Tag: नंगा बदन

सौतेले बेटे को सेक्स ज्ञान-1

मैं BA पास हूँ। हर माँ की तरह मैं भी चाहती हूँ कि मेरे बच्चे, चाहे वे मेरे पेट से नहीं जन्मे फ़िर भी, पढ़ लिख कर अच्छी नौकरी पायें! मुझे लगता है कि पायल को तो अच्छी नौकरी मिल जाएगी और वो अपने ससुराल चली जाएगी लेकिन मुझे ट्विंकल की चिंता होती है क्योंकि […]

धोबी घाट पर माँ और मैं-3

मैं भी बगल में बैठा उसको निहारते हुए नहाता रहा। बेख्याली में एक दो बार तो मेरी लुंगी भी मेरे बदन पर से हट गई थी पर अब तो ये बहुत बार हो चुका था इसलिये मैंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। हर बार की तरह माँ ने भी अपने हाथों को पेटिकोट के […]

धोबी घाट पर माँ और मैं -2

मैं क्या बोलता, चुपचाप सिर झुका कर इस्तरी करते हुए धीरे से बोलता- अरे, देखता कौन है, नजर चली जाती है बस। इस्तरी करते-करते मेरा पूरा बदन पसीने से नहा जाता था। मैं केवल लुंगी पहने इस्तरी कर रहा होता था, माँ मुझे पसीने से नहाये हुए देख कर बोलती- छोड़ अब तू कुछ आराम […]

धोबी घाट पर माँ और मैं -1

कुल मिला कर हम बहुत सुखी-संपन्न थे और किसी चीज की दिक्कत नहीं थी। मेरे से पहले कपड़े धोने में, माँ का हाथ मेरी बहन बटाती थी। मगर अब मैं यह काम करता था हम दोनों माँ-बेटे हफ्ते में दो बार नदी पर जाते थे और धुलाई करते थे। फिर घर आकर उन कपड़ों की […]

धोबी घाट पर माँ और मैं-5

कह कर माँ ने मेरे लंड को कस के दबाया, उसके कोमल हाथों का स्पर्श पा के मेरा लंड तो लोहा हो गया था और गरम भी काफी हो गया था- हाय माँ छोड़ो, क्या कर रही हो? माँ उसी तरह से मुस्कुराती हुई बोली- क्यों प्यारे, तूने मेरा दबाया तब, तो मैंने नहीं बोला […]

धोबी घाट पर माँ और मैं-4

माँ ने मेरा हाथ नहीं छोड़ा और बोली- सच सच बोल, शरमाता क्यों है? मेरे मुंह से निकल गया- हाँ, अच्छा लगा था। इस पर माँ ने मेरे हाथ को पकड़ के सीधे अपनी छाती पर रख दिया और बोली- फिर से देखेगा माँ को नंगी? बोल देखेगा?’ मेरे मुख से आवाज नहीं निकल पा […]

धोबी घाट पर माँ और मैं -9

माँ मेरी इस हरकत पर मुस्कुराने लगी पर बोली कुछ नहीं। वो चूँकि घुटने मोड़ कर बैठी थी, इसलिये उसने पेटिकोट को उठा कर घुटनों तक कर दिया और आराम से खाने लगी। उसकी गोरी पिन्डलियों और घुटनों का नज़ारा करते हुए मैं भी खाना खाने लगा। लण्ड की तो यह हालत थी अभी कि […]

धोबी घाट पर माँ और मैं -8

तब माँ उठ कर खड़ी हो गई, अपनी साड़ी के पल्लू को और मेरे द्वारा मसले गये ब्लाउज को ठीक किया और मेरी ओर देख कर मुस्कुराती हुई अपनी बुर को अपनी साड़ी पर से हल्के से दबाया और साड़ी को चूत के उपर ऐसे रगड़ा ज़ैसे कि पानी पोंछ रही हो। मैं उसकी इस […]

धोबी घाट पर माँ और मैं -13

पलंग की पुश्त से अपने सिर को टिका कर उसने अपने दोनों पैरों को मेरे सामने खोल कर फैला दिया और बोली- अब देख ले आराम से, पर एक बात तो बता, तू देखने के बाद क्या करेगा? कुछ मालूम भी है तुझे या नहीं है? ‘माँ, चोदूँगा… आअ…’ ‘अच्छा चोदेगा? पर कैसे? जरा बता […]

धोबी घाट पर माँ और मैं -12

तभी माँ ने अपनी आँखें खोल दी और मुझे अपनी जांघों के बीच झांकते हुए देख कर बोली- हाय दैया, उठ भी गया तू? मैं तो सोच रही थी, अभी कम से कम आधा घंटा शांत पड़ा रहेगा, और मेरी जांघों के बीच क्या कर रहा है? देखो इस लड़के को, बुर देखने के लिये […]