Tag: अंग प्रदर्शन

जवान सेक्सी काम वाली की बुर की सील तोड़ चुदाई

संध्या एकदम जवान सेक्सी और मस्त फिगर की साँवली सी लड़की थी, उसके शरीर की सबसे ख़ास और आकर्षक चीज़ थी उसके चूचे! उसके चूचे इतने सेक्सी थे कि मन करता था कि बस इसके मम्मों को जीभ से इतना चाटूँ.. इतना चाटूँ कि पूरे निप्पल बाहर निकाल लूँ। उसकी हाइट थोड़ी छोटी सी थी […]

मेरे मौसेरे भाई ने मेरी चूत गांड को खूब चोदा

शनि बोला- दीदी, कपड़े तो बाइक के डिकी में ही भूल गया। फिर मैं बोली- भूलेगा कैसे नहीं साले? तू तो मुझे चोदने आया था। फिर हम दोनों हँसने लगे। मैं बोली- जा बहनचोद कपड़े लेकर आ! तो शनि बोला- यार दीदी, ऐसे ही बाहर चलो ना, अभी कोई नहीं होगा। मैं बोली- अच्छा अगर […]

शादीशुदा औरतों की चूत का दीवाना

मैंने निशा से लड़की बन कर बोला- मैं कुछ लड़कों को जानती हूँ, जो मस्त सेक्स जॉब करते हैं. निशा- क्या तुम उनसे चुदवाती भी हो? मैंने कहा- हां, मेरी चूत की खुजली तो उन्हीं मस्त लड़कों के लंड से मिटती है. मैं उनमें से एक लड़के को बहुत पसंद करती हूँ. उससे मैं अपनी […]

गांड चुदाई स्टोरी: रिश्तों में चुदाई स्टोरी-14

महेश ने अपनी बेटी को अपनी बांहों में भर लिया और अपनी बेटी के रसीले होंठों को चूसना शुरू कर दिया। फिर महेश अपनी बेटी की पेंटी को सूंघने लगा। “पिताजी, आपको किसकी गंध ज़्यादा अच्छी लगी, मेरी पेंटी की या चूत की?” ज्योति बोली। “अरे बेटी, दोनों ही बहुत मादक हैं.” कहकर महेश ने […]

प्रोड्यूसर का बेटा मॉडल पर फ़िदा

यह कहानी उन में से सबसे छोटे आशिक की है। आप लोगों ने मेरी पिछली कहानी में पढ़ा होगा कि मैं अपने कॉलेज की अप्सरा कहलाती थी और इसका मैं भरपूर फायदा उठाती थी। उसी समय से मैं थोड़ी बहुत कैट वाक, मॉडलिंग ये सब करती रहती थी और साथ ही साथ खूब चुदती भी […]

मामा ने ढूंढा तिल

मैं अंकल को अपनी गांड दिखाते हुए बैठ गई. मैं साफ़ देख रही थी कि अंकल का लंड खड़ा हो चुका था. हम लोग उस दिन सोफ़े पर बैठ कर नाश्ता कर रहे थे. तभी राज ने कहा कि वो आज दिल्ली से बाहर जा रहा है, कल तक आ पाएगा. कुछ देर बाद राज […]

मेरा हंसता खेलता सुखी परिवार-3

‘मुझे पता है पापा… ‘ उसने मुझे कस कर अपनी बाहों में जकड़ लिया- मैं नील से फ़ोन पर बात कर रही थी और आप मुझे वहाँ चूम रहे थे ! कितने उत्तेजना भरे थे ना वो पल ! मैं तो बस ओर्गैस्म तक पहुँचने ही वाली थी ! मैंने सोनम को सुझाव दिया- अपना […]

मेरा हंसता खेलता सुखी परिवार-2

‘ओह पापा ! आप भी ना ! अभी चाय छलक जाती !’ चाय रखने के बाद वो मेरी तरफ़ घूमते हुए बोली और मेरे हाथ फ़िर से उसकी कमर पर आ गये। ‘तुम्हारे कूल्हे बहुत लाजवाब हैं सोनल ! आई लाइक दैम !’ पता नहीं मैं कैसे बोल गया और इसी के साथ मेरी आठों […]

मेरा हंसता खेलता सुखी परिवार-1

माधुरी की असामयिक मृत्यु के वक्त अक्षरा और आलिया दोनों अविवाहित थी और बारी बारी से बच्चों की देखभाल के लिए हमारे साथ रहने आती रहती थी। अक्षरा इस समय 41 साल की हो चुकी है और अपने पति व एक बेटी के साथ पटियाला में बहुत खुश है। इस उम्र में भी वो दिल […]

​इक्कीसवीं वर्षगांठ-1

मेरे बहन शिप्रा जिसकी एक वर्ष पहले शादी हो गई थी और अब वह भीलवाड़ा में अपने पति के परिवार के साथ रहती है। मेरी बहन अक्सर घर पर आती रहती है और उसने ही मुझे इस कथा को लिखने और आप लोगों के सामने प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया। मेरी बहन शिप्रा ने […]