रैगिंग ने रंडी बना दिया-105

लंड अन्दर जाते ही मॉंटी को लंड पे अजीब सा गर्म गर्म अहसास हुआ उसकी आँखें मज़े से बंद हो गईं. वो समझ ही नहीं पा रहा था कि ये क्या हो रहा है.

सुमन- मॉंटी देर मत कर… चोद अब तू फास्ट फास्ट हिल… तभी मजा आएगा.
मॉंटी ने कमर को हिलाना शुरू किया और थोड़ी ही देर में उसको भी मजा आने लगा.
सुमन- आह… चोदो मॉंटी आह… फास्ट करो तुम छोटे हो लेकिन मुझे मजा पूरा दे रहे हो आह… करो… आह दम से चोदो मुझे.

सुमन की बातों से मॉंटी की उत्तेजना भी बढ़ गई. वो भी जोश में आ गया और जोर जोर से सुमन की चुदाई करने लगा. वो अलग बात है कि उसको बराबर चोदना नहीं आ रहा था, वो बस कमर को हिला रहा था मगर जैसे भी था, चुदाई तो हो रही थी.

सुमन की चुत की गर्मी के आगे मॉंटी का ज़्यादा देर टिक पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था और हुआ भी वही, उसके लंड का तनाव बढ़ने लगा और उसकी नसें फूलने लगीं. किसी भी पल उसका लावा फूट सकता था और साथ ही सुमन भी अपने चरम पर पहुँच गई थी.

मॉंटी- आह… दीदी मेरा पानी निकलने वाला है.
सुमन- आह… मैं भी गई आह… फास्ट फास्ट करो मॉंटी मजा आ गया एयाया…

दोनों एक साथ झड़ गए. सुमन का तो पता नहीं मगर मॉंटी के जीवन में आज नया दिन था. उसने पहली बार चुदाई की थी. उसको इतना मजा आया जिसका शब्दों में वर्णन करना मुश्किल था.
मॉंटी अलग होकर सुमन के पास लेट गया.

मॉंटी- दीदी ये क्या था… सच्ची बहुत मजा आया. ये तो आपके मुँह से लंड चुसाने से भी अच्छा था. इसमें तो मेरे लंड से बहुत ज़्यादा रस निकला… और बहुत देर तक निकला. मैं बता नहीं सकता दीदी मुझे इसमें कितना मजा आया.
सुमन- बस बस सांस लो… एक साथ मत बोलो मेरे प्यारे मॉंटी… इसे चुदाई कहते हैं. अब तुझे समझ आ गई ना ये बात… तो एक बात और सुन, तेरी दीदी जो हैं न, अक्सर बाहर जाती हैं, रात को लेट आती हैं. पता है क्यों? वो अपने दोस्तो को चुदाई का मजा देती हैं.
मॉंटी- ये आप क्या बोल रही हो दीदी बाहर ऐसा करती हैं?

सुमन ने मॉंटी के हाथ को पकड़ा और उसको भरोसा दिलाया- हाँ भाई, टीना अपने दोस्तों को मजा देती हैं… मगर तुम्हें नहीं देती, अब तुम खुद देखो आज तक उसने ना तो तुम्हारा लंड चूसा है… और ना ही चुदाई की. अब तुम ही बताओ, ये ग़लत बात है ना?
मॉंटी- हाँ दीदी, ये बहुत ग़लत बात है. मैं आज ही दीदी से बात करूँगा.
सुमन- पागल मत बनो, तुम ऐसा कुछ नहीं करोगे. अब जो मैं तुम्हें बताऊं वैसा करोगे, फिर वो खुद तुम्हें मजा देगी.
मॉंटी- ठीक है दीदी आप बताओ… मैं क्या करूँ?

सुमन ने मॉंटी को अपने जाल में फँसा लिया और उसको कुछ टिप्स बता दिए, जिससे टीना को काबू में करना आसान हो जाए.

उधर कॉलेज में टीना ने संजय को बता दिया कि सुमन क्यों नहीं आई उसके अलावा वहां कुछ खास हुआ भी नहीं… बस टीना ने फ्लॉरा को अपने साथ आने का बोल दिया और दोपहर को वो दोनों घर आ गईं. तब तक सुमन ने मॉंटी को अच्छी तरह काबू में कर लिया था और वो बाहर चला गया था.

ये दोनों जब आईं तब तक सुमन ने कपड़े बदल लिए थे और बस उनके आने का इन्तजार कर रही थी.

टीना- ओये रानी, कहाँ जाने का इरादा है… तुझे आराम करने को कहा था, तू कपड़े बदल कर क्यों बैठी है?
सुमन- यार, पापा रात से गए हुए हैं. अब घर जाकर देखूँ तो सही वो आए या नहीं.
फ्लॉरा- अच्छा और मुझे यहाँ बुलाने का क्या मतलब था… वो भी बता दे?
सुमन- आपको अपने साथ घर लेकर जाना है इसलिए बुलाया क्योंकि दीदी को लेकर जा नहीं सकती, मॉंटी और आंटी की देखभाल करने के लिए इनका यहाँ रहना जरूरी है.
फ्लॉरा- ओ हैलो… मेरा आज कोई इरादा नहीं है तेरे बाप से चुदवाने का… और ऐसे अचानक ही तूने खुद ही फैसला कैसे किया?
सुमन- अरे आप ग़लत समझ रही हो पापा रात से गए हैं और मैं अकेली हूँ इसलिए बस कंपनी के लिए आपको बुलाया है.

सुमन ने पापा के जाने वाली झूठी कहानी फ्लॉरा को भी सुनाई. फिर टीना ने भी उसका साथ दिया और दोनों घर चली गईं.

दोस्तो, आपको समझ तो आ ही रहा होगा ये सब प्लान का एक हिस्सा है, जो गुलशन और सुमन ने बनाया था. तो चलो आगे देखो.

दोनों घर आ गई थीं. सुमन ने कपड़े बदल लिए थे और फ्लॉरा को भी एक मैक्सी दे दी. पहले तो फ्लॉरा ने मना किया कि उसको ये छोटी रहेगी मगर सुमन के कहने पर उसने वो पहन ली और दोनों बैठ कर बातें करने लगीं.

फ्लॉरा- यार मैं घर नहीं गई, वहां मॉम डैड परेशान होंगे, मैं उनको फ़ोन करके बता देती हूँ.
सुमन- आप तो कितनी बार बाहर रहती हो, फिर क्या प्राब्लम है… आप उनको बता दो.
फ्लॉरा- ठीक है यार, मगर उनको बता कर रहती हूँ. तुम कुछ खाने को लाओ, तब तक मैं घर पे कॉल करके बता देती हूँ.

फ्लॉरा के पास मोबाइल था तो उसने घर पे बता दिया कि शाम तक आएगी, तब तक सुमन ने किचन से कुछ खाना गर्म किया जो रात का बचा था. फिर दोनों ने खाना खाया और बातें करने लगीं.

फ्लॉरा- यार तेरे पापा रात के गए अभी तक नहीं आए, कहीं कोई गड़बड़ तो नहीं ना?
सुमन- अरे नहीं नहीं, वो अक्सर ऐसे काम से जाते रहते हैं… आ जाएँगे.
फ्लॉरा- अरे वो बात नहीं है. मेरा मतलब कहीं किसी के साथ रासलीला तो नहीं करने जाते?
सुमन- ऐसा कुछ नहीं है यार… अगर ऐसा ही होता तो रोज तड़पते नहीं, उनका अजगर हर वक़्त खड़ा ही रहता है.

फ्लॉरा- यार सच बता उनका सच में बहुत बड़ा है क्या?
सुमन- हाँ, बहुत बड़ा है; अगर अभी वो होते ना तुझे मैं दिखा देती.
फ्लॉरा- वाउ रियली? मगर तू कैसे दिखाती.
सुमन- पापा सिर्फ़ लुंगी पहन कर सोते हैं और सोने के बाद उनको होश नहीं रहता… तो उनका लंड देखना आसान है.
फ्लॉरा- वाउ यार… काश अभी वो आ जाएं तो मुझे उनके बड़े लंड के दीदार हो जाएं.

फ्लॉरा की प्रार्थना भगवान ने फ़ौरन सुन ली, गुलशन जी घर में आ गए. वैसे ये भगवान ने कम और गुलशन जी ने ज़्यादा सुनी थी… वो वहीं छुपे हुए थे.

गुलशन- सुमन, अरे बेटा कहाँ हो तुम?
सुमन- मेरे कमरे में आ जाओ पापा… यही हूँ मैं अपनी फ्रेंड के साथ.

गुलशन जी अन्दर आए और फ्लॉरा को देख कर खुश हो गए, वो सच में एक पटाखा थी मगर उन्होंने खुद पे काबू रखा ‘हाय हैलो…’ किया. फिर सुमन ने झूठा नाटक किया कि वो रात से कितनी परेशान थी, गिर गई वगैरह वगैरह.

गुलशन जी ने उसको समझाया जाना जरूरी था, उसके बाद उन्होंने कपड़े बदले और खाने का कहा तो फ्लॉरा ने सुमन को कहा- तू आराम कर… अंकल को मैं खाना दे देती हूँ.
फ्लॉरा ने गुलशन जी को खाना दिया और उनके पास ही बैठ गई. वो जानबूझ कर ऐसे बैठी कि उसके मम्मों की झलक गुलशन जी को दिखती रहे और वो उनको सिड्यूस कर सके.
गुलशन जी भी चोर नज़रों से फ्लॉरा के मम्मों को देख रहे थे.

जब फ्लॉरा ने ये महसूस किया तो उनसे पूछ लिया- आप क्या देख रहे हो?
गुलशन- तुम बहुत सुन्दर हो फ्लॉरा बेटी.
फ्लॉरा- थैंक्स अंकल, वैसे आपको देख कर भी नहीं लगता कि आपकी इतनी बड़ी बेटी होगी.
गुलशन- अरे ऐसा भी नहीं है बस खुद को थोड़ा फिट रखा हुआ है.

ये दोनों काफ़ी देर तक बातें करते रहे. उसके बाद गुलशन जी ने कहा कि वो बहुत थके हुए हैं और उनको नींद आ रही है.
फ्लॉरा- ठीक है आप आराम करें मैं सुमन के पास जाती हूँ.

फ्लॉरा वहां से वापस सुमन के पास चली गई और काफ़ी देर तक दोनों बातें करती रहीं.

फ्लॉरा- यार, अब तक तो अंकल गहरी नींद में हो गए होंगे, चल ना हम उनका लंड देख कर आते हैं.
सुमन- नहीं यार, वो मेरे पापा हैं, मैं नहीं देख पाऊंगी, तुम जाकर देख लो.
फ्लॉरा- यार वो जाग गए तो गड़बड़ हो जाएगी ना… तू साथ में चल ना.
सुमन- सच कहूँ मैं रात को सोई नहीं थी. अब मुझे बहुत जोरों की नींद आ रही है. तू देख ले यार और चाहे तो मजा भी ले लेना. वो रात के थके हुए हैं, उठने का कोई ख़तरा भी नहीं रहेगा.

सुमन ने फ्लॉरा को पूरा यकीन दिला दिया कि उसके पापा बहुत गहरी नींद में सोते हैं, तू जाकर लंड का मजा ले सकती है. फ्लॉरा भी उसकी बातों में आ गई और सीधे गुलशन जी के कमरे में चली गई.
पहले तो उसने गुलशन जी को आवाज़ दी कि वो सोए या नहीं, मगर कोई जवाब नहीं आया तो उनको थोड़ा हिलाया मगर वो वैसे ही बेसुध पड़े रहे. अब फ्लॉरा को यकीन हो गया कि ये उठने वाले नहीं.

फ्लॉरा ने लुंगी साइड में की और गुलशन जी के लंड को देखने लगी. उस टाइम वो सोया हुआ था मगर 6″ का तो उस वक़्त था.

फ्लॉरा- वाउ सो नाइस… सोया हुआ इतना बड़ा है, जब पूरा खड़ा होगा तो कितना बड़ा हो जाएगा और मोटा भी कितना है.

फ्लॉरा ने लंड को हाथ में लिया और धीरे धीरे सहलाने लगी. उसके होंठ सूख गए थे. अब उसकी बर्दाश्त के बाहर बात थी. उसने झट से लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लग गई. अब जो होना था वही हुआ… लंड महाराज अकड़ने लगे और धीरे धीरे अपने विशाल रूप में आ गए.

अब तो फ्लॉरा को चूसने में और मजा आने लगा था… लंड जो पूरा तन गया था.

फ्लॉरा ने दोनों हाथों से लंड को पकड़ा और जोर जोर से उसको चूसने लगी. अब गुलशन जी कौन सा सच में सोए थे. वो बस आँखें बंद किए पड़े इस चुसाई का मजा ले रहे थे. जब उनको लगा अब सही मौका है, तो उन्होंने आँखें खोल दीं.

गुलशन- याइह… ये क्या कर रही हो फ्लॉरा तुम?

गुलशन जी की आवाज़ सुनते ही फ्लॉरा एकदम घबरा गई, वो कुछ बोल ना सकी. उसने जल्दी से लंड को छोड़ा और दूसरी तरफ़ देखने लगी जैसे गुलशन जी उसको अब डांटेंगे.

गुलशन- फ्लॉरा इधर देखो… तुम ये सब क्या कर रही थीं?
फ्लॉरा- स…सॉरी अंकल व्व…वो मैं जब यहाँ आई तो आपकी लुंगी हटी हुई थी. त्त…तो मैं बस इसको ठीक कर रही थी.
गुलशन- देखो फ्लॉरा मैं तो पहले ही बहुत तड़प रहा हूँ… क्यों मुझे और तड़पा रही हो. तुम ठीक कर रही थी या कुछ और मुझे सब पता है.
फ्लॉरा- सॉरी अंकल, मुझसे ग़लती हो गई… मैं चलती हूँ. प्लीज़ आप सुमन को इस बारे में कुछ भी मत बताना.
गुलशन- रूको फ्लॉरा, मुझे ऐसे आधे रास्ते में छोड़कर मत जाओ. अब जो शुरू किया है, उसको खत्म भी कर दो. यकीन करो मैं सुमन को कुछ नहीं बताऊंगा.

फ्लॉरा मन में सोचने लगी- वाउ फ्लॉरा तू सच में बहुत सेक्सी है, देख अंकल एक ही बार में तेरे रूप के दीवाने हो गए, सुमन तो कह रही थी इनको मनाना बहुत मुश्किल है.

गुलशन- क्या सोच रही हो फ्लॉरा… मैं जानता हूँ तुम्हें भी ये अच्छा लगा. अब प्लीज़ मुझे ऐसे अधूरा मत रखो आ जाओ.
फ्लॉरा बड़ी ही सेक्सी अदा के साथ वापस मुड़ी. अब उसके हाव भाव कुछ अलग ही थे.

फ्लॉरा- ठीक है अंकल… अब आप समझ ही गए तो मैं सब खुलकर बताती हूँ. मुझे आपका ये अजगर बहुत पसन्द आया, इसी लिए इसको चूस रही थी और अभी आपको शांत भी कर दूँगी मगर ये सब करके मुझे क्या मिलेगा?
गुलशन- जो तुम चाहो फ्लॉरा वो दे दूँगा. बस एक बार मुझे इस तड़प से मुक्त कर दो.
फ्लॉरा- आपके इस अजगर को शांत करते करते मेरे बिल का क्या हाल होगा, इसका अंदाज़ा भी है आपको? फिर उसकी तड़प का क्या होगा, उसको कौन शांत करेगा?
गुलशन- फ्लॉरा मैं समझ गया कि आग दोनों तरफ़ बराबर लगी है. अगर तुम्हें ऐतराज ना हो तो मैं अपना अजगर तुम्हारे बिल में घुसा सकता हूँ. इससे हम दोनों की तड़प मिट जाएगी.

लो भाई ये गुलशन जी ने तो डाइरेक्ट चुदाई का कह दिया. अब ये बेटी की सहेली पापा के साथ अकेली… क्या होगा यहाँ? चुदाई होगी भी या नहीं… अगर होगी तो कैसी होगी? ये आप लोग अगले पार्ट में खुद देख लेना.

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