बहन की सहेली को चोदा

एक दिन मैंने उसे एक अश्लील मैसेज भेज दिया.. फिर उसे ‘सॉरी’ भी लिख दिया। उसने उस रात को मुझे भी एक अश्लील मैसेज भेजा.. जिससे ये तय हो गया था कि उसे इस तरह की चैट पसन्द है।

अब हमारी बातों रुख़ बदलता गया..

एक रात को मैंने पूछा- क्या कर रही हो?
उसने मादक अंदाज में बोला- बिस्तर पर हूँ..
मैंने उसे बोला- आई लाइक यू..

उसने कोई जवाब नहीं दिया।
मैंने उसे दोबारा बोला.. तो उसने बोला- कितने दिन लगा दिए तुमने..

मैं हतप्रभ था.. मैंने कहा- मुझे तुम्हारे पास आना है।
तो उसने कहा- मना किसने किया है?

अगले दिन 8 फरवरी का दिन था.. हमारे घर के सब लोग दिल्ली के पंजाबी बाग गए हुए थे।

मैंने उसको उस दिन अपने घर बुला लिया। वो एक काले रंग का टॉप और ब्लू जीन्स पहन कर आई थी.. सच में क्या मस्त लग रही थी.. उसके क्या मस्त उठे हुए चूचे थे.. हय.. सदके जावां..

वो इठलाती हुई अन्दर आई.. मैंने उसे पानी पिलाया और उसे अपने बेडरूम में लेकर आ गया।

कोई भी रात से पहले घर पर आने वाला नहीं था.. तो हम ऐसे ही पलंग पर लेटे हुए टीवी देख रहे थे..

मैंने उसे अपने पास खींचा और अपनी बांहों में भर लिया.. उसने मेरा पूरा साथ दिया। मैंने उसके गालों पर चुम्बन किया.. वो थोड़ा शरमाई.. मैंने फिर उसके होंठों पर चुम्बन किया।
दोस्तों क्या रसीले होंठ थे उसके.. करीब 15-20 मिनट तक मैंने उसके.. और वो मेरे होंठों को चूसती रही..

मुझे तो ऐसा लगा जैसे मैं किसी जन्नत में हूँ.. मैंने चुम्बन करते-करते उसका टॉप उतार दिया उसने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी।

वो अपना होश खो चुकी थी.. मैंने अपनी टी-शर्ट को उतार दिया और उसकी ब्रा का हुक भी खोल दिया। उसके दूध के लोटे.. मेरे सामने उछल कर आ गए।

जैसे ही मैंने उसका दूध पीना शुरू किया उसके मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं।
वो भी उत्तेजना के मारे पागल होने लगी..

यार क्या मस्त चूचे थे उसके.. बहुत मज़ा आ रहा था..
चूचे चूसते-चूसते मैंने उसकी जीन्स उतार दी।

अब उसका हाथ भी मेरे लंड पर आ गया था मेरा लण्ड बाहर निकलने को बेताब था। वो धीरे-धीरे उसे दबा रही थी। मैंने उसकी पैन्टी भी उतार दी।

अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी पड़ी थी.. सच में जन्नत की चुदासी हूर जैसा माल लग रही थी।
मैंने अपनी पैन्ट और अंडरवियर उतार दिया और उससे लिपट गया।

मैंने उसके शरीर के हर हिस्से को चूमा.. वो बस मुझे ‘आई लव यू सन्नी.. मेरी जान..’ बोले जा रही थी।
मैंने उसके पेट पर.. फिर उसकी टाँगों को चूमा.. वो ‘आहह.. उम्मह..’ जैसी आवाजें निकाल रही थी।

फिर मैंने उसकी चूत को चूसना शुरू किया.. वो पागलों की तरह छटपटाने लगी।
फिर वो मेरे ऊपर आ गई और उसने भी मुझे हर जगह चूमा.. मेरे लण्ड को चुम्बन किया.. और मैंने जरा ज्यादा ज़ोर दिया.. तो उसने लण्ड को चूसना भी शुरू कर दिया।

दोस्तों.. क्या मस्त मज़ा आया लंड चुसाने में.. आह्ह.. जिन्दगी में जब भी मौका मिले अपना लंड जरूर चुसवा लेना.. आह.. क्या मस्त चूस रही थी।

फिर मैं उसके मुँह में ही झड़ गया।

अब वो भी बहुत चुदासी हो उठी थी.. सो उसने मेरा लंड चूस-चूस कर दोबारा खड़ा कर दिया और मेरे ऊपर चढ़ गई।

मैंने लंड उसकी चूत पर सैट किया और अन्दर घुसेड़ना शुरू किया। मेरा लंड धीरे-धीरे उसकी कसी हुई चूत में जाने लगा.. उसकी चूत बहुत गरम थी।
धीरे-धीरे मैंने अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया.. शुरुआत में उसे थोड़ा दर्द हुआ.. फिर उसने जो धक्के लगाए.. मुझे लगा कि मैं किसी और ही दुनिया में हूँ.. जन्नत की सैर कर रहा हूँ।

जितनी सिसकारियाँ उसके मुँह से निकल रही थीं.. मुझे भी उतना ही मज़ा आ रहा था।

करीब 15-20 मिनट की चुदाई के बाद वो और मैं एक साथ ही झड़ गए.. मगर इस चुदाई में क्या मस्त मज़ा आ गया.. कसम से.. दिल बाग़-बाग़ हो गया।

उस दिन हमने 3 बार चुदाई की और ये चुदाई का दौर एक साल तक चला।

इस एक साल में मैंने उसकी बुआ की लड़की को भी चोदा.. वो कहानी फिर कभी लिखूंगा। मैंने पहली बार कहानी लिखी है.. मगर बिल्कुल सच्ची है.. आपके कमेंट्स का इंतेज़ार रहेगा.. आप मुझे ईमेल भी कर सकते हैं।
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