औरंगाबाद की कॉलेज गर्ल की चूत चुदाई

हमारे इंजीनियरिंग कॉलेज में वार्षिक उत्सव चल रहा था और रात 12-1 बजे तक प्रोग्राम चलते थे।
मेन फंक्शन के दिन मैं सुमन के आने का इंतजार कर रहा था। तभी मैंने उसे कॉलेज के गेट से अन्दर आते देखा। उसने पिंक कलर का टॉप और ब्लैक कलर की टाइट जीन्स पहनी हुई थी, वो बहुत ज़्यादा सेक्सी लग रही थी।

उस दिन कॉलेज के लॉन में गाने बजाए जा रहे थे और सब जम कर नाच रहे थे। थोड़ी देर नाचने के बाद मैं सुमन को पानी पीने के बहाने बिल्डिंग की दूसरी मंज़िल पर ले गया.. मगर वहाँ का पानी भी खत्म हो गया था। उस दिन बिल्डिंग के इस फ्लोर पर मेरे और सुमन के अलावा और कोई नहीं था।

तभी मैंने ठान लिया कि आज मौका है.. अपने सुलगते लंड की आग बुझा ही लेना चाहिए।

मैंने सुमन से कहा- चलो और ऊपर चलते हैं.. यहाँ का पानी ख़त्म हो चुका है।
सुमन बोली- हाँ ठीक है.. चलो।

हम दोनों ऊपर चौथी मंज़िल पर चले गए.. ऊपर अंधेरा भी था। ऊपर जाकर हम दोनों ने पानी पी लिया।

उसके बाद सुमन ने कहा- चलो हम वापस नीचे चलते हैं।
‘इतनी भी जल्दी क्या है.. थोड़ी देर में चले जाएँगे..’ मैंने कहा।

कॉलेज गर्ल की चूत की चुदास

‘तुम मेरे साथ कुछ करोगे तो नहीं ना?’
मैंने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया और कहा- नहीं.. कुछ नहीं करूँगा।
‘फिर यहाँ रुकने से क्या फायदा?’

उसके इतना कहते ही मैं उसका इशारा समझ गया और मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और पागलों की तरह उसके होंठ चूसने लगा, मैं साथ-साथ उसके मम्मों को दबाता रहा।

अब वो भी तड़प रही थी।

नंगी कॉलेज गर्ल

मैंने उसका टॉप उतारा, उसने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी। काले रंग की ब्रा में उसके गोरे मम्मे बहुत ही अच्छे लग रहे थे।
अब मैंने उस की ब्रा उतार दी और उसके मम्मों को आज़ाद कर दिया और धीरे-धीरे करके मैंने उसकी जीन्स और पैन्टी भी उतार दी। उसकी चूत एकदम गोरी थी।

मैंने उसे चूमना शुरू किया और उसके बोबों को दबाता रहा। मैंने उसे लेटा कर उसकी चूत में अपनी ज़ुबान रखी तो उसके मुँह से एकदम से सीत्कार निकल पड़ी ‘आअहह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

अब मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और उसको नीचे बैठा कर अपना लंबा और मोटा लंड उसके मुँह में दे दिया।
वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे लॉलीपॉप हो।

कुछ देर की चुसाई के बाद मैंने उसे एक बैंच पर लिटा कर अपना लंड उसकी चूत पर रखा और हल्के से अन्दर डाला तो उसके मुँह से ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की आवाज़ निकली।
वो दर्द से तड़फ कर बोली- थोड़ा धीरे.. जान.. दर्द हो रहा है.. मेरे बैग में क्रीम है उसको लगा लो।

मैंने उसके बैग में से क्रीम की डिब्बी निकाल ली। उसकी चूत और अपने लंड पर थोड़ी सी क्रीम लगाई और फिर लौड़े को चूत में डाला तो लंड एकदम ‘सटाक’ से अन्दर चला गया।

लंड के चूत में घुसते ही उसके मुँह से हल्की सी चीख निकली ‘आअहह..’

मैं अपने लंड को उसकी चूत के अन्दर-बाहर कर रहा था, उसे भी मज़ा आने लगा था और अब वो भी मेरा खुल कर साथ दे रही थी। करीब दस मिनट की चुदाई के बाद वो झड़ गई और मैं भी थोड़ी देर बाद झड़ने को हुआ तो मैंने अपना लौड़ा बाहर खींच लिया।

मैंने उसके मुँह की तरफ लंड लहराया तो उसने उठ कर मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैंने उसके मुँह में लंड की ठोकरें देना शुरू कर दीं.. और मैं झड़ गया.. वो मेरा सारा वीर्य पी गई।

कुछ देर रुकने के बाद हमारी मस्ती फिर से बढ़नी शुरू हो गई और हमने एक बार और चुदाई की।

उसके बाद तो हम एक-दूसरे की जरूरत बन गए थे, जब भी हमें मौका मिलता, मैं उसे चोद लेता।

दोस्तो, ये थी मेरी आपबीती, यह घटना बिल्कुल सच्ची है, आपको कैसी लगी, आप मुझे ज़रूर ईमेल करें।
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