जिगोलो ने रण्डी को चोदा

हैलो दोस्तो, मेरा नाम इंदर है। मैं 26 साल का हूँ। मेरी बॉडी स्लिम है, लंड 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है।
मैं सिरसा हरियाणा का रहने वाला हूँ। मेरा काम बॉडी मसाज का है और मसाज के साथ यदि वो महिला चाहे तो उसके साथ मस्त चुदाई करके उसको पूर्णतः संतुष्ट करना मेरे काम का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इस कारण मैं कभी किसी सिटी में कभी किसी सिटी में जाता रहता हूँ।
मुझे चोदने का बहुत चस्का है। मैं अक्सर ही कभी किसी भाभी कभी किसी लड़की की कॉल का इंतजार करता रहता हूँ।
अब मैं आपको अपनी एक नई कहानी सुनाने जा रहा हूँ। बात अभी की ही है, मेरा एक दोस्त है कमल (बदला नाम) उसके मामा जी हमारे गाँव के पास एक गाँव में रहते हैं।
उस गाँव में बहुत सारे कोठे हैं और कमल के मामा के लड़के ने हमसे कहा- अगर कुछ मस्ती करनी है तो मेरे साथ चलो।
मेरा मन तो था ही सो हम उसके साथ चले गए।
वहाँ पर क्या देखा कि एक बूढ़ी औरत थी जिसका घर था और एक भाभी और एक आंटी थीं, दोनों ही मस्त माल थीं।
उनके मम्मे खूब भरे थे, जो आँटी थी, उसके चूतड़ तो इतने अधिक उठे हुए थे कि देख कर ही उसकी गान्ड मारने का मन होने लगा। खैर मेरे ममेरे भाई से चुदाई के रेट तय हुए और वो उस मस्त उभरी हुई गान्ड वाली आंटी को अपने साथ चोदने ले जाने को रेडी हो गया।
मेरे दोस्त ने आंटी से कहा- चल आ जा।
आंटी भी इठला कर बोली- चल..!
उसने आंटी को अन्दर ले जाकर उसकी दम से खूब चुदाई की। तकरीबन 25 मिनट बाद वो दोनों बाहर आए और एक उसने मुझे हल्की सी स्माइल दी।
अब मेरा नम्बर था, मैंने भाभी से कहा- क्या चलें डार्लिंग?
तो उस ने एक स्माइल दी और बोली- हाँ चल..! मेरे आगे चल दी। मैंने अन्दर जाकर देखा एक छोटा सा रूम है दो-तीन बिस्तर हैं।
भाभी ने अपने कपड़े उतार दिए और मैंने अपनी पैन्ट उतार दी।
फिर भाभी ने कहा- अंडरवियर भी उतार दो।
मैं भूल ही गया था कि मैं कोठे पे आया हूँ। मुझे लगा अभी मुझे इसकी बॉडी मसाज करनी है। फिर एकदम याद आया कि यह तो गश्ती है।
फिर मैंने अपने कपड़े उतारे और लंड उसके मुँह में दे दिया।
गस्ती ने लंड दस मिनट तक खूब चूसा और बोली- क्या मस्त खुश्बू आ रही है क्या लगाया राजा…!
मुझे पिछली मर्तबा वाली चुदाई याद आई, जब मैंने एक भाभी को चोदा था। तो उस ने एक अजीब सा स्प्रे मेरे लंड पे डाला था जो बहुत खुश्बू वाला था।
मैंने उस भाभी के मस्त मम्मों को खूब मसला फिर मैंने उसको चित्त लिटाया और उसके दुद्दुओं के बीच में अपना हल्लबी लौड़ा फँसा कर उसकी दूध चुदाई की। जब मैं उसके ऊपर चढ़ कर अपना लौड़ा उसकी चूचियों के बीच में फँसा कर आगे-पीछे कर रहा था तो मेरा सुपारा उसके मुँह तक जा रहा था और लौड़ा घिसने के कारण जो प्री-कम निकल रहा था उसको वो अपनी लपलपाती जीभ से चाट लेती थी। उसकी जीभ जब मेरे सुपारे पर लगती थी तो लौड़े में एक अजीब सी सनसनी मचती थी।
कुछ देर इस तरह चोदने के कारण मेरा लौड़ा खूब कड़क हो गया।
तो उस गश्ती ने एक कंडोम निकाला और मेरे लंड पर चढ़ाते हुए कहा- राजा जी मुझे लगता है आप मेरा बहुत बुरा हाल करोगे.. प्लीज़ रहम करना।
मुझे थोड़ी हँसी आई और उस ने अपनी टांगें उठा लीं और बोली- आ जा…!
पर मैं बिस्तर के एक सिरे पर गया और उसकी गान्ड के नीचे दो तकिया रख दिए और लंड उसकी चूत में घचाक से पेल दिया। लंड बड़ी आसानी से अन्दर चला गया और उसे कोई तकलीफ़ भी नहीं हुई। मैं दे दना-दन शॉट मार रहा था।
तकरीबन 15 मिनट बाद मैंने उसे अपने ऊपर बैठाया और चोदने लगा। थोड़ी देर बाद उस के मुँह से थोड़े दर्द की आवाज़ आने लगी।
वो दर्द से भरी आवाज में बोली- बस अभी हुआ नहीं क्या..! बस करो जान निकालोगे?
फिर मैं खड़ा हुआ और फिर से तकिया गान्ड के नीचे रखा और फिर ज़ोर-ज़ोर से शॉट मारने लगा। फिर 15 मिनट बाद मैं झड़ गया और उस ने मेरा कंडोम निकाला और फिर से लंड मुँह में ले कर साफ किया।
वो बोली- जिन्दगी में कभी कभी ही कोई ऐसी चुदाई करने वाला आता है । तुमने मेरी प्यास बुझा दी अब एक बार मेरे कहने से तुम मुझे और चोद दो फिर पता नहीं कब कोई इतना मस्त चोदू मिले।
मुझे उसकी बात सुन कर फिर से जोश आने लगा और उसने भी मेरा लवड़ा पकड़ कर खूब चचोरा। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर बस उसकी अबकी बार 40 मिनट तक ठुकाई की, उसकी हड्डियाँ चटक गई थीं।
चुदाई में दोनों ही थक कर चूर होकर शिथिल हो चुके थे तो दस मिनट यूं ही पड़े रहे फिर उठ कर अपने कपड़े पहने और बाहर जाने लगा।
वो भाभी भी मुझसे चिपक गई और पूछने लगी, “अब कब आओगे राजा ..!”
मैंने उसके गालों पर एक पप्पी ली, उसके मम्मे मसके और कहा- अबकी बार के पैसे लूंगा..!
भाभी हँस पड़ी, “कभी सुना है कि किसी रंडी ने चुदवाई के पैसे दिए हों?”
मैंने उसको बताया कि मैंने एक रंडा हूँ ..तो वो मुस्कुरा उठी और बोली- चल पार्टनरी में धंधा शुरू करते हैं मैं लंड चोदूंगी तू चूत मारना..!
मैं उधर से हंसते हुए आ गया, “सोचूँगा ..!”
मुझे मेल ज़रूर करना।
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