तनीशा के बाद सुनीता की चूत मारी-2

‘डोंट वरी सुनीता! आइ लव यू! थोड़ा दर्द होगा, पर मैं कोशिश करूँगा कि तुम्हें दर्द ना होने दूँ!’ मैंने प्यार से कहा और मेरा लंड उसके कुंवारी चूत पर रगड़ने लगा।
कुछ देर ऐसे ही रगड़ता रहा तो वो पागल सी होने लगी और बोलने लगी- प्लीज़ आर्यन! तड़पाओ मत, अब डाल दो अपना, कुछ अजीब सा हो रहा है, रहा नहीं जा रहा! प्लीज़ डाल दो अब, आहह, फक मी!

मैंने अपने लंड का सुपारा थोड़ा अंदर घुसाया और धक्का दे दिया, पहली बार में लंड फिसल गया, और वो ‘उफ़! आहह!! धीरे रे रे!!’ उसकी हल्की सी चीख निकल गई!

मैंने लंड को चूत पर सेट किया और उसकी पतली कमर को कस कर पकड़ते हुए एक जोरदार धक्का मारा और मेरा लंड उसकी झिल्ली तोड़ते हुए अंदर घुस गया, वो छटपटाने लगी, उसकी आँखें आँसू से भर गई और वो चीख पड़ी- अयीईई! मर गई मैं! आर्यन इसे बाहर निकालो, बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज़ बाहर निकालो इसे! मैं मर जाऊँगी, आहह आहह!! प्लीज़ निकालो इसको बाहर प्लीज़ प्लीज़!!’

सुनीता की चीख इतनी जोर से निकली जो पड़ोसी भी सुन लें!

मैं उसके बूबे दबाने लगा और उसको किस करने लगा, उसके होंठ और जीभ चूसने लगा! मैं बिना हिले उसके होंठ चूसने लगा, कुछ देर बाद वो थोड़ा शांत हुई, और मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए।

अब उसकी चीख सेक्सी आवाज़ों में बदल गई- आहह.. आहह.. कम ऑन आर्यन.. डोंट स्टॉप.. फक मी.. फक मी.. किस मी.. ओहहहह.. ह.. ह.. ह.. ह..!!!! आहह.. ह.. ह.. ह.. ह.. ह..!! बहुत मज़ा आ रहा है!!

‘जान मैं तो कब से इस पल का इंतज़ार कर रहा था, आज मैंने तुम्हें अपना बना लिया है और आज के बाद मैं तुम्हें रोज़ इसी तरह प्यार करना चाहता हूँ।’

मेरे लंड और उसके चूत की अनगिनत बार टकराने की ठप ठप.. फच फूच.. फक फुक.. फॅक फक़ से और हमारे मिलन की आहों से कमरे का माहौल सेक्स से भर गया, कमरे में सिर्फ़ हमारी आहों की आवाज़ गूंज़ने लगी, मैं उसे तूफ़ानी धक्के मारता रहा और पागलों की तरह उसके बूबे चूसने लगा, किस करने लगा!

मैंने उसको उठा कर दीवार के सहारे खड़ा किया और पीछे से उसकी चूत में लंड पेल दिया और धक्के मारने लगा और उसकी पीठ और गर्दन को चूमने लगा, दोनों हाथों से उसके बूबे बुरी तरह से दबाने लगा, उसकी कमर को काट काट कर धक्के पर धक्का देने लगा, ना जाने ऐसी कौन सी शक्ति मुझमें आ गई थी, मैं पूरा हैवान बन गया था और उसकी सुंदर काया को हैवानों की तरह मसल रहा था।

कुछ देर इस पोज़िशन में चोदने के बाद मैंने उसको घोड़ी बनाया और उसके पीछे से आकर चूत को चाटने लगा, कुछ देर चाटने के बाद मैं रिलैक्स हो गया था, दोबारा मैंने अपना लंड पेल दिया।

‘जान मुझ तुम्हरे साथ एनल सेक्स करना है।’ मैंने उसे कहा।

‘नो प्लीज़ आर्यन, एनल नहीं! बहुत ही ज़्यादा दर्द होगा, प्लीज़ नहीं!’ सुनीता की आवाज़ में डर था.

पर मैंने उसको मना लिया और बाजू में पड़ी तेल की बोतल से ढेर सारा तेल मैंने अपने लंड पर लगा दिया और ढेर सारा उसकी गाण्ड पर लगा दिया, अच्छे तरह से उसकी गान्ड में ऊँगली से अंदर तक लगा दिया.

मुझे पता था कि अगर मैं धीरे धीरे डालूँगा तो वो दर्द के कारण ना ही कहेगी, मैंने उसकी चूत में लंड पेल दिया और उसको नॉर्मल होने दिया, और उसे बिना बताए अचानक अपना लण्ड निकाल कर मैंने उसका मुँह दबा दिया ताकि और चीख ना पाए और एक ही धक्के में पूरा का पूरा लंड उसकी गांड मे उतार दिया, और इस बार कुछ देर ऐसे ही रहा बिना हिले!

उसकी आँखों में आँसू आ गए और वो रोने लगी, छटपटाने लगी, मैंने एक हाथ से उसकी कमर को जकड़ रखा था!

कुछ देर बाद वो नॉर्मल हो गई और उसने मेरा हाथ झटक दिया, और रोने लगी- तुम बहुत बुरे हो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, और तुम बेरहम जैसे मुझे चोद रहे हो! मार डाला मुझे, आहह ह ह ह! ओह ह ह ह! उम्म म म म म!!!!!’

मैं उसको धक्के देने लगा, और वो रोते हुए बड़बड़ाने लगी, करीब दस मिनट की चुदाई मैं और वो झर गए, और 5-6 धक्के लगाने के बाद मेरा सारा वीर्य उसके गांड में छोड़ दिया और निढाल होकर उसकी पीठ पर गिर गया!

हम बुरी तरह से थक गये थे, जैसे ही बेड पर लेटे, हम सो गये! आधे घंटे बाद मेरा फोन बजा, दोस्त का कॉल था!

मैंने सुनीता को उठाया और बेड पर देखा तो हमारे काम क्रीड़ा का हमारे प्यार का, मेरी हैवानियत का सबूत फैला पड़ा था, उसका खून और मधुर रस और मेरा वीर्य गिरा हुआ था, पूरा बेड खराब हो गया था हमारे प्यार काम रस से!

मैंने सुनीता की आँखों में देखा तो उसके आँखों में एक खुशी की चमक थी, उसने मेरे होंठों से होंठ लगा लिए और चूमने लगी और कहा- आज का दिन मेरे जीवन का सब से खुशी का दिन है, आज तुमने मुझ औरत बनाया और मुझ अपना बना लिया! आई लव यू सो मच आर्यन! मैं बस तुम्हारी हूँ और हमेशा तुम्हारी ही रहूँगी!!

मुझ उसके आँखों में मेरे लिए प्यार साफ दिख रहा था।

‘आई लव यू टू सुनीता!!!’ और मैंने उसके माथे पर किस किया।

और हम कपड़े पहन कर वहाँ से निकल गये!

उस दिन के बाद जल्द ही मैंने फ़्लैट किताये पर ले लिया और हम रोज़ इसी तरह मिलने लगे, प्यार हर रोज़ गहरा होता गया, एक दूसरे के बिना हम दूर रह नहीं पाते, आज सुनीता मेरी गर्लफ्रेंड है और हम खुश हैं हमारी सेक्स लाइफ से!!

दोस्तो, आपके मेल का मुझ इंतज़ार रहेगा, मेरी कहानी आपको कैसी लगी मुझ ज़रूर बताना, आपके सुझाव मेरे लिए महत्त्वपूर्ण हैं।
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