मारवाड़ी आंटी को चोद कर माँ बनाया-2

रात को करीब 11 बजे उनका मैसेज आया ‘मेरे पति मान गए हैं.. उन्हें सिर्फ़ उनकी इज़्ज़त बनाए रखनी है.. चाहे उसके लिए हम दोनों को कितने भी बार सेक्स करना पड़े। उन्होंने कहा है कि बस किसी को पता नहीं चलना चाहिए।’

थोड़ी देर बाद आंटी का फोन आया उन्होंने बताया- तुम्हारे अंकल कल वर्धा जा रहे हैं.. तो तुम 11 बजे मेरे घर पर आ जाना।

दूसरे दिन मैं सुबह नहा धोकर शेव करके उनके घर पर 11 बजे पहुँच गया। मैंने डोरबेल बजाई तो दरवाजा आंटी ने खोला। जैसे ही उन्होंने मुझे देखा.. वो मुस्कुरा उठीं।
आज उन्होंने लाइट पिंक कलर की साड़ी पहनी थी, आज भी लो-नेक ब्लाउज था और आज तो पीछे से उनकी बैक ऑलमोस्ट खुली थी।

मैंने जल्दी से दरवाजा लगाया और उन्हें अपनी बांहों में भर लिया।

फिर हम दोनों हॉल में जाकर उनके सोफे पर बैठ गए। मैंने उनका हाथ पकड़ कर उनको अपनी जाँघों पर बिठा लिया.. और किस करने लगा।
वो शुरूआत से ही बढ़िया रेस्पॉन्स कर रही थीं।

मैं उनके चेहरे को अपने हाथों में पकड़ कर किस कर रहा था और उनके बालों में धीरे-धीरे मसाज कर रहा था.. जिससे वो और गरम हो रही थीं।

फिर मैं अपना एक हाथ पीछे ले जाकर उनकी पीठ पर फेर रहा था और दूसरे हाथ से उनके मम्मों को दबा रहा था।

अब हम लोग फ्रेंच किस करने लगे। जल्द ही हमने अपनी लार चूसना शुरू कर दी।
दोस्तो, इतना मज़ा आ रहा था कि मैंने उन्हें अपने और करीब खींच लिया और चूमने लगा।

अब उनकी साँसें बढ़ चुकी थीं। मैंने उन्हें गर्दन पर चूमना शुरू किया.. फिर धीरे से जाकर उनके कान पर काटा.. उन्होंने ज़ोर से ‘आह..’ भरी।
फिर मैंने उनके ब्लाउज के बटन खोल कर उसे निकाल कर साइड में रख दिया।
आंटी ने झट से अपनी 38 सी की ब्रा निकाल कर फेंक दी।

उनके बड़े-बड़े मम्मों को सामने देख कर मैं मदहोश हो गया। मैंने झट से उनके एक मम्मे को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से उनके दूसरे मम्मे को दबाने लगा। फिर मैंने उनके निप्पलों को अपनी उंगली से गरम करना शुरू किया और वो पागल हो गईं। मेरे बालों को ज़ोर से दबा कर अपने मम्मों पर मेरे मुँह को घिसने लगीं। इसी तरह मैंने उनके दूसरे चूचे को भी गरम किया।

फिर मैंने उन्हें खड़े करके किस करना शुरू किया। किस करते-करते उनकी साड़ी और पेटीकोट निकाल कर साइड में रख दिया। अब वो सिर्फ़ अपनी जालीदार पिंक पैन्टी में थीं.. जो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।

मैंने आंटी को सिंगल सीट सोफे पर बिठा दिया और उनके पैरों को चूमने लगा। वो अपने दोनों मम्मों को हाथों से ज़ोर-ज़ोर से दबा रही थीं।

मैं उनके पैरों से चूमते-चूमते घुटनों तक आया.. और फिर जाँघों तक आया, मैंने उनकी दोनों जाँघों को करीब 10 मिनट तक चूसा।
अब उनकी चूत को प्यार करने की बारी थी, मैं पैन्टी के ऊपर से ही अपनी जीभ को घुमा रहा था। मैंने उनकी पैन्टी थोड़ी नीचे की.. और नाभि के नीचे की स्किन को चूसने लगा।

वो मोनिंग करने लगी थीं.. अब मैंने उनकी पैन्टी को धीरे से निकाल दिया और उन्हें दिखाकर उसे चूमा।
वो शर्मा गईं और आँखें बंद कर लीं।

मौका पाकर मैंने उनकी टाँगें फैलाईं और पहली बार उनकी चूत का नज़ारा देखा। वो दूध जैसे चमक रही थी और उसके बीच से उनका प्री-कम आ रहा था।

मैं सीधा उनकी चूत को चूसने की जगह वापस उनकी जाँघों को चूसने लगा। मैं उनकी चूत में बेतहाशा तनाव पैदा करना चाहता था। फिर मैंने धीरे से उनकी चूत के बीच में ऊपर-नीचे उंगली फेरना शुरू कर दिया इससे आंटी ज़ोर-ज़ोर से सीत्कार करने लगीं।

धीरे से मैंने अपनी उंगली उनकी चूत में डाली.. वो अन्दर से भट्टी की तरह गर्म और गीली थी। वाउ.. वो इतनी टाइट थी मानो किसी कुँवारी लौंडिया की चूत हो।

फिर मैंने उंगली को धीरे से अन्दर डालकर अन्दर से चूत की दीवारों की मसाज करना शुरू किया।

अब उन्होंने अपना हाथ मेरे सिर पर रख कर उसे ज़ोर से चूत की ओर किया, मैं समझ गया कि अब टाइम आ गया है।
मैं तुरंत उनकी चूत को मुँह में लेकर चूसने लगा, वो ज़ोर-जोर से ‘आहें..’ भर रही थीं और अपनी गाण्ड उठा-उठा कर चूत चुसवा रही थीं।

मैंने उनकी चूत को अपनी स्टाइल में चूसना शुरू किया क्योंकि मैं उन्हें झड़वाना चाहता था। कुछ ही मिनट बाद उन्होंने मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबा दिया और अपना सारा पानी छोड़ दिया।

दोस्तो, बराबर 30 सेकेंड्स तक उनका पानी निकलता रहा।
अगर आप एक बार में औरत को प्रेग्नेंट करना चाहते हो.. तो पहले उसका पानी निकाल दो।

फिर आंटी थोड़ी ढीली पड़ गईं।
मैंने ऊपर आकर आंटी के होंठों पर किस किया। उनके चेहरे पर खुशी थी.. फिर मैं उनको गोद में उठाकर बेडरूम में लेकर गया। वहाँ पहुँच कर उन्हें बिस्तर के बीच में आराम से लिटा दिया, रूम की लाइट डिम कर दी और स्पीकर पर एक रोमांटिक गाना शुरू कर दिया।
तब मैंने उनकी गर्दन और गाण्ड के नीचे नरम तकिया रख दिया.. फिर धीरे से उनकी चूत को किस किया और अपनी जीभ सटा दी। जैसे ही मैंने मेरी जीभ उस पर रखी.. वो तड़फ उठीं।
अब मैंने चूत में अपनी जीभ घुसाई और उसको चाटने लगा। कुछ ही देर में उनकी चूत मेरी लार से पूरी तरह से गीली हो गई।

तभी आंटी ने मेरे सिर पर अपना हाथ रखा और मेरे सर को दबाना शुरू कर दिया। मैं भी उनकी चूत के आस-पास की स्किन पर मसाज करने लगा। बीच-बीच में उसे काट भी रहा था।

इस बार आंटी फिर से मेरे मुँह पर झड़ गईं और उन्होंने मेरा शर्ट पकड़ कर मुझे ऊपर खींच लिया और बाजू में लिटा कर मुझ पर टूट पड़ीं और पागलों की तरह मुझे चूमने लगीं।

मैंने उनसे पूछा- मज़ा आया सोनम?
उन्होंने मुझे नाम लेते सुना तो मुस्कुरा कर अपनी एक उंगली मेरे मुँह पर रख कर चुप करा दिया।

फिर उन्होंने मेरी टी-शर्ट निकाल दी.. मेरे पैन्ट में बने तंबू को देखा और ऊपर से ही मेरा लण्ड पकड़ कर दबाने लगीं, फिर मेरा पैन्ट और अंडरवियर उतारा.. और मेरे मोटे लंड को देख कर बोलीं- बाप रे.. तुम तो पूरे छुपे रुस्तम हो।

उन्होंने अपना मुँह खोला और मेरे लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगीं।
वो ब्लोजॉब में एक्सपर्ट लग रही थीं, वो मेरे सुपारे को ऐसे चूस रही थीं.. मानो वो इसके होल में से मेरे पानी को खींचने की कोशिश कर रही हों।

कुछ मिनट तक मेरे लण्ड को चूसने के बाद लौड़ा पूरा रॉड की तरह कड़क हो गया था। वो मुझे आराम से बड़ी देर तक मेरे लण्ड को चूसती रही थीं। उन्होंने कभी थूक डाल कर.. तो कभी लण्ड के चारों तरफ जीभ घुमा कर बड़े प्यार से मेरे लण्ड को सेक्स के लिए तैयार किया।

अब मैंने बोला- अब चुदाई का वक़्त हो गया है।
वो तो कब से इसी का वेट कर रही थीं।

मैंने आंटी को लिटा कर उनकी गाण्ड के नीचे तकिया रखा और उनकी दोनों टांगों को चौड़ा किया और अपने लंड को उनकी चूत पर हल्का सा टच कराया।
आंटी के सारे शरीर में झुरझुरी सी होने लगी, वो धीरे से बोलीं- अब मत तड़पा.. जल्दी से अन्दर कर दे।

इतना सुनते ही मैंने एक ज़ोर का धक्का लगाया और मेरा मोटा लंड उनकी चूत की गहराइयों में समा गया। आंटी के मुँह से चीख निकल पड़ी- अभिषेक… उई.. आह.. बहुत मोटा है तेरा लंड..

मैं अब ज़ोर-ज़ोर से आंटी की चुदाई करने लगा, आंटी भी चूतड़ उछाल उछाल कर मेरा साथ दे रही थीं।

देर तक चुदाई करने के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए, आंटी की चूत में मेरे लंड ने स्पर्म की एक-एक बूंद छोड़ दी।

आख़िर में थक कर हम दोनों एक-दूसरे की बाँहों में नंगे ही लेट गए। मैंने अपने लंड को उनकी चूत में ही रहने दिया.. इससे उनके प्रेग्नेंट होने के चान्स 90% बढ़ गए थे।

काफ़ी देर बाद मेरा लंड दोबारा सिर उठाने लगा तो मैंने उन्हें डॉगी पोज़िशन में हो जाने को बोला। जैसे ही वो डॉगी पोज़ में आईं.. मैंने उनकी गांड पर ज़ोर से थप्पड़ मारे.. फिर उनकी गाण्ड को हाथों से फैलाया और चूत में अपना लंड घुसेड़ने लगा।

उन्होंने भी अपनी गाण्ड एड्जस्ट की.. मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा लंड उनकी चूत में घुसता चला गया। अब मैंने अपना एक पैर उनकी कमर के बाजू में रखा और उनकी गाण्ड को हाथों से दबोच कर जम कर चोदने लगा।

वो अपना सिर पूरी तरह से नीचे झुका कर चुदवा रही थीं, मैं उनकी गाण्ड को अपने हाथों से पकड़ कर चोदे जा रहा था।
चोदते-चोदते मैंने अचानक से अपनी स्पीड बढ़ा दी और उनकी गाण्ड पर थप्पड़ मारने लगा, वो गोरी गोरी गाण्ड लाल हो गई।

वो ‘आहह.. आह..’ कर रही थीं और अब अपनी गाण्ड खुद ही आगे-पीछे करके मुझसे चुदवा रही थीं। मैंने आगे झुक कर उनके मम्मों को पकड़ लिया और ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा, साथ ही मैंने उनके निप्पलों को रगड़ना शुरू किया।

इसके बाद मैंने उनके बालों को पकड़ कर उन्हें घोड़ी की तरह चोदना शुरू कर दिया। उनकी गाण्ड से ‘ठप-ठप’ की आवाज़ आ रही थी और मुझे जन्नत का सुकून मिल रहा था।

थोड़ी देर में वो झड़ गईं।

फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और बिस्तर पर लेट कर उनसे मेरे लंड पर आकर बैठने को कहा।
वो मेरे लंड के ठीक ऊपर आईं और मेरे लंड को हाथों में लेकर उस पर चूत रख कर बैठ गईं।
मेरा लंड उनकी चूत में ‘घाप’ से घुस गया.. और उनकी नरम-नरम गाण्ड के नीचे हाथ रख कर गाण्ड को ऊपर-नीचे उठाने लगा।

वो भी अपनी गाण्ड ऊपर उठा-उठा कर चुदवाने लगीं। अचानक मेरे लंड को जोश आ गया और मैंने इतनी तेज़ी से उनकी चूत में लंड डालना शुरू किया कि उनका पूरा बदन थरथराने लगा.. वो काँपने लगीं और सिसकारियाँ भरने लगीं।

दो मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद वो मेरे ऊपर पूरा झड़ गईं.. अब वो काफ़ी थक गई थीं।

मैंने उन्हें ऊपर से हटाया और फिर से बिस्तर पर लिटा दिया और उनकी गाण्ड के नीचे एक नरम तकिया रख दिया और उनकी जाँघों को फैला दिया। पैरों के बीच में आकर मैं उनकी चूत खोलने लगा।

ये देख कर वो हैरान हो गईं.. बोलीं- अब और कितना करोगे?

मैंने उनकी चूत पर लंड रखा और उनके होंठों में अपनी जीभ में भर कर फुल स्पीड से फिर से चुदाई शुरू कर दी।
अब वो बुरी तरह से कांप रही थीं और ‘आहह.. आहह..’ कर रही थीं।

हम दोनों पूरी तरह से पसीने से भीग चुके थे और मैं उनकी चूत के पानी में भीग चुका था। तभी मैंने अपनी स्पीड डबल कर दी और दनादन धक्के मारने शुरू कर दिए।
करीब 20-25 धक्कों के बाद उनकी चूत में मैंने अपना गरमा गर्म लावा छोड़ दिया। उनकी चूत पूरी तरह से मेरे स्पर्म से भर गई और मैं उनके ऊपर ही निढाल हो कर लेट गया।

हम दोनों कुछ देर तक वैसे ही लेटे रहे।

अगर किसी को प्रेग्नेंट करना हो तो गाण्ड के नीचे तकिया जरूर रखो और स्पर्म को चूत में झाड़ने के बाद कुछ देर तक अपने लंड को उसकी अन्दर ही रखो। प्रेग्नेन्सी के चान्स 90% तक बढ़ जाते हैं।

बाद में उन्होंने मुझे हटाया और बाथरूम में चली गईं, मैं भी बाथरूम में आ गया, फिर से आग भड़क उठी और मैंने बाथरूम में ही उन्हें 15 मिनट तक चोदा।
बाद में हम दोनों साथ में नहाए।

मैंने कपड़े पहने और फ्रेश होने के बाद नॉर्मल हो गया।
इस तरह 2 हफ्ते तक मैंने आंटी के साथ सेक्स किया। मैंने उनकी चूत में शहद लगा कर भी चूसा और उन्होंने मेरे लंड में पेस्ट्री और आइस्क्रीम लगा कर चाटा।

बाद में मैं काम में बिज़ी होने की वजह से टाइम ही नहीं निकाल पाया।

कुछ समय के बाद उन्होंने मेरी मम्मी को और मुझे बताया कि वे प्रेग्नेंट हो गई हैं।

ठीक 9 महीने बाद उन्होंने चाँद से बेटे को जन्म दिया। रवि अंकल भी बहुत खुश थे.. उन्हें वारिस जो मिल गया था। उनके फैमिली वाले भी खुश थे। अंकल ने अपने बेटे के जन्म पर हमारी सोसाइटी में ऐसी पार्टी दी.. जो आज भी सब याद करते हैं।

अंकल ने मुझे एक नया लैपटॉप और डी एस एल आर कैमरा गिफ्ट किया। आज भी आंटी जब मेरी ज़रूरत होती है.. वो मुझे फोन करके बुला लेती हैं।

दोस्तो, आपका बहुत धन्यवाद मेरी पूरी कहानी को पढ़ने के लिए। मुझे बड़ी ख़ुशी होगी.. अगर आप अपने सजेशन और फीडबैक मुझे लिखें।
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