Tag: चुम्बन

चुदाई से तलाक की सेटलमेंट

पिछले करीब 12 साल में करीब करीब, 300-400 के करीब लड़कियाँ और औरतें मेरे नीचे से गुज़र चुकी हैं, जिससे भी यारी लगाई, पहले दिन ही समझा दिया कि शादी के सपने मत देखना, हमारा रिश्ता सिर्फ बिस्तर तक है। कुँवारी, शादी शुदा, तलाक़शुदा, विधवा, अकेली, दोस्त, भाभी, चाची, बुआ, मौसी, मामी, कज़िन, छोटी, बड़ी, […]

और कोई होता तो मुझे चोद देता

कंचन रौनक दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है और सच्ची है। मेरा नाम रौनक है जिस पर यह कहानी है उस का नाम पूनम है। तब मैं 18 साल का था। कामक्रिया की थोड़ी बहुत जानकारी थी। मेरे मोहल्ले में एक लड़की रहती थी उसका नाम पूनम था। वो किसी को लाईन नहीं देती थी। […]

जिस्म की जरूरत-6

जैसे तैसे मैंने ऑफिस का सारा काम निपटाया और शाम होते ही घर की तरफ भागा। घर पहुँचा तो अँधेरा हो चुका था और हमारे घर के बाहर हमारे पड़ोसी यानि अरविन्द भाई साहब अपनी पत्नी रेणुका और बेटी वन्दना के साथ कुर्सियों पे बैठे चाय का मज़ा ले रहे थे। जैसे ही मैं पहुँचा, […]

जिस्म की जरूरत-8

ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरी बीवी हो और हम अपनी पहली चुदाई करने जा रहे हों… और वो शरमा कर और प्यार-मनुहार से मुझसे अपनी चूत फड़वाना चाह रही हो। कसम से दोस्तो… इतनी चूतें मारी हैं आज तक लेकिन इतने प्यार से कभी किसी के साथ चुदाई का मज़ा नहीं आया था। […]

जिस्म की जरूरत-7

हम दोनों को एक झटका लगा और हम छिटक कर एक दूसरे से अलग खड़े हो गए… हमें काटो तो खून नहीं। लेकिन जल्दी ही रेणुका जी ने हालत को संभाला और रसोई में अचानक से चाय का बर्तन उठा लिया और बाहर की तरफ निकलीं… ‘अरे वन्दना तुम तैयार हो गईं क्या… देखो न […]

जिस्म की जरूरत-9

‘नहीं रेणुका मेरी जान… जरा अपनी चूत को अपने कोमल हाथों से फैलाओ तो सही ताकि मैं पूरा अन्दर घुस सकूँ।’ यह कहते हुए मैंने उन्हें आँख मारी और एक बार उनकी चूत को चूम लिया। ‘छीः… गंदे कहीं के… ऐसे भी कोई बोलता है क्या?’ रेणुका ने मेरे मुँह से यूँ खुल्लम खुल्ला चूत […]

गाँव की प्यासी आंटी

कहानी कुछ इस तरह से है कि मैं जब 21 साल का था तब मैं मेरे गाँव गया हुआ था। मेरा गाँव महाराष्ट्र में सोलापुर में है। मैं वहाँ पर कुछ दिनों गर्मियों की छुट्टी मनाने गया हुआ था। हमारा गाँव बहुत छोटा था और वहाँ पर बहुत कम लोग रहा करते थे। मेरे घर […]

भाभी की खुल गई भैंस

तब तक गाँव की भाभी तेज चाल में मेरे दरवाजे आईं और बोली- चक्रेश भैया, मेरी भैंस नहीं मिल रही है पता नहीं कहाँ चली गई, तुम चलकर उसे ढूंढवा दो। ‘ पापा की चारपाई भी पास में ही थी, उन्होंने भी कहा- जा देख ले जाकर! मैंने सोचा अब तो जाना ही पड़ेगा। मैंने […]

एक खेल ऐसा भी-2

वो रुकी, मैं आगे बढ़ा, अचानक मैंने उसे अपनी बाँहों में उठा लिया और ले चला। ‘आआह ऊओह्ह.. आप क्या कर रहे हैं.. ऊओ..ह्ह्ह..’ और वो खिलखिलाई। ‘अपनी सुन्दर सेक्सी पत्नी.. को मैं यूँ बांहों में उठा कर रखूँगा…डार्लिंग..!’ मैं उसे उठा कर रसोई तक ले गया। जिस्मों की यह पहली मुलाकात बड़ी असरदायक थी। […]

अन्तहीन कसक-4

मैं लण्ड बुर में डाले हुए ही उसके ऊपर लेट सा गया। लेकिन तभी मुझे लण्ड के सुपाड़े पर गर्मी सी महसूस हुई, मेरा लण्ड उसकी चूत के गोल छल्ले में फंसा हुआ था, चूत मेरे लण्ड को निचोड़ने लगी… मेरा शरीर अकड़ने लगा, मैं झड़ने लगा ‘आआह्ह..’ की आवाज मेरे मुख से अनायास ही […]