Tag: चुची चुसाई

बहन का लौड़ा -42

राधे ने स्पीड से लौड़े को बाहर निकाला और अबकी बार एक ही झटके में पूरा गाण्ड की गहराई में घुसा दिया.. मीरा- आआआ आआआ.. मर गई रे.. आह्ह.. जालिम.. चूत से निकाल कर सीधा ही घुसा दिया.. उफ़.. आह्ह.. राधे अब स्पीड से गाण्ड मारने लगा था। उसका लौड़ा भी अब तनकर फटने को […]

भाई के दोस्त की बीवी ने चूत चुदवाई

मैं मना करने लगा कि मुझे बहुत काम हैं आप कार्ड ले लीजिए मैं बाद में कभी आऊँगा पर उसकी जिद के आगे मुझे बैठना पड़ा। मैं अपने हाथ से बिस्कुट उठाने ही वाला था कि भाभी ने बिस्कुट को मेरे मुँह में लगा दिया। मुझे कुछ अजीब सा लगा.. लेकिन मैंने खा लिया और […]

मेरी कुंवारी गांड की शामत आ गई-2

वे तुरन्त ही 2 कप चाय बनाकर ले आये, उसे पीने के बाद मैं बहुत ही तरोताजा महसूस कर रही थी। मैं सारा दर्द भूलकर उनसे लिपट गई वो भी मेरी पीठ को सहला रहे थे। 15 मिनट ऐसे ही सब चलता रहा, फिर उन्होंने मुझे अलग किया और मुझे खाना बनाने के लिए कहा […]

मामी की चुदाई की इच्छा लेकिन गांड मरवाने की मजबूरी

कुछ देर बाद मैं नहा-धो कर तैयार हो गया तो मामी मुझे खाना देकर अपना काम करने लगीं। मैं बोर हो रहा था.. इतने में मामी आईं और बोलीं- क्या कर रहा है? मैंने कहा- मैं तो बोर हो रहा हूँ.. कोई है ही नहीं घर पर! फिर वो बोलीं- चल मेरा काम खत्म हो […]

प्यारी बीवी की गांड चोदकर वीर्य भर दिया

फिर क्या था, मैंने भी अपनी पैन्ट का हुक खोला, जिप को खोल दिया. फिर अपना दांया हाथ बीवी के गोरे चूतड़ों पर रख कर बांये हाथ से अपनी पैन्ट और चड्डी को एक साथ निकाल दिया. अब तक मेरा लंड पूरा आकार ले चुका था. बीवी की गांड पे हाथ रखते ही मेरी बीवी […]

छोटे भाई की बीवी को चोदा

हमारी टिकट प्रथम क्लास में बुक थी। चार सीटर कूपे में दो सीट पर कोई नहीं आया। हम ट्रेन में चढ़ गये। गरमी के दिन थे, जब तक ट्रेन स्टेशन से नहीं छूटी तब तक वो मेरे सामने घूंघट में खड़ी थी। मगर दूसरों के आंखों से ओझल होते ही उसने घूंघट उलट दिया और […]

भतीजी को चोदने के मजे लिए

सपना भी मुझसे काफी घुल मिल रखी थी और मैं भी। वो मुझे अपने भाई की तरह मानती थी। वैसे जब तक मैं 12वीं कक्षा में नहीं आया था तब तक मैंने सपना की तरफ किसी ऐसी वैसी नज़र से नहीं देखा था पर 12वीं में आने के बाद वो मुझे अचानक ही बहुत अच्छी […]

एक ही थैली के चट्टे बट्टे-2

हम दोनों बाथरूम में पहुँच गए, बाथरूम का द्वार खुले रहने से या बंद रहने से कोई फर्क नहीं पड़ना था अतः मैंने द्वार की ओर ध्यान दिए बिना ही शावर के नीचे खडे हो कर शावर खोल दिया. मैंने ब्रा और पेटीकोट पहना हुआ था. जरा हुक खोलना ब्रा का! मैंने अपने सिर पर […]

छत की बात

जून में शादी थी तो मैं और मेरा पूरा परिवार दस दिन पहले ही वहाँ पहुँच गए थे और दीदी की शादी में हमने खूब मजा किया। दीदी की शादी होने के बाद मेरे परिवार के सभी लोग वापस आ गए और गर्मियों की छुट्टी होने की वजह से में वहाँ रुक गया। एक दिन […]

इक्कीसवीं वर्षगांठ-2

क्योंकि घर में सिर्फ दो बेडरूम थे इसलिए माँ और पापा आगे वाले बेडरूम में सोते थे और मैं और शिप्रा पीछे वाले दूसरे बेडरूम में रहते थे। वर्षगाँठ वाली रात को शिप्रा से भेंट मिलने की आशा में जब मैं बेडरूम में सोने को गया तो मैंने उसे उसके बिस्तर पर सोते हुए देख कर थोड़ा निराश […]