Tag: हिंदी एडल्ट स्टोरीज़

मस्त देसी भाभी की चुदास-4

बाहर अभी भी कोई नहीं जगा था, मैंने चैन की सांस ली व जल्दी से हाथ मुँह धोकर फिर से बिस्तर में घुस कर सो गया। भाभी की चूत की ग्रीसिंग करके थक गया था इसलिए कब नींद आई पता ही नहीं चला। उसी दिन भाभी का पति वापस आ गया और हमें मौका नहीं […]

दोस्त की दीदी की क्सक्सक्स मूवी से चुदाई-6

अब आगे: मैं- दीदी आप हो ही इतनी मस्त कि कोई भी जाल में फंसाने को तैयार हो जाता आपको! शिखा- अगर मैं इतनी मस्त हूँ सन्नी तो मेरा पति मेरे को क्यूँ नहीं चोदता था? मैं- क्या दीदी?? आपका पति आपको चोदता नहीं था? शिखा- नहीं सन्नी मैं अपने पति के साथ 6 महीने […]

पिचकारी घुसी पिछवाड़े में

रिसोर्ट वाली मस्ती के बाद शोभा और मैं आपस में खुल गए। अब ऑफिस में भी मौका मिलता तो हम चुम्बन कर लेते थे। कभी मैं उसके नितम्ब मसल देता तो कभी वो मेरी पिचकारी को। यूँ ही हंसी ठिठोली के साथ हमारे दिन गुजर रहे थे। एक दिन मेरे रूम पर पार्टी का आयोजन […]

कॉलेज फ्रेंड के साथ शादी के बाद मुलाकात-2

दूसरी बात यह भी है कि लड़की के चूतड़ बड़े हों, तो सेक्स के टाइम पर जब लंड से शॉट मारते वक्त, जो आवाज आती है, वो काबिले तारीफ है. उस वक्त समझ आ जाता है कि लड़की भी लंड को काफी टाइम तक झेल पाएगी. नहीं तो दुबली पतली लड़की की तो हड्डियां ही […]

गांड चुदाई स्टोरी: रिश्तों में चुदाई स्टोरी-14

महेश ने अपनी बेटी को अपनी बांहों में भर लिया और अपनी बेटी के रसीले होंठों को चूसना शुरू कर दिया। फिर महेश अपनी बेटी की पेंटी को सूंघने लगा। “पिताजी, आपको किसकी गंध ज़्यादा अच्छी लगी, मेरी पेंटी की या चूत की?” ज्योति बोली। “अरे बेटी, दोनों ही बहुत मादक हैं.” कहकर महेश ने […]

मेरी बहन और जीजू की अदला-बदली की फैंटेसी-8

मैंने कुछ देर पहले ही एक कामवर्धक गोली खा ली थी ताकि मैं अपनी बहन की सहेली को जम कर चोद सकूँ. नताशा मदहोशी की हालत में सीत्कार कर रही थी. नताशा के दोनों हाथ मेरे हाथ पर थे. करीब दो मिनट बाद नताशा घूम गई और मुझे किस करने लगी. उधर आलिया, जीजा जी […]

भाभी और उनकी सहेली की चूत गांड चुदाई-3

मैंने शीना को चिढ़ाने के लिए संजना से पूछा- क्यों मेरी संजना रानी. अभी तक तुम्हारे अन्दर की गर्मी शांत नहीं हुई है क्या? जो फिर से मुझे उकसाने के लिए मेरे पीछे पड़ी हो. अगर चाहो तो फिर से तुम्हारी एक बार ले लूं? यह कहते हुए मैंने उसको आंख मार दी, जो शीना […]

सुबह की भूली

इस पर मेरे पापा ने उन्हें कह दिया- वो जब तक चाहे हमारे यहाँ रह सकती है, हमारा घर भी बड़ा है, हमें कोई परेशानी नहीं है। एक हफ्ते बाद मैं उसे लेने नई दिल्ली स्टेशन गया जहाँ मैं उसे देख कर दंग रह गया। गाँव की होने के बावजूद वो किसी भी शहर की […]

कीकर और नागफ़नी

डाक्टर ने उसे गौर से देखा, कस्बा बहुत छोटा सा था, आबादी बहुत कम ही थी, कस्बे के निवासी जाने पहचाने से होते थे। निजी क्लिनिक भी गिनती के थे सो कस्बे के लोग चाहे अमीर चाहे गरीब, सभी सरकारी अस्पताल में ही जाया करते थे। डाक्टर ने उसे पहचान लिया, उसके सामने एक इज्जतदार […]

घर की चूतों के छेद -1

यह बात तब की है.. जब मैं लगभग अठारह साल का रहा होऊँगा.. अपने कुछ दोस्तों के साथ-साथ मैं भी गर्मियों की छुट्टियों में नया नया जिम जाने लगा था और कुछ दिनों की मेहनत का असर अब मेरे सीने और गर्दन पर पड़ने लगा था यानि मेरी बॉडी कुछ अलग दिखने लगी थी। इसका […]