मैंने पड़ोसन बबली की सील तोड़ दी

एक दिन मैं घर पर अकेला था और कंप्यूटर पर पॉर्न साइट पर मस्ती कर रहा था, तभी अचानक बबली कमरे में आ गई।
उसने गुलाबी और सफ़ेद रंग का सूट सलवार डाला हुआ था.. जिसकी पीठ पर ज़िप लगी हुई थी। वो नाक में सानिया मिर्जा जैसी नोज रिंग पहने हुई थी और काफ़ी सेक्सी लग रही थी।

उसे अचानक कमरे में देख कर मेरी फट गई.. जल्दबाज़ी में मैंने मॉनिटर ही ऑफ कर दिया और उससे पूछा- अरे.. तुम कब आईं?
और थोड़ी इधर-उधर की बात के बाद मैंने उसे पानी के लिए पूछा तो उसने ‘हाँ’ कर दी और मैं पानी लेने चला गया और उसे पानी ला कर दिया।

तब मैंने ना चाहते हुए भी उससे चाय के लिए पूछा.. तो उसने ‘हाँ’ कर दी.. तो मैं चाय बनाने चला गया.. पर मुझे डर था कि वह मॉनिटर ऑन ना कर ले।

वही हुआ.. जिसका मुझे डर था। थोड़ी देर में मैं चाय ले कर आया.. उसने एकदम से मॉनिटर ऑफ कर दिया और हमने साथ में चाय पी।

मैं थोड़ा डरा हुआ था क्योंकि मेरी चोरी पकड़ी गई थी और मैं चुप था।
तब उसने पूछा- बाकी सब कहाँ गए हैं?
मैंने उसे बताया- सभी किसी शादी में गए हैं और शाम तक लौटेंगे।

उसने मुझे बताया कि वह भी घर पर अकेली थी और घर वाले शाम तक आने वाले थे मुझे अकेले ठीक नहीं लग रहा था तो तुम्हारे पास आ गई।
‘हाँ.. तो ठीक है न..’
उसने पूछा- तुम अकेले क्या कर रहे थे?

अचानक इस सवाल से मैं थोड़ा डर गया और मैंने उससे कहा- मैं कुछ काम कर रहा था।
वह मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई.. जैसे उसने मेरी चोरी पकड़ ली थी।
मैंने हालात समझते हुए उससे कहा- प्लीज़ यार किसी को मत बताना कि मैं क्या कर रहा था।
तो उसने कहा- मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगी.. पर तुम्हें मेरी बात माननी पड़ेगी।

मैंने ‘हाँ’ कह दी.. क्योंकि मेरे पास और कोई चारा नहीं था।
तब उसने मुझसे कहा- तुम्हें मुझे भी दिखाना पड़ेगा.. जो तुम देख रहे थे।
मैंने मॉनिटर ऑन किया और हम दोनों ने कुछ पॉर्न साइट्स पर जाकर देखा।

वह मेरी साथ वाली चेयर पर बैठी थी.. मेरी हालत खराब हो रही थी.. लेकिन मैं अब भी थोड़ा डर रहा था।

फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके अपना हाथ उसके हाथ पर रखा.. उसने कोई विरोध नहीं किया। इससे मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ गई। मैंने उसे अपनी गोद में बैठा लिया उसने मेरा साथ दिया। मेरा लिंग खड़ा हो कर उसकी गुदा में चुभने लगा था। मुझे उसकी तरफ से ग्रीन सिग्नल मिल गया था.. तो मैं उसे कान के नीचे किस करने लगा। उसके मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी थीं।

मैं हाथ आगे करके उसके उरोजों को दबाने लगा। मैंने उसके सूट की ज़िप खोल दी और हाथ अन्दर डाल कर उसके उरोजों को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा। उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं। थोड़ी देर के बाद वह उठ कर जाने लगी.. तो मैंने उसे पीछे से पकड़ कर दीवार के साथ लगा लिया और किस करने लगा.. वह भी मेरा साथ देने लगी।

किस करते हुए ही मैंने उसके सूट को निकाल दिया। फिर मैंने अपना हाथ नीचे ले जाकर उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा.. उसकी चूत पानी छोड़ रही थी।
मैंने उसकी सलवार के अन्दर हाथ डाल कर उसका नाड़ा खोल दिया और सलवार को नीचे गिर जाने दिया।

अब वह ब्रा और पैन्टी में कयामत लग रही थी। थोड़ी देर किस करने और उसके उरोजों को दबाने के बाद उसे अपनी गोद में उठा कर बिस्तर पर ले जाकर लिटा दिया।
मैं उसके ऊपर लेट गया और किस करने लगा.. अब वह भी मेरा खुल कर साथ दे रही थी।

थोड़ी देर बाद मैंने उसकी ब्रा और पैन्टी भी उतार दी।
उसने भी मेरे कपड़े उतार दिए.. अब हम दोनों एकदम नंगे थे।
मैं अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल कर सहलाने लगा और उसके उरोजों को मुँह में ले कर चूस रहा था, वह मेरा सिर अपनी ओर दबा रही थी, उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं- आहह.. ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह..

थोड़ी देर बाद हम दोनों चुदाई करने के लिए तैयार थे।
मैंने पास पड़ी कोल्ड क्रीम उठाई और क्रीम उसकी चूत और अपने लण्ड में लगाई और उसकी टाँगें चौड़ी करके बैठ गया, उसकी टाँगों को अपने कंधे पर रख लीं और अपने लिंग का सुपारा उसकी चूत पर रगड़ने लगा।
फिर थोड़ी देर बाद मैंने एक झटका मारा और सुपारा उसकी चूत के अन्दर चला गया.. उसकी चीख निकल गई।

मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया और उसके उरोजों को मसलने लगा। थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ.. तो मैंने एक धक्का और मारा.. मेरा आधे से ज्यादा लण्ड उसकी चूत में चला गया। उसकी आँखों से आंसू निकलने लगे.. पर उसने मुझे नहीं रोका।
फिर मैंने एक और धक्का मारा और मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में था। थोड़ी देर रुक कर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए।

वह भी थोड़ी देर बाद मेरा साथ देने लगी और हमारी चुदाई की स्पीड बढ़ गई। थोड़ी देर बाद हम दोनों साथ में झड़ गए। मैंने जब अपना लण्ड बाहर निकाला.. तो देखा कि मेरे लण्ड पर वीर्य और खून लगा हुआ है और चादर बिल्कुल खराब हो गई है।

थोड़ी देर आराम करने के बाद हम उठे और बाथरूम में अपने आपको साफ किया। फिर मैंने चादर चेंज की.. और टाइम देखा तो घर वालों के आने का टाइम हो गया था।
मैंने चाय बनाई.. हम दोनों ने चाय पी.. फिर वह अपने घर चली गई।

उसके बाद हमें जब भी मौका मिलता.. तो हम दो जिस्म.. एक जान हो जाते हैं।
उसके कुछ दिनों के बाद मैंने उसकी गाण्ड भी मारी.. ये कहानी मैं बाद में लिखूंगा।

तो दोस्तो, मेरी पहली चुदाई कि कहानी आपको कैसी लगी.. ज़रूर बताएं।
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