पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया।

अब मैंने नेहा हो घोड़ी बनने को कहा और उसकी गाण्ड में अपना लण्ड डाल दिया।
सच में मेरे घर में इतनी मस्त चूत और चूतड़ होते हुए भी पता नहीं मैं दूसरी लड़कियों के पीछे क्यों लगा रहा।

अगले 4 दिन मैंने नेहा की खूब ली.. और उसने भी बहुत मज़े किए।
आखिरी दिन मोनिका भी आ गई, मैंने उसे सब बताया.. तो वो भी खुश हो गई।

शादी की पहली रात मैंने दोनों बहनों की खूब चुदाई की.. वो भी एक साथ। उसके बाद नेहा छुट्टियों में गुड़गाँव आ जाती है.. और हमारा ये संभोग अभी तक तक चल रहा है।

यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं है.. शत-प्रतिशत सच्चाई है। आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मेल करें
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