बहन की सहेली की चूत चुदाई

शाम को उसका SMS आया कि मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ।
मेरी तो ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं था.. अब मैं उसको चोदने का मौका ढूँढने लगा।

फिर एक दिन वो मौका आया.. मेरी वाइफ अपनी माँ के घर गई हुई थी और मेरी मम्मी और बहन मार्किट गई थीं।
मैंने जल्दी से उसके SMS किया- मैं घर पर अकेला हूँ.. आ जाओ..

वो दस मिनट में आ गई.. मैं उसको अपने बेडरूम में ले गया और वहाँ पहुँचते ही मैंने उसको बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया। मैं उसके गुलाबी होंठों को चूसने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी।
हम दोनों दस मिनट तक एक-दूसरे को किस करते रहे.. मैं ऊपर से ही उसके मम्मों को बेतहाशा दबा रहा था।

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फिर मैंने उसका कुरता और सलवार उतार दी.. अब वो केवल ब्रा और पैंटी में थी और मैं बरमूडा पहना हुआ था जिसमें मेरा लण्ड एक तम्बू की तरह तन गया था। फिर मैंने उसके बचे हुए कपड़े भी उतार दिए और अपना बरमूडा भी उतार दिया।
अब हम दोनों नंगे थे..
मैंने फिर से उसे किस करना शुरू किया और वो एक हाथ से मेरा लण्ड हिला रही थी।

फिर मैंने बारी-बारी से उसके बड़े-बड़े मम्मों को खूब चूसा.. अब उसकी सिसकारियाँ निकलनी शुरू हो गईं।

वो जोर-जोर से मेरा लण्ड हिलाने लगी। फिर मैं नीचे गया और उसकी रेशमी झाँटों से सजी चूत पर अपना मुँह लगाया.. तो उसने मेरा सर अपने हाथ से दबा दिया।
उसकी चूत अब पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। मैंने खूब अच्छी तरीके से उसकी चूत का रसपान किया।

अब मैं नीचे लेट गया और उसको लण्ड चूसने के लिए बोला.. तो उसने मना कर दिया.. पर मेरे जोर देने पर वो मान गई और फिर वो मेरा लण्ड अपने मुँह में ले कर चूसने लगी। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।

फिर मैंने उसे घोड़ी स्टाइल में आने को बोला। वो बिस्तर के किनारे पर झुक गई.. मैंने नीचे खड़ा हो कर अपना कड़ा लण्ड उसकी चूत के छेद पर रगड़ कर.. एक झटका मारा.. तो वो दर्द से खड़ी होने लगी.. लेकिन मैंने जोर लगा कर उसको पकड़े रखा और मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में समा गया।

मैं थोड़ी देर ऐसे ही खड़ा रहा.. जब उसको थोड़ा दर्द कम हुआ.. तो मैंने दूसरा झटका मारा।
अब मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस चुका था। फिर मैंने धीरे-धीरे झटके मारने शुरू किए दस-पन्द्रह झटके मारने के बाद उसको भी मज़ा आने लगा और वो मस्ती में गांड हिला-हिला कर चुदने लगी।

अब वो जोर-जोर से ‘आ ईईई ईईईई.. भैया और जोर से चोदो मुझे..’ बोलने लगी।
मैं भी अपनी रफ़्तार बढ़ाता जा रहा था।

फिर मैंने उसको अपने ऊपर आने को कहा.. वो मेरे ऊपर आ गई और एक हाथ से मेरा लण्ड पकड़ कर उसको अपनी चूत का रास्ता दिखाया।
मेरा लवड़ा.. चूत के चिकनी हो जाने की वजह से एक बार में ही अन्दर फिसलता चला गया। फिर पूरा कमरा सिसकारियों से गूंजने लगा।

बीस मिनट बाद मेरा माल निकलने वाला था और अब तक वो दो बार झड़ चुकी थी।
मैंने पूछा- कहाँ निकालूँ?
तो उसने कहा- अन्दर ही निकाल दो।
मैंने हाँफते हुए जोर लगा कर 4-5 झटके मारे और उसकी चूत को अपने लण्ड के पानी से भर दिया।

फिर हमने एक-दूसरे को किस किया और ऐसे ही लेटे रहे। उसके बाद मैंने उसकी गांड भी मारी.. लेकिन वो मैं आप को अपनी दूसरी कहानी में बताऊँगा।

आप सब लोगों को मेरी ये कहानी कैसी लगी.. प्लीज मुझे जरूर बताएं।
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