कुँवारी पिंकी की सील तोड़ चुदाई -9

दस मिनट तक दोनों बहुत ज्यादा गरम हो गए थे.. तो मैंने पिंकी को पेट के बल लेटा दिया और उसकी चूत में बहुत सारा थूक डाल दिया। फिर अपना लण्ड उसकी चूत पर लगा कर.. एक जोर से झटका दिया।

पिंकी की तेज स्वर में चीख निकल पड़ी- ऊऊऊ ईईईई यश उई.. ह्ह्ह्ह.. ह्ह्ह्ह्हम्म्म.. म्मम्मम्म.. म्मकईईई..

एक ही बार में आधे से ज्यादा लण्ड उसकी चूत में चला गया, इसी के साथ ही मैंने एक बार और हल्का सा लण्ड को को चूत से बाहर किया और पूरी जान लगा कर झटका मारा।
पिंकी फिर से रो दी ‘ओऊह्ह्ह.. ह्ह्ह्ह.. ईईई ईऊऊ ऊईईईई.. ईईईईईऊऊऊ ईईईइइइइ..’

अब पिंकी की चीखें लगातार निकलने लगीं। मैं जरा रुका और 2 मिनट ऐसे ही उसके ऊपर लेट कर उसके पीठ पर हाथ से सहलाने लगा।
दो मिनट बाद पिंकी भी गाण्ड को उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी। मैंने लण्ड को धीरे-धीरे से अन्दर-बाहर करना चालू कर दिया। पिंकी अब भी थोड़ा कराह रही थी ‘ऊऊ कक्क.. ओह्ह्ह्ह्ह् होकक..’

थोड़ी ही देर में मैंने स्पीड तेज कर दी और पिंकी की सिसकारियाँ भी जोर-जोर से निकलने लगीं ‘ऊऊऊह्ह्ह ह्ह्म्म्म मम्मम्म… ह्ह्हहआआ.. ह्ह्ह्हब्ब्बब्ब.. म्म्मम्ह्ह्ह्ह ह्ह्हआआआआ.. यश चोदो.. और जोर-जोर से चोदो.. ऊक्क्क्क हाआआम्म म्मम्मम्म..’

मैंने पिंकी को खड़ा कर दिया और उसका मुँह दीवार की तरफ करके उसकी गाण्ड में थूक लगा कर.. पिंकी की गाण्ड में लण्ड को ठेल दिया.. पर अभी भी पिंकी की गाण्ड कसी हुई थी।
मैंने लण्ड डाला तो आधे से कम ही गया था।

पिंकी- ऊऊऊऊह्ह्ह्ह.. यश गाण्ड में आराम से करो.. बहुत दर्द होता है जान..

मैंने सोचा इसकी टाईट गाण्ड में थूक से कुछ नहीं होगा.. सो मैंने वैसलीन ली और फिर उसकी गाण्ड में और अपने लण्ड पर लगा ली। अब उसकी गाण्ड पर लण्ड को रख कर जोर से एक झटका मारा।

‘ऊऊऊहीईईई ईईईईई म्म्मम्मा आर्रर्रर्रर्र.. गग्ग्गईईईई.. म्मम्मई ईईओ..’

वो बहुत जोर से चिल्लाने लगी जबकि अभी आधा लण्ड ही अन्दर गया था।
मैंने देर न की और साथ ही लण्ड को हल्का बाहर निकाल कर एक और जोरदार झटका मारा।

इस बार मानो पिंकी की तो गाण्ड ही फट गई हो ‘आआआह्ह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्होईईईई.. ऊऊ ऊऊईई ईईई ईईईई ईईईईई..’

मैंने फिर लण्ड को अन्दर-बाहर करना चालू कर दिया। फिर उसको थोड़ी देर तक चोदने के बाद घोड़ी बना दिया और जोर-जोर से पिंकी की गाण्ड चुदाई चालू कर दी।

मैंने जो घोड़ी वाले पोज़ में पिंकी चोदा तो उसकी चीखें निकल पड़ीं ‘ऊऊह्ह्ह्ह ह्ह्ह्.. आआआ आःह्ह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह.. म्म म्मम्मह्ह्ह ह्ह्ह्ह् यश.. और जोर-जोर से चोदो.. ह्ह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह मम्मम्म म्मम्मम्म..’

करीब 8 से 10 मिनट तक पिंकी को घोड़ी बना कर चोदा और फिर मैं पिंकी को बिस्तर पर लेकर आ गया।
बिस्तर पर लाकर उसे पीठ के बल लेटा दिया और 2 मिनट उसकी चूत को चाटने के बाद फिर से अपना लण्ड उसकी चूत में डाल कर फुल स्पीड में चोदना शुरू कर दिया।

थोड़ी ही देर में पिंकी अकड़ उठी ‘ऊऊह्ह्ह ह्ह्ह्ह.. आआ आआह्ह्ह ह्ह्ह्ह्.. ह्ह्हम्म म्मम्म म्मम्मम्म यश.. मेरा होने वाला है।’

मैं अपनी फुल स्पीड करके पिंकी की चुदाई कर रहा था, पिंकी ने एक तेज कराह करते हुए अपना माल निकाल दिया।
मैं अब भी पिंकी की चुदाई करते ही जा रहा था, एक मिनट बाद मैंने भी पिंकी की चूत में ही सारा माल डाल दिया और उससे चिपक कर लेट गया।
मैं अब उसे आराम से चुम्बन कर रहा था और पूरे शरीर पर हाथ चला रहा था।

हम दोनों 30 मिनट ऐसे ही लेटे रहे फिर फिर बाथरूम में हम दोनों साथ ही गए, मैंने फव्वारा चालू कर दिया।
अब मैं पिंकी को अपनी बाँहों में लेकर पानी के नीचे खड़े होकर उसके होंठों पर चुम्बन करने लगा। फिर उसके पूरे शरीर पर चुम्बन किया। फिर पिंकी को नीचे बिठा कर उसके मुँह में लण्ड डाल दिया और जोर-जोर से उसके मुँह को चोदने लगा।

कुछ देर बाद मैंने पिंकी के मुँह से लण्ड निकाल कर उससे कहा- पिंकी एक राउंड और हो जाए?
पिंकी ने मना कर दिया और कहने लगी- यश थक गई हूँ.. आराम करना है।
मैंने कहा- ठीक है.. कोई बात नहीं।

फिर मैंने दुबारा उसके मुँह में लण्ड डाल दिया और जोर-जोर से उसका मुँह चोदने लगा। उसका सर को पकड़ कर जो जोर-जोर से झटके मारे तो मस्ती में आ गई।
करीब 5 मिनट बाद पिंकी ने मुँह से लण्ड को निकाला, बोलने लगी- चलो अब मेरी चूत भी आपका लण्ड मांग रही है.. पर इस बार जल्दी करना.. ओके सोनी यहाँ पर मुझे बुलाने कभी भी आ सकती है।
मैंने कहा- ठीक है जान!

मैं पिंकी को उठा कर बिस्तर पर ले गया और उसको पीठ के बल लेटा कर उसकी टाँगों के बीच में आ गया और उसकी चूत को चाटने लगा और जोर-जोर से चूसने लगा। साथ ही मैं अपनी एक उंगली भी उसकी चूत में डाल कर जोर-जोर से अन्दर-बाहर करने लगा।
मैं जीभ की नोक से पिंकी की चूत के दाने को भी चाट रहा था।
पिंकी की सिसकारियाँ चालू हो गईं ‘ह्ह्हम्म म्मम्म म्मम्म.. आआआ आआह्ह ह्हह्हह्ह.. हाँ यश और जोर-जोर से.. बहुत मजा आ रहा है ऊऊओह्ह्ह्हूऊऊ..’

मैंने देखा कि पिंकी की चूत रोने लगी है.. तो मैंने भी देर ना करते हुए पिंकी की चूत में लण्ड को डाल दिया और उसे जोर-जोर से चोदने लगा।

पिंकी- आआआह्ह.. ऊऊऊह्ह्ह्ह्हू ऊऊऊऊऊह.. जोर से चोदो यश.. और जोर-जोर से..
मैंने भी फुल स्पीड में पिंकी को चोदना शुरू कर दिया और हम दोनों की मादक आवाजें कमरे में गूंज रही थीं।
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करीब 5 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों ही पसीने से भीग चुके थे। फिर मैंने पिंकी की एक टांग अपने कंधे पर रखी और चूत पर लण्ड को रख कर जोर से झटका मार दिया… पूरा लण्ड अन्दर चला गया।
पहले 20 से 30 झटके तो आराम से मारे.. फिर कुछ ही देर में मैंने अपनी फुल स्पीड में पिंकी की चुदाई करना शुरू कर दी।
पिंकी भी मजा लेते हुए जोर-जोर से मुझे उकसाने लगी- आह्ह.. यश बहुत मजा आ रहा है जान.. और जोर-जोर से चोदो!

मैं भी उसकी दोनों टांगें ऊपर करके चोदने लगा। दोस्तों पिंकी की जो चीखें निकल रही थीं वे पूरे कमरे में गूंज रही थीं। जैसे ही उसकी चीख मेरे कान में पड़ती.. तो मुझे और भी जोश आ जाता और मैं और जोर-जोर से पिंकी को चोदता।

करीब 10 मिनट तेज चुदाई करने के बाद पिंकी अब अकड़ने लगी और बोलने लगी- आह्ह.. यश मैं आने वाली हूँ।

मैंने पिंकी को पेट के बल लेटा दिया और मैंने सोचा एक बार गाण्ड में भी माल निकाल दूँ।

मैंने जल्दी से वैसलीन ली.. उसकी गाण्ड में लगा कर.. अपने लण्ड पर लगा कर उसकी गाण्ड पर लण्ड रख दिया। मैंने लौड़ा पूरी ताकत से पेल दिया। जैसे ही मैंने उसकी गाण्ड में लण्ड को डाला.. पिंकी का सारा माल निकल गया और वो झड़ चुकी थी.. पर मैं पिंकी की गाण्ड में लण्ड डाले हुए उसी दशा में उसकी चुदाई करने लगा।

पिंकी बेहद चिल्ला रही थी- आआह्ह ह्ह्ह यश.. ये क्या.. चूत में करो न..
मैंने उसकी गाण्ड को चोदना शुरू कर दिया और इस बार जो मैंने उसकी गाण्ड मारी.. दोस्तों उसकी चीखें निकाल दीं।

पिंकी को दर्द भी हो रहा था.. पर मैं उसकी गाण्ड की चुदाई करे जा रहा था।

‘ऊऊऊ ऊऊऊईईईई.. ह्ह्ह्ह ह्हह्ह्म म्म..’

मैंने 5 से 10 मिनट तक उसकी गाण्ड मारी और अब मेरा भी माल निकलने वाला था। मैं जोर-जोर से फुल स्पीड से चोदने लगा। लगभग 20 से 30 झटके मारने के बाद मैंने उसकी गाण्ड में ही सारा माल डाल दिया और उसके ऊपर ही लेट गया।

एक मिनट बाद दरवाजे की घंटी बजी.. हम दोनों की ही उठने की हालत तो थी नहीं.. पर जल्दी से उठे और दोनों ने कपड़े पहन लिए और खराब चादर को बाथरूम में रख दिया।

पिंकी ने टेबल पर खाना रख दिया.. जो वो लेकर आई थी और पिंकी रसोई की सफाई करने लगी।
मैंने दरवाजा खोला तो देखा पड़ोस वाली आंटी थीं।

आंटी ने पूछा- खाना खाया तुमने?
मैंने कहा- हाँ आंटी जी पिंकी ने बनाया था।

फिर वो अन्दर आईं और पिंकी रसोई साफ़ कर रही थी। आंटी भी थोड़ी देर बैठीं और पिंकी ने चाए बनाई।
सबने चाय पी फिर आंटी चली गईं।

करीब 5 बजे तो पिंकी ने कहा- मैं भी चलती हूँ।

पिंकी ने मुझे अपनी बाँहों में लिया और 2 मिनट लंबा चुम्बन किया।
फिर मैंने पिंकी से पूछा- आज रात में तो आओगी ना?
तो पिंकी ने कहा- जी नहीं.. मैं बहुत थक गई हूँ.. तो अब सोनी को रात में खाना बनाने के लिए भेज दूंगी।
‘ठीक है..’

फिर पिंकी चुम्बन करके बोली- यश एक बात कहूँ.. तुम बहुत अच्छे हो और बहुत ही प्यारे भी.. और सच में तुमने मुझे खुश कर दिया.. ये पल मैं हमेशा याद रखूंगी।
वो ये बोल कर चली गई।

आगे क्या हुआ वो सब मेरे अगले भाग में पढ़िएगा।
दोस्तो, मुझे अपने मेल भेजना।
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