कोलेज की छोरी ने मुझे अपने घर बुला कर चूत चुदवाई

फिर हम रोज मिलते पर मैं तो मौका देखता था और मौका मिलते ही मैं उसे चूम चाम लेता और उसे भींच लेता था पर कभी उसे चोदने का मौका नहीं मिला.

एक दिन हमें मौका मिल गया, उसके घर पर कोई नहीं था तो उसने मुझे फोन कर के अपने घर पर बुलाया.
मैं जैसे ही उसके घर में गया, उसने मुझे अपनी बांहों में ले लिया.
मैंने उसे कहा- पहले गेट तो बंद कर दो!

वो गेट बंद कर के आई तो मैंने उसे कस के पकड़ लिया और उसे किस करने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी.

फिर मैंने उसकी चुची दबानी शुरू की. वो भी पूरे मजे लेने लगी, मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया. वो मेरा लंड पैंट के ऊपर से धीरे धीरे सहलाने लगी, मुझे गजब का मजा आ रहा था, मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए, उसने मेरी पैंट उतारी और मेरे लंड हिलाने लगी.

अब हम दोनों बिस्तर पर लेट गए, मैं उसके ऊपर आया और अपने लंड पर कंडोम लगा कर उसकी मस्त गुलाबी चुत पर अपना लंड रख कर धीरे से अन्दर धक्का मारा और थोड़ा लंड राधिका की चूत में घुस गया और वो तड़प उठी. फिर मैंने एक धक्का और मारा और पूरा लंड अन्दर घुस गया. और वो छुड़ाने की कोशिश करने लगी पर वो कामयाब नही हुई.

अब मैं धीरे धीरे आगे पीछे होने लगा. थोड़ी देर बाद उसे भी मजा आने लगा, वो ऊपर होकर मेरा साथ देने लगी. मैं उसे चोदता रहा और वो आँखें बंद करके चुदाई का मजा लेने लगी.
मैंने चूत को 8-10 मिनट चोदने के बाद अपना लंड बाहर निकाला.

अब उसकी गांड की बारी थी, मैंने उसे उल्टा लेटा कर उसकी गांड के तेल लगा कर अपना लंड उसकी गांड पर रख कर हल्का सा दरार पर दबाया पर उसने अपनी गांड को टाईट कर लिया.
मैंने उसे कहा- टाईट करने से ज्यादा दर्द होगा.
तो उसने मेरे लंड को थोड़ी जगह दी अन्दर जाने के लिए उसने मेरे लंड को अपनी गांड ढीली करके अन्दर जाने दिया. अब मैं उसकी गांड मार रहा था और वो भी ‘आ ऊ ऊ ओ…’ करके पूरा मजा ले रही थी.

थोड़ी देर बाद मैं उसकी गांड पर ही झड़ गया, मेरे लंड से निकली धार उसकी गर्दन तक चली गई थी, उसकी गांड में लंड घुसाने और उसकी चुत मारने का मजा ही कुछ अलग ही आया.

मेरी कहानी को पढ़ने के लिए धन्यवाद। आपको मेरी कहानी कैसी लगी, जरूर बतायें!
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