पूजा की गान्ड पहली बार मैंने मारी

वो नीली जीन्स और काला टॉप पहन क आई.. उसे उस समय देख कर कोई भी उसे चोदने के लिए पागल हो जाता।

घर के अन्दर आते ही मैंने दरबाजा बन्द कर दिया और उसे बाँहों में भर लिया। चूमा और 4-5 मिनट बाद वो बोली- जानू अभी तो आई हूँ.. बैठने भी नहीं दोगे क्या..

फ़िर मैं उसे कमरे में ले गया और हमने रोमांटिक बातें शुरू कीं।
मैंने उससे बोला- तुम क्या पहने हो?
वो बोली- दिख नहीं रहा है क्या?
मैंने बोला- ऊपर तो दिख रहा है.. अन्दर का नहीं दिख रहे हैं।
वो बोली- अन्दर झाँक कर देख लो..

इतना सुनते ही मैं उठा और उसके पीछे जा कर उसे बाँहों में भर लिया और टॉप के ऊपर से उसकी चूचियाँ दबाने लगा।

वो बोली- मुझे भी तुम्हें बाँहों में भरना है.. सामने आओ न.. अभी से पीछे मत जाओ.. सामने जो आग लगी है.. पहले उसे बुझाना है.. उसके बाद पीछे जो मन हो सो कर लेना।

उसकी ये बात सुनकर मैं उसके सामने आया और हम एक-दूसरे को कस के जकड़ लिया और एक-दूसरे के होंठ को चूसने लगे।

कुछ देर बाद हम दोनों अलग हो गए और एक पल देखने के बाद ही पूजा फ़िर से मुझ पर टूट पड़ी, उसने मुझे बिस्तर में गिरा दिया और मेरे ऊपर चढ़कर मेरा टी-शर्ट उतारने लगी..
मैंने भी उसे उठाया और उसका टॉप निकाल दिया..

म्मम्मम.. अब वो सिर्फ़ नीली जीन्स और लाल ब्रा में थी.. बहुत सेक्सी लग रही थी। पूजा अपनी चूचियां मेरे सीने में बार-बार सटा रही थी.. इससे मेरा लण्ड खड़ा हो गया था।
उसने मेरा पैन्ट भी उतार दिया, मैं सिर्फ़ चड्डी में रह गया था, अब मैंने उसे नीचे गिराया और उसकी ब्रा को दोनों हाथों से दबाने लगा। अब पूजा के मुँह से ‘आआआआह्ह्ह.. ब्रा को फ़ाड़ डालोगे क्या.. निकाल कर मसलो न..

फ़िर मैंने उसकी जींस और ब्रा दोनों निकाल दीं। अब पूजा मेरे सामने लाल रंग की पैन्टी में थी। उसकी पैन्टी के सामने का हिस्सा पूरा गीला हो चुका था, मैंने उसकी पैन्टी उतार दी।
अब पूजा पूरी नंगी मेरे सामने थी और वो मेरी चड्डी उतारने लगी।

हम दोनों नंगे एक-दूसरे को कुछ देर देखते रहे।
पूजा मेरे लन्ड को पकड़ कर आगे-पीछे करने लगी।

मैं- मुँह में ले लो जानू!
वो- अपने जानू का लन्ड चुसवाओगे.. चोदोगे नहीं..
मैं- पहले चाटो तो.. फ़िर चुदाई करूँगा।

पूजा मेरा लन्ड चाटने लगी। लगभग 5 मिनट बाद मैंने अपना पानी पूजा के मुँह में ही निकाल दिया।

उसने तुरन्त अपना मुँह हटा लिया और जल्दी उसने अपनी चूचियाँ मेरे लन्ड से सटा दीं.. मेरा सारा पानी पूजा के मम्मों पर निकल गया।
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मैं 10 मिनट तक उसकी चूचियाँ दबाने लगा।
पूजा- आआआह्ह.. ऊऊउआ आआआह्ह्ह ह्ह्ह.. अब तो चोदो.. आ जाओ.. आआआ!!

कुछ ही देर में मेरा फ़िर से खड़ा हो गया।
अब मैंने पूजा की चूत.. जो पहले से गीली थी.. उसमें अपना लन्ड डाल दिया।

‘आआ आआआह्ह्ह्हह.. ऊऊऊह्ह्ह ह्ह्ह.. मर गई रे.. उम्हाआआ आआआ.. धीरे डालो न..’
मैंने जोर-जोर 2-3 झटके और लगा दिए मेरा पूरा लन्ड पूजा की बुर में जड़ तक चला गया।

पूजा की आँखें लाल हो गईं.. फ़िर थोड़ी देर बाद वो भी अपनी गाण्ड उठा-उठा कर चुदवाने लगी।
उसकी चूत इतनी गीली थी कि धक्कों से ‘फ़क.. फ़क..’ की आवाज आने लगी।
कुछ ही पलों में पूजा के मुँह से भी आवाजें तेज होने लगीं ‘आअह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह्ह..’ और वो उत्तेजना से कांपने लगी।

चूंकि मैं चोदने से पहले पूजा के मुँह में एक बार झड़ चुका था.. इसलिए मेरा इस बार लम्बे समय तक चलने वाला था.. पर पूजा झड़ने को होने लगी थी, उसने मुझे कस कर पकड़ लिया, वो कांपते हुए मुझे धीमे स्वर में गालियाँ दे रही थी- चोद दे मुझे साले.. फ़ाड़ डाल मेरी बुर..
अचानक उसकी पकड़ ढीली हुई.. मैं समझ गया कि वो झड़ गई।

अब मेरी बारी थी, मैंने अपने लन्ड के प्रहार और तेज कर दिए।
पूजा समझ रही थी कि मैं भी झड़ने वाला हूँ, उसने मुझे कस कर पकड़ लिया.. मैंने भी उसे दोनों हाथों से मजबूती से जकड़ लिया।
हम दोनों की साँसें तेज-तेज चलने लगीं। वो कितनी गरम थी उसकी साँसों से महसूस हो रहा था।

मैंने पूजा की चूचियाँ दोनों हाथों से पकड़ कर रखी थीं और उसकी निरंतर आवाज आ रही थी- आआआह्ह ह्ह्ह्ह.. फ़क मी.. फ़क मी.. ऊऊऊ ऊउह्ह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह..
‘पेल तो रहा हूँ जान.. चिल्ला क्यों रही हो..’
‘आअह्ह्ह्ह्ह.. तो पेलो ना जान.. ऊह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह..’

फिर 4-5 तेज झटकों के साथ मैं झड़ गया, हम दोनों एकदम ही निढाल हो गए.. चिपक कर लेटे रहे।

अब दोपहर के 2 बज रहे थे, पूजा 5 बजे तक मेरे घर रहने वाली थी, करीब 30 मिनट बाद हमने फ़िर से चुम्मा-चाटी शुरू कर दी।

मेरा लन्ड और पूजा की चूत दोनों सफ़ेद पानी से तर थे।

अब दोनों 69 की पोजीशन में आ गए। पूजा मेरा लन्ड और मैंने उसकी बुर चाट कर साफ़ किया।

मेरा लन्ड एक बार फ़िर खड़ा हो गया- पूजा तुम्हारी गाण्ड मारने को दिल कर रहा है..
पूजा- हाँ जान.. आज तुम्हारे लिए सब माफ़.. पर जल्दी करो.. मुझे घर भी जाना है।

मैंने पूजा को घोड़ी बना कर मैं उसके पीछे गया और उसकी गाण्ड में लन्ड का सुपारा रख कर पूछा- डाल दूँ जानू..?
‘हाँ डाल दो जान..’

मैंने एक जोर का झटका दिया।
‘आआह्ह्ह्ह्ह.. मार डालोगे क्या.. अह्ह्ह्ह्ह.. छोड़ मुझे.. मुझे नहीं मरवानी है..।’

मैं उसकी चूचियाँ दबाने लगा और फ़िर से एक झटका मारा।
‘ऊऊह्ह माँ मर गई रे.. ईईईईई..’
वो धीरे-धीरे से रोने लगी- छोड़ दो यार.. बाद में कभी ले लेना..

मैं नहीं माना.. मैं अब तक आधा लन्ड डाल चुका था और फिर से मैंने एक झटका लगाया, इस बार मेरा पूरा लन्ड घुस गया।
‘आआ आआह्ह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह.. फाड़ दी..’ पूजा रो-रो कर बोल रही थी- ओह्ह.. मार दिया.. मैं तुम्हारे पास दुबारा नहीं आऊँगी..छोड़ दे’
मैं उसकी बातों को अनसुना करते हुए अपना काम करता रहा।
पूजा बेहोश सी पड़ी रही।

करीब 15 मिनट बाद मैंने पूजा की गाण्ड में अपना सारा पानी छोड़ दिया।
फ़िर जब लौड़ा बहार खींचा तो देखा कि पूजा की गाण्ड से खून निकलने लगा था। पूजा बहुत रो रही थी।
यह था अब तक का चुदाई का मंजर..

आगे क्या हुआ.. आपके कमेंट्स के बाद बताऊँगा..
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