Tag: देसी गर्ल

गर्लफ्रेंड की चिकनी चुत चुदाई से हो गई पानी पानी

एक दिन मेरे घर कोई नहीं था.. तो मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को कॉलेज से पिक किया और अपने घर ले आया। वो भी बिना मना किए मेरे साथ आ गई। शायद उसे भी पता था कि आज उसे मेरा लंड चोदने वाला है। मैंने उसे घर लाकर बैठने को कहा और उसके लिए कोल्डड्रिंक लाया। […]

पड़ोस के दादा जी ने स्कूल गर्ल को चोदा

मेरे मम्मी पापा उनके पापा को चाचाजी बोलने लगे और उस हिसाब से मैं उनको अंकल, आँटी और दादाजी कहने लगी. दादाजी 5’9″ मजबूत बदन के हैं, उनकी उम्र साठ साल के पास थी लेकिन वो 50-52 से ज्यादा के नहीं दीखते! एक दोपहर मैं स्कूल से घर आने के लिए लोकल बस स्टॉप पर […]

छत से कूदा तब जाके चोदा

खैर पड़ोसी थी, वो भी आमने सामने वाली… तो बातचीत होना शुरू हुई, आप सब भी जानते होंगे वो शुरुआत वाला पड़ोसीपना! पसंद तो पहले दिन ही आ गई थी निहारिका हमको और अब हमारी गांड में भी चुल्ल मची रहती थी उससे बात करने की, उसके साथ टाइम बिताने की, तो हम भी कोई […]

बिना शादी के सुहागरात मनानी पड़ी-1

लेकिन किस्मत ने जब जिससे जहाँ मिलना होता है, मिला देती है और शायद किस्मत को ऋषि को मुझसे मिलना था. ऋषि मेरा एक दोस्त है जो मुझे गुरुग्राम में ही मिला. ऋषि दिखने में भी बहुत अच्छा है, मन में एक बार तो आया था कि उसे अपना बॉयफ्रेंड बना लूँ पर अपने माँ […]

गलतफहमी-4

अब मेरे पास वहाँ से हटने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। फिर भी मैंने आखिरी बार कोशिश की.. देखिए मैं आपको परेशान नहीं करना चाहता पर मेरे जो तस्वीर है वो बिल्कुल आपके जैसी ही है तो मुझे लगा कि आप वही हो, मुझे नहीं पता कि आपका नाम क्या है पर आपने मुझे […]

पड़ोसन देसी गर्ल की देसी चुदाई उसके ही घर पर

पता नहीं क्यों मैं कोमल पर कभी भी पटाने के हिसाब से ध्यान नहीं देता था क्योंकि में सोचता था कि इतना मस्त माल मेरे नसीब में कहाँ हो सकता है। बात सर्दी की है.. मैं छत पर धूप ले रहा था.. मम्मी घर पर ही थीं। तभी मैंने देखा कि कोमल भी छत पर […]

गलतफहमी-9

इस बात को लगभग छ: महीने बीत गये, अब सीने में दर्द कम रहता था और थोड़े उभार जैसे दिखने लगे। वैसे माँ मुझे बचपन से ही शमीज पहनाती थी, फिर भी अब शर्ट के ऊपर से निप्पल का अहसास होने लगा था। फिर एक दिन मेरे पेट में दर्द होने लगा, और पैरों में […]

गलतफहमी-10

यह बात मेरी बगल वाली सीट पर बैठा सीनियर सुन रहा था, उसका नाम गौरव था, उसने कहा ‘वहाँ नहीं बन रहा है तो मेरी गोद में आ जाओ।’ उसने ये बात ऐसे कही कि कोई टीचर ना सुने। मैंने मुंह बनाया और नाखून दिखाते हुए उसे इशारों में कहा कि टीचर से शिकायत कर […]

मेरी अय्याशियाँ पिंकी के साथ-1

पिंकी का घर हमारे घर के बगल में ही है, हमारे घर की व पिंकी के घर की छत आपस में मिली हुई है, दोनों छतों के बीच में बस कमर तक ऊँचाई की एक पतली सी दीवार ही है इसलिए हम छत से भी एक दूसरे के घर चले जाते थे और पड़ोसी होने […]

गलतफहमी-11

पानी हमसे दूर नजर आ रहा था। नदी में जब पानी कम होता है तब धार किसी एक छोर में सिमट कर बहती है। यहाँ भी वैसा ही था, धार हमसे विपरीत वाले छोर में बह रही थी, तो हमने अपने बदलने वाले कपड़े तट पर ही रख दिये और नदी में उतर गई, सब […]