Tag: खुले में चुदाई

आज दिल खोल कर चुदूँगी -8

मेरी चूत में लहरें उठने लगीं, तभी सुरेश ने मेरे ऊपर अपने आपको बिछा लिया और लण्ड को चूत में भीतर तक दबा लिया। उसके कड़कते लण्ड ने मेरी बच्चेदानी को रगड़ मारा और चूत में उसका वीर्य छूट पड़ा। वो अपने लण्ड को बार-बार वीर्य निकालने के लिए दबाने लगा। वीर्य से मेरी चूत […]

हम तो आपका दूध पिएँगे-2

फिर मैंने कहा- कमरे में चलते हैं। हम कमरे में आ गए, फिर मैं प्रिया की साड़ी को धीरे-धीरे उतारने लगा। उसके मादक जिस्म को मैं मस्ती से निहार रहा था, फिर मैंने प्रिया का ब्लाउज निकाल दिया.. अब काले रंग की ब्रा मेरे सामने थी, मैंने हौले से ब्रा के ऊपर से उसके मम्मों […]

जीना इसी का नाम है-8

मुझे न चाहते हुए भी उसकी चुदाई करनी पड़ी। इसके बाद अनीता बोली- मैं नीचे जा रही हूँ, सोना तो उसी के साथ पड़ेगा, 50 हजार जो लेना है। इस घटना के बाद बड़े ऑफिसर, नेता, अमीर और रसूखदार लोग कभी कभी हमरे घर आने लगे, घर एक टॉप क्लास का रण्डीखाना बन गया। जब […]

और नीतू भाभी से रहा नहीं गया

नीतू भी रांची की रहने वाली है, उसका पति एक बिज़नेसमैन है। नीतू दिखने में बहुत हसीन है, उसके चेहरे पर एक प्यारा सा शरारत हमेशा रहती है। वह लंबी है, खास कर उसकी टाँगें उसकी खूब लंबी हैं। लंबे बाल चूतड़ों से थोड़ा ऊपर! आँखें सेक्सी, बूब्स 34 के, चूतड़ थोड़े मोटे! मतलब माल […]

पांच लड़कों ने की रंडी की चुदाई

मैंने उससे बात की और उसका नाम पूछा, उसने सीमा बताया. मैंने पूछा- कहाँ तक जाना है? ‘मुझे कुछ किलोमीटर दूर एक छोटा सा गाँव है.. वहाँ जाना है.’ मैंने बोला- चलो मैं तुमको छोड़ आता हूँ. वो मान गई, हम तीनों दोस्त की कार पर चल पड़े. रास्ते मैं हम बात करने लगे, मेरा […]

ढाबे की मेज पर चालीस साल की औरत की चुदाई

मैंने एक ट्रक वाले को हाथ दिया. ट्रक वाले ने ट्रक रोक कर पूछा तो उसने मुझे ट्रक पर चढ़ा लिया. मैं ट्रक पर बैठ कर चल दिया. ट्रक वाले ने मेरा नाम पता पूछा तो उसने बताया कि वो भी मेरे गाँव के बगल का ही है. धीरे धीरे मुझे नींद आने लगी थी, […]

मैं कॉलगर्ल कैसे बन गई-7

अब आगे… फिर अशोक ने भी मुझसे ओके कहा और वो बोला- मगर एक काम करना होगा… तुमको पूरे एक सप्ताह की छुट्टी ले लो और मेरे साथ आउट ऑफ़ स्टेशन चलना होगा. वहाँ मेरे दो दोस्त और होंगे, तुमको सबको अपनी जवानी का जलवा दिखाना पड़ेगा. इसलिए तुम ऑफिस में कोई पर्सनल बहाना बना […]

धोबी घाट पर माँ और मैं -1

कुल मिला कर हम बहुत सुखी-संपन्न थे और किसी चीज की दिक्कत नहीं थी। मेरे से पहले कपड़े धोने में, माँ का हाथ मेरी बहन बटाती थी। मगर अब मैं यह काम करता था हम दोनों माँ-बेटे हफ्ते में दो बार नदी पर जाते थे और धुलाई करते थे। फिर घर आकर उन कपड़ों की […]

धोबी घाट पर माँ और मैं -7

मैंने ज़ोर से चूचियों को दबाना शुरु कर दिया था, मेरा मन कर रहा था कि मैं माँ का ब्लाउज़ खोल कर चूचियों को नंगी कर के उनको देखते हुए दबाऊँ, इसलिए मैंने माँ से पूछा- हाय माँ, तेरा ब्लाउज़ खोल दूँ? इस पर वो मुस्कुराते हुए बोली- नहीं, अभी रहने दे। मैं ज़ानती हूँ […]

मेरी मां की समझदारी, मुझे चोदना सिखाया-1

मैं शुरु से ही मम्मी और बहन के साथ नहाता था, वह भी बिल्कुल नंगा… मेरी मम्मी और मेरी बहन भी नंगी होकर मेरे साथ नहाया करती थी और मेरे सामने ही कपड़े पहना करती थी। कभी-कभी मैं उनकी चूत भी छू लेता था पर वे कुछ नहीं कहती थी बल्कि उसे दिखा कर बताती […]