Tag: दीदी की चुदाई

जिस्मानी रिश्तों की चाह -35

तौलिये में हनी के सीने के उभार काफ़ी बड़े दिख रहे थे और जब वो वापस जाने के लिए मुड़ी थी.. तो उसके चूतड़ों की शेप भी वज़या हो रही थी और वो 3-4 क़दम ही भागी थी.. लेकिन मैंने हनी के कूल्हों का मटकना पहली बार गौर से देखा था.. जो बहुत दिलकश मंज़र […]

जिस्मानी रिश्तों की चाह-43

अब आपी लण्ड शब्द का इस्तेमाल बेझिझक कर रही थीं। मैंने अपने लण्ड को हाथ में पकड़ कर आपी की रानों के बीच में फँसाया.. तो मुझे अपने लण्ड में करेंट सा लगता महसूस हुआ। आपी के इस तरह झुक कर खड़े होने की वजह से उनकी चूत का रुख़ ज़मीन की तरफ हो गया […]

जिस्मानी रिश्तों की चाह -42

मैंने आगे बढ़ कर आपी के चेहरे को थामा और उनके होंठों को चूम कर कहा- तो मेरी बहना ने ये सब बहुत एंजाय किया है और मुझे खामख्वाह गुस्सा दिखा रही थीं। आपी ने अपनी कमर से हाथ उठा कर मेरे सीने पर एक मुक्का मारा और फिर मेरे गले लगते हुए अपना चेहरा […]

जिस्मानी रिश्तों की चाह-40

चंद ही लम्हों बाद आपी ने अपना हाथ फरहान के लण्ड पर चलाना शुरू कर दिया और अपनी गाण्ड को थोड़ा सा उठा कर अपनी चूत को मेरे मुँह पर दबाने लगीं.. जिससे मैं समझ गया कि अब आपी के दर्द का अहसास कम हो गया है। फिर मैंने भी अपनी उंगलियों को हरकत देना […]

जिस्मानी रिश्तों की चाह-48

तो मैंने कहा- आपी आप तो आज डिस्चार्ज हुई ही नहीं हो? आपी ने सलवार पहन ली थी.. उन्होंने कहा- कोई बात नहीं.. फिर सही। वे फरहान के पास गईं.. जो कि नीचे कार्पेट पर नंगा ही उल्टा सो रहा था, उसको फिर से उठाते हुए कहा- फरहान उठो.. कपड़े पहनो और सही तरह बिस्तर […]

जिस्मानी रिश्तों की चाह-47

फिर इसी तरह आपी ने मेरे लंड को दोनों साइड्स से ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर तक चाटा और फिर लंड को मुँह में ले लिया। लेकिन इस बार आपी ने आधा ही लंड मुँह में डाला और उस पर अपने होंठों की गिरफ्त को टाइट करके अन्दर की तरफ चूसने लगीं। लंड […]

जिस्मानी रिश्तों की चाह-46

आपी ने फ़ौरन अपनी आँखें खोल कर मेरी तरफ देखा.. लेकिन बोलीं कुछ नहीं। आपी की आँखें नशीली हो रही थीं.. और उनकी आँखों में नमी भर गई थी.. जो शायद उत्तेजना की वजह से थी। मैं आपी की आँखों में देखते हुए ही ज़ोर-ज़ोर के झटके मारने लगा। आपी बिना कुछ बोले आँखें झपकाए […]

जिस्मानी रिश्तों की चाह-50

मैं भी अपने कमरे में वापस आया तो फरहान सो चुका था.. मुझे आपी पर बहुत गुस्सा आ रहा था और मैं उसी गुस्से और बेबसी की ही हालत में लेटा और फिर पता नहीं कब मुझे भी नींद ने अपने आगोश में ले लिया। सुबह फरहान ने उठाया तो कॉलेज जाने का दिल नहीं […]

जिस्मानी रिश्तों की चाह-49

मैं बिस्तर पर लेटा और तय किया कि सुबह सबसे पहला काम यही करना है कि जा कर लाइसेन्स बनवाना है। इसी ऑफ मूड के साथ ही नींद ने हमला करके मेरे शरीर को सुला दिया। मैं सुबह उठा तो मेरे जेहन में अब्बू की डांट ताज़ा हो गई, मैं जल्दी-जल्दी तैयार हुआ और नाश्ता […]

जिस्मानी रिश्तों की चाह-56

आपी ने इस वक़्त सफ़ेद चिकन की फ्रॉक और सफ़ेद रेशमी चूड़ीदार पजामा पहना हुआ था.. जो पैरों से ऊपर बहुत सी चुन्नटें लिए सिमटा हुआ था, सर पर अपने मख़सूस अंदाज़ में ब्लॅक स्कार्फ बाँधा हुआ था.. सीने पे बड़ा सा दुपट्टा फैला कर डाला हुआ था। मैंने आपी को हँसते हुए देखा तो […]