मैं कॉलगर्ल कैसे बन गई-1

दोस्तो, कोई भी लड़की किसी गैर आदमी के साथ ना तो चुदवाना चाहेगी और ना ही अपने कपड़े उतारेगी. मगर मजबूरी में वो सब करवा लेती है, जो वो नहीं करना चाहती.

मैं आपको अपनी आप बीती बता रही हूँ. मैं आजकल एक कॉलगर्ल हूँ और मुझमें शर्म नाम की कोई चीज अब मेरी डिक्शनरी में नहीं है. मगर मैं ऐसी ही थी नहीं, मैं किसी मर्द को अपने कोई भी अंग नहीं दिखाती थी, चाहे कुछ भी हो जाए.. मगर होनी को कुछ और ही मंजूर था.

मैं एक कंपनी में अकाउंट्स का काम करती थी. टाइम पर ऑफिस अटेंड करती थी और टाइम पर ही छुट्टी करती थी. मेरा काम हमेशा अपटूडेट होता था, इसलिए मुझे कभी भी किसी ने कुछ नहीं कहा. हमारे ऑफिस में मुझे मिला कर तीन लड़कियां काम करती थीं और बाकी सब पुरुष थे.

हम तीनों लड़कियों में से एक तो मैरिड थी और हमेशा अपने बच्चे के बारे में बात करती थी. मगर दूसरी चालू थी उसका नाम कुसुम था और उसका काम होता था कि इधर उधर से लड़कियों को बहला फुसला कर कहीं भेजना. उसकी ये हरकत मुझे बाद में पता लगी.

वो मुझे हमेशा कहा करती थी कि रानी क्या रखा है इस जिंदगी में, जिन्दगी के असली मज़े लो. वो हमेशा अपने पास पेन ड्राइव में हिन्दी ब्लू फिल्म और क्सक्सक्स विडियो क्लिप्स रखती थी और बोलती थी कि आओ तुम्हें इस जिंदगी के मज़े कैसे लिए जाते हैं, बताती हूँ.
मैं उसको खास लिफ्ट नहीं दिया करती थी.

तब उसने अपने साथ उस मैरिड लेडी को मिला कर मुझे ब्लू फिल्म दिखाई.

मुझे देखने में तो बहुत मज़ा आया मगर मैंने कहा कि ऐसे थोड़ी ना हर किसी के आगे नंगी होकर उसका लिया जाता है.
तब वो बोली- अरी उसका नाम नहीं बोल सकती, जिसको लेने की तुम बोल रही हो कि लिया जाता है.
मैंने कहा- मैं नहीं बोल सकती.
तब वो बोली- चलो मैं ही तुम्हें बताती हूँ, जिसे तू उसका बोल रही हो, वो लंड होता है और खड़ा होकर पूरा लौड़ा बन जाता है. खड़ा हुआ लौड़ा आम तौर पर 6 से 7 इंच लंबा हो जाता है और उसकी मोटाई भी 2.5 इंच से ले कर 3.5 इंच बन जाती है.. और जहाँ लौड़े को लेना होता है, उस छेद को चुत बोला कर.

मैंने खुले आम लंड और चुत का नाम सुना तो मेरी आंखें शर्म से झुका गई थीं. मगर वो मुझे बिना बुलवाए छोड़ नहीं रही थी.
मैंने कहा- अच्छा बई, लंड को चुत में लेना.. बस.
बोली- हां अब हमेशा लंड और चुत अपने मुँह में रखा कर.. कल तुम्हें नई फिल्म दिखाऊंगी.

इस तरह से वो रोज कोई ना कोई सेक्सी फिल्म ले आती थी और दिखाती थी. एक दिन वो बॉलीवुड की बहुत मशहूर एक्ट्रेस जिसका नाम मैं नहीं लिख सकती, उसकी चुदाई की फिल्म लेकर आई और बोली- डार्लिंग आज तुम्हें बताती हूँ कि इतनी फेमस होने पर भी चुत, चुत ही होती है, जो चुदने को हमेशा तैयार रहती है.

अब वो मैरिड लेडी को नहीं बुलाती थी बस मेरे को ही यह सब दिखाती थी. फिल्म देखते हुए मेरे मम्मों को दबाना और मेरी चुत पर हाथ रखना, उसके लिए आम बात थी.

मुझे उसने कहा- अगर तू राज़ी हो तो मैं तेरा भी इंतज़ाम करवा देती हूँ और क्योंकि तुमने अभी तक चुत में लंड नहीं लिया तो तुम्हें 25 से 30 हज़ार रूपए भी दिलवा दूँगी. हां मगर उसमें 10% मेरी कमीशन होगी.
मैंने उससे कहा- अगर तू मुझसे ऐसे बात करेगी तो मुझसे बोलना बंद कर दे.
वो बोली- कोई बात नहीं यार.. तू तो बुरा मान गई. तुम्हारा दिल नहीं है ना सही. कल तुम्हें मैं अपनी चुदाई की पिक्चर दिखाऊंगी मगर यह सीक्रेट ही रहना चाहिए.

जैसा कि वो बोली थी, उसने अगले दिन अपनी ही चुदाई की पिक्चर दिखा दी. उसकी चुदाई की पिक्चर याद करके मुझे भी कुछ कुछ होने लगा मगर मैंने दिल को मजबूत करके अपने आप को सम्भाल लिया.
मगर मेरी बदकिस्मती थी कि अचानक मेरे पापा की तबियत खराब हो गई और मुझे उन्हें किसी नर्सिंग होम में ले जाना पड़ा. हस्पताल में जाते ही उन्होंने हमसे 40,000 रूपए डिपोज़िट करने को कहा. इतनी बड़ी रकम मैं कैसे दे सकती थी. खैर उस वक्त तो वो सब हमारे पड़ोसियों ने दे दिए कि बाद में लौटा देना.
मगर कैसे लौटाती, यह मेरी समझ से बाहर था. मैं ऑफिस भी 3 दिनों के बाद गई तो मेरा चेहरा उतरा हुआ था.

उसने पूछा- क्या बात हो गई जो मेरी डार्लिंग ऑफिस ही नहीं आई?
तब उसे मैंने सारी बात बता दी.

वो बोली- तू फिकर मत कर… मैं तुम्हें 50000 रूपए दे दूँगी मगर इनको 2 महीनों में चुका देना. अब तो ठीक है ना.
मैंने उस वक़्त उसका अहसान मानते हुए उससे कहा कि अगर तुम ना होती तो मेरा आज क्या होता.
वो बोली- जो मैं तुम्हें पैसे दे रही हूँ वो सब मेरी चुदाई के या किसी को चुदवा कर उसकी चुदाई की कमिशन हैं. तुम लौटा देना, कोई बात नहीं.

मगर वो कहते हैं कि मुसीबतें इकट्ठी ही आती हैं. मुझे मलेरिया हो गया और मैं कुछ दिन ऑफिस ना जा सकी. ऑफिस वालों ने मेरी सेलरी, जितने दिन में ऑफिस नहीं गई थी, वो काट ली. मेरे ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा.

कोई डेढ़ महीने बाद मैंने उस लड़की से कहा कि मैं अभी पैसे नहीं दे पाऊंगी. बजाए इसके कि वो दुखी होती, वो बहुत खुश नजर आई. क्योंकि उसे पता था कि मैं उसके बिछाए जाल में फंसती जा रही हूँ और इसमें से निकलने का कोई रास्ता नहीं बचेगा, सिवाय चुत को चुदवाने के.
वो मुझसे हंस कर बोली- कोई बात नहीं है.

मगर अगले दिन आकर बोली- यार मैं कहना तो नहीं चाहती थी मगर मेरी भी मजबूरी है.. मेरी मम्मी को पैसे चाहिए. वो अपने भाई को देखने जा रही हैं, क्योंकि वो बीमार हैं, इसी वजह से मुझे पैसे चाहिए.
मैं बोली- इतनी जल्दी कैसे हो पाएगा.. तुम्हीं बताओ कि मैं क्या करूँ?
उसका जवाब सुन कर एक बार तो ठंडी लहर सी मेरी रीड की हड्डी से निकल गई. वो बोली- अपनी चुत से काम लो और मेरी तरह से मज़े भी करो और पैसे भी कमाओ.
मैंने कहा- यह नहीं हो सकता.
तब वो बोली- कोई बात नहीं… यह तो तुम पर ही है ना कि क्या करना है, हां मेरे को मेरे पैसे 2 महीने खत्म होने से पहले चाहिए.

मैं खामोश होकर सोचने लगी कि अब क्या करूँ.

शाम को वो बोली कि जरा आज मेरे साथ चलना, तुम्हें कुछ नहीं होगा, यह मेरी गारंटी है.
मैं शाम तो उसके साथ हो ली. ऑफिस के कुछ ही दूरी पर एक बड़ी से कार खड़ी थी.. और उसका ड्राइवर उसका ही इंतज़ार कर रहा था.
वो बोली- चलो, इस कार से चलेंगे.

हम दोनों उस कार में बैठ गए. वो गाड़ी किसी बड़े से बंगले में जाकर रुकी. हम दोनों कार से उतर कर अन्दर चले गए. मैं मन ही मन बहुत डरी हुई थी. कुछ देर बाद एक नौकर आकर कर हमें कोल्ड ड्रिंक सर्व कर गया और कुछ काजू बादाम आदि की प्लेट रख गया.

मैंने उससे कहा- यार मुझे बहुत डर लग रहा है.. कहीं तुम जबरदस्ती तो कुछ नहीं करवा दोगी.
वो बोली कि यार क्यों डरती है, तुम्हें कोई कुछ करने की बात तो छोड़ो, हाथ भी नहीं लगा सकता.

इतने में एक लगबग 35 साल का एक आदमी जो बहुत हैंडसम था, आया. वो उससे गले लग कर मिला और दोनों ने जी भर के किसिंग की, बिना सोचे कि मैं भी वहाँ पर हूँ. उस आदमी का नाम मुझे बाद में पता लगा कि विक्रम है. विक्रम उसके मम्मों को पहले तो बाहर से दबाता रहा और फिर हाथ अन्दर करके दबाने लगा.

कुसुम बोली- क्यों इतना पागलपन दिखा रहे हो.. मैं तो तुम्हारे साथ चुदने के लिए आई ही हूँ.. थोड़ा तसल्ली भी रखो यार.

उसका इस तरह से मेरे सामने बोलना मुझे कुछ अटपटा सा लगा मगर मैंने सोचा मुझे क्या… ये इन दोनों का आपस का मामला है. ये खुद ही निपटा लेंगे.

कुसुम मुझे छोड़ कर उसके साथ कोई 3-4 मिनट दूसरे कमरे में जाकर वापिस आ गई. वो बोली- डार्लिंग आज तुम्हें मैं पूरा लाइव शो दिखाऊंगी, तू भी क्या याद करेगी कि किससे पाला पड़ा है. तुम्हें वहां सोफे पर बैठना है और देखना है क्या होता है और चुत कमाई कैसे करती है. तुम फिकर मत करना बस आधा घंटे के बाद तुम्हें ड्राइवर घर तक छोड़ आएगा.

जब वो दूसरे रूम में जा रही थी, तो मुझे अपने साथ ले गई. विक्रम वहाँ पर पूरी तरह से नंगा बैठा था. मैं समझती हूँ कि उसका लंड, जो कि 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था, इस वक्त गुस्से में झटके मार रहा था. सामने टीवी पर हिंदी ब्लू फिल्म चल रही थी.

जैसे ही कुसुम वहाँ पहुंची, वो बोला- जानेमन कुछ अपनी जवानी का जलवा तो दिखाओ.. फिर बाद में लंड और चुत को भी आपस में लड़ा देंगे.

मैं सामने सोफे पर सकुचाई सी बैठी थी और उनकी नजरों में शायद मैं वहाँ पर थी ही नहीं.

कुसुम इठला कर बोली- ठीक है डार्लिंग तुम जो कहोगे, मैं वो करूँगी… आज की रात तो मैं तुम्हारी खरीदी हुई आइटम हूँ. तुम तो अपने पूरे पैसे मेरे इस जिस्म से वसूल करोगे ही. बोलो राजा कहाँ से शुरू करूँ.
विक्रम हंस कर बोला- सेक्सी डांस देखने का मन कर रहा है.. तुम एक एक कपड़ा उतारते हुए डांस करो और फिर चुत को बिना हाथ लगाए, उसका जलवा दिखाओ.
कुसुम झुक कर अपने मम्मों की छटा बिखरते हुए बोली- जो हुक्म मेरे आका.

उसने सेक्सी डांस शुरू किया और डांस करते हुए अपने एक एक कर कपड़े उतारती गई. जब कुसुम पूरी नंगी हो गई तो उसका डांस क्या बताऊं, बहुत ही गर्म कर देने वाला था. वो अपना पेट आगे पीछे करके अपनी चुत को हिला रही थी. कुछ देर बाद वो चुत के होंठों को खोल खोल कर दिखाने लगी, जो मुझे भी दिख रहे थे.

अब तो विक्रम का बुरा हाल था और वो अपने लंड को सम्भाल ही नहीं पा रहा था. उसका लंड भी बहुत देर से ठुमके लगा रहा था.
वो बोला- कुसुम जानेमन मेरा ये लंड तुमसे तुम्हारी मुनिया में जाने के लिए भीख माँग रहा है.
कुसुम चुत उठा कर बोली- तो मेरी चुत भी अपने अन्दर जाने के लिए तुम्हारी जीभ माँग रही है.

विक्रम ने झट से कुसुम को अपने करीब खींच लिया और वो दोनों 69 में ओरल सेक्स करने लगे, एक दूसरे के लंड और चुत चूसने लगे.

मैं ये सब देख रही थी मेरी हालत भी खराब होने लगी थी.

आपकी भेजी हुई मेल्स मुझे बताएंगी कि आपको मेरी लिखी हुई रियल सेक्स स्टोरी कैसी लगी.
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मेरी सच्ची सेक्स कहानी जारी है.