Tag: देसी गर्ल

गलतफहमी-13

टूर से आने के दो महीने बाद ही हमारी परीक्षा शुरू हो गई, इस बीच हम दोनों ने ही बात करने के लिए पहल नहीं की, अब वो अपनी बहन को छोड़ने हमारे घर नहीं आता था, तो मैं ही कभी-कभी छोटी को उसके घर छोड़ आती थी। पर हम दोनों अजनबियों जैसा ही व्यवहार […]

मेरी अय्याशियाँ पिंकी के साथ-2

मैं हमारे घर व पिंकी के घर के बीच बनी दीवार पर से कूद कर तुरन्त पिंकी के घर की छत पर चला गया जिससे पिंकी घबरा सी ‌गई‌ और जल्दी जल्दी कपड़े उतारने‌ लगी। मैंने उससे पूछा कि वो आज पढ़ने के लिये क्यों नहीं आई तो उसने बता‌या‌ कि उसे घर में ही […]

मेरे पहले सच्चे प्यार का अंजाम

लेकिन जब वो मेरे निजी जीवन के कई ऐसे मामलों में जिज्ञासु होने लगा जो मैं किसी को भी बताना नहीं चाहती थी तो मुझे अच्छा नहीं लगा। अपने पुराने शारीरिक संबंधों के विषय में मैंने आज तक किसी से कोई चर्चा नहीं की थी। जब उसने छानबीन करके उन सबके बारे में पता लगाया […]

गलतफहमी-14

चार दिन बाद कविता का इंतजार खत्म हुआ, रोहन अपनी बहन को छोड़ने हमारे घर आया। उस समय मैं अपने कमरे में रोहन को ही याद करते हुए ब्रेसलेट से बातें कर रही थी- रोहन तुम कब आओगे.. मेरे दिल की बेचैनी की आहट तुम तक नहीं पहुंचती है क्या..? और तभी उसकी आहट मिली, […]

मेरी अय्याशियाँ पिंकी के साथ-3

भाभी के जाते ही सबसे पहले तो मैंने जल्दी से कमरे का दरवाजा अन्दर से बन्द कर लिया जिससे पिंकी थोड़ा घबरा सी गई और ‘य..य..ये दरवाजा क्यों बन्द कर दिया… मैं भी अपने घर जा रही हूँ… मुझे नहीं पढ़ना है तेरे साथ…’ शर्माते व झिझकते हुए कहकर अपने घर जाने लगी। पिंकी की […]

ललितपुर वाली गुड़िया के मुंहासे-1

यह कहानी स्नेहा जैन की है जो ललितपुर में मेरे ही मोहल्ले में रहती थी. पहले ललितपुर के बारे में बता दूं, ललितपुर शहर दक्षिणी यू पी के छोर पर बसा जिला मुख्यालय है जो तीन तरफ से मध्य प्रदेश से घिरा हुआ है. यूं तो हमारे मोहल्ले में एक से बढ़ कर एक भरपूर […]

मेरी अय्याशियाँ पिंकी के साथ-4

मैं भी अब अपना हाथ जो‌ ‌उसके नन्हे उरोजों को मसक‌ रहा था, उसे पिंकी के मखमली पेट पर से सहलाते हुए उसकी जाँघों के जोड़ पर पहुंचा दिया, लेकि‍न मेरा हाथ उसकी योनि को छुये उससे पहले ही पिंकी ने जाँघों को भींच कर अपनी योनि को छुपा लिया। उसने दोनों जाँघों को अंग्रेजी […]

ललितपुर वाली गुड़िया के मुंहासे-2

‘थैंक्यू अंकल जी, यह उपाय मेरे लिए नहीं हैं. बने रहने दो मुहाँसे… कौन से मेरे अकेले के हैं. सभी के होते हैं. जब इन्हें जाना होगा चले जायेंगे अपने आप ही. अब मैं जाती हूँ. मम्मी इन्तजार करती होंगी.’ वो बोली और जाने के लिए खड़ी हो गई. चिड़िया हाथ से निकलते देख मैंने […]

गलतफहमी-18

अब मुझे रोहन पर बहुत गुस्सा आ रहा था, क्योंकि उसने ही हमारी बातें विशाल को बताई होंगी और विशाल ने प्रेरणा को… मैंने दांत पीसते हुए कहा- कमीना रोहन..! तो प्रेरणा ने कहा- उसे क्यों गाली दे रही हो.. ये बातें भला छुपती हैं क्या? कम से कम जिगरी दोस्तों से तो नहीं छुपती। […]

रैगिंग ने रंडी बना दिया-4

संजय- आज मैं टीना को सब कुछ एक बुक में लिख कर दे दूँगा.. वो तुम्हें रोज एक टास्क देगी, तुमको उसे पूरा करना होगा और जिस दिन तुम सारे टास्क पूरे कर दोगी, समझो तुम हमारी पक्की वाली फ्रेंड बन गई हो। सुमन ने भी मुस्कुरा के संजय की बात मान ली और ‘अभी […]