एक दिन ऑफ़िस में मैनेजर के साथ चुदाई के नाम

जब मैंने उनसे पूछा तो वो बोले- बड़ी मैडम और सर आफीशियल काम से बाहर गए हैं, शीतल मैडम आज आई नहीं हैं और विजय काम से बाहर है।
मतलब आज पूरा दिन ऑफिस में सिर्फ हम दोनों के अलावा और कोई नहीं था।

मैं एक बताना भूल गई कि मेरा मैनेजर कोई बूढ़ा इंसान नहीं है, बल्कि हट्टा-कट्टा सांड किस्म का मर्द है और उसका मूसल किस्म का लंड पूरे 8 इंच का है। जो खड़ा होकर और मोटा होता है। उसका गोरा रंग और मर्दाना चौड़ी छाती है। वो कद में मुझसे थोड़ा लंबा है, जिससे वो कभी मेरे पीछे खड़ा भी हो जाता तो बिना झुके या कुछ किए भी उसका लंड मुझे मेरी गांड पर रगड़ता हुआ लगता है।

हमारे ऑफिस का रूल था कि ऑफिस में लेडीज को वन पीस ड्रेस और हाई हील्स पहनने पड़ते थे।
तो आगे बढ़ती हूँ:

मैं अपनी सीट पर आ गई और तभी मैनेजर सर भी आ गए, वो मुझसे बातें करने लगे, उनकी डबल मीनिंग बातें सुन कर मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं आज इससे जरूर चुदूँगी।

मुझे मालूम था कि उसकी बहुत दिनों से मेरे पर नजर थी।

जब भी मैं यहाँ-वहाँ ऑफिस में अपनी गांड उठाकर घूमती और हाई हील्स की वजह से मेरी ठोस और कामुक गांड और उभर कर दिखती थी, तो वो कभी-कभी मेरी गांड को टच करता या फिर मेरे मम्मों को छू लेता।
मैंने भी उसकी इस हरकत पर कभी आपत्ति नहीं जताई थी।

मैं बोली- आज हम दिन भर काम क्या करेंगे सर?
तो वो मुस्कुराकर बोला- आज काम करने का मूड किसका है!
फिर मैंने भी बोला- तो फिर करेंगे क्या हम लोग?
उसने आँख मार के कहा- करने के लिए तो बहुत कुछ किया जा सकता है.. अगर तुम्हें कोई ऐतराज ना हो तो!

मैं समझ गई कि उसका क्या कहना है, पर मैं जानबूझ कर अंजान बन रही थी।
मैं बोली- क्या बोल रहे हो सर.. कुछ समझ ही नहीं आ रहा है।

मैं ये कहते हुए उसकी तरफ पीठ करके उसकी बगल से आगे निकल रही थी कि उतने में ही उसने मुझे पीछे से हग कर लिया और बोला- मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ जान.. बहुत दिन से तुम्हें चोदने का मन है, पर कभी मौका नहीं मिला.. पर आज अच्छा मौका है। ऑफिस में कोई नहीं है, तो इसका फायदा उठा लेते हैं।

ये सब कहते वक़्त वो मेरी ड्रेस के ऊपर से ही अपना लंड मेरी गांड में घुसेड़ने की कोशिश कर रहा था। साथ ही वो अपने हाथों को मेरे आगे लाकर से मेरे मम्मों की गोलाइयाँ मापने लगा था।

मैं भी मस्त और गर्म हो रही थी, मैं बोली- मुझे कोई ऐतराज नहीं है.. मैं भी आपसे चुदवाना चाहती हूँ, पर मैं अब तक आपसे बोल नहीं पाई।

मेरे इतना कहते ही उसने मुझे टेबल पर धक्का देकर गिरा दिया और मुझे किस करने लगा। अब तक मैं भी सम्भल कर बैठ गई थी और उसके चुम्बनों का मजा लेने लगी थी।

हम दोनों ने किस करते-करते अपने सारे कपड़े उतार दिए और हम पूरी तल्लीनता से एक-दूसरे को किस कर रहे थे। दो मिनट तक हम एक-दूसरे को किस ही करते रहे.. और इसकी दौरान वो अपने एक हाथ से मेरे चूचे की गोलाई मापने लगा था। अभी मुझे दूध का मजा आ ही रहा था कि उसने अपने दूसरे हाथ से मेरी चूत में उंगली करना शुरू कर दी।

मैं गनगना उठी और अपने हाथों से सहारा लेकर बैठ गई। तभी उसने मेरे दूध छोड़े और नीचे झुक कर मेरी चूत का रस पान करने लगा।

मैं चूत पर उसकी जीभ का अहसास पाते ही चुदासी सी होकर ‘आहें..’ भरने लगी। ‘आअहह ह्म्म्म .. यईएसस.. ऐसे ही हाँ.. चाटो.. उह.. पूरी चाट लो मेरी चूत.. अह..
मैं ऐसे ही कुछ बड़बड़ाने लगी थी।

मेरी चूत चाटते हुए उसने मेरी चूत में अपनी उंगली करना भी चालू कर दी थी।
‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ मुझे मजा आ गया था और उसके ऐसा करने पर मैं झड़ने वाली हो गई थी। वो मेरी अकड़न से इस बात को जान गया.. तो उसने मेरी चूत में उंगली और तेज-तेज करना शुरू कर दी।

‘अहह ओह.. और तेज.. अह..’ तभी मैं झड़ गई.. वो फिर से मुझे किस करने लगा, मैं निढाल हो गई थी।

कुछ पल बाद मैंने नीचे बैठ कर उसका लहराता लंड अपने मुँह में ले लिया और उसे लॉलीपॉप के जैसे चूसने लगी। मैं अपने दोनों हाथों से लंड को रगड़ भी रही थी। कुछ ही देर में उसके मुँह से भी कामुक आवाजें आने लगीं ‘यहह यसस्स बेबी.. सक इट..’

तभी उसने मुझे टेबल की सब फाइलें आदि हटाकर मुझे टेबल पर लिटा दिया और उसने मेरी दोनों टाँगों को अपनी कमर को जकड़ लेने को बोला।
जैसे ही मैंने अपनी दोनों टांगों से उसको अपनी ओर खींचा, तो उसका लंड मेरी चूत से टकराया। मैं उसके गरम सुपारे से एक अजीब से लज्जत से भर उठी। वो मेरी चूत के ऊपर से ही अपने लंड को रगड़ने लगा।

मैंने टांगें पसार कर चूत का मुँह और ज्यादा खोलते हुए कहा- जल्दी से डालो राजा.. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है।
फिर उसने भी देर ना करते हुए अपना मूसल टाइप का लंड मेरी चूत में डाल दिया।
मुझे शुरू में अपार दर्द हुआ ‘आहह.. फाड़ने का इरादा है क्या इसे..?’
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वो हंसा और उसने अपना लंड मेरी चूत में ठेल दिया। मुझे दर्द के साथ मजा भी आ रहा था। अगले कुछ पलों के बाद वो धक्के पर धक्के देते हुए मेरी चूत को रौंद रहा था।
मैं भी उसके लंड को लील गई थी और अपनी गांड उठाकर उसके लंड को अपनी चूत में अन्दर तक ले रही थी, मेरे मुँह से सिसकारियां निकल रही थीं- आहह.. हमम्म्म.. आह.. यस.. उफ्फ.. पेल दे..

मैं चुदास से भर उठी थी और मस्ती में ना जाने क्या-क्या बड़बड़ा रही थी। मैंने आँखें बंद कर ली थीं.. मुझे महसूस हो रहा था कि उसका लंड मेरी बच्चेदानी तक अन्दर घुस रहा था और बाहर मुँह तक निकल रहा था।
मुझे लंड की इस रगड़ाई में बहुत आनन्द आ रहा था।

तभी मुझे एक मस्त सी सिहरन हुई और मैंने उसकी कमर पर अपनी पकड़ और टाइट कर ली। अगले ही पल मैं झड़ गई.. पर वो अभी तक लगा हुआ था। उसका काम अभी नहीं हुआ था।

वो मेरी रसीली चूत में अब और जोर-जोर से लंड पेलने लगा और बोल रहा था ‘साली रंडी है तू.. आज से मेरी रखैल बन जा.. तुझ जैसी अगर मेरी बीवी होती, तो सुबह शाम तुझे चोदता.. अह.. मेरी बीवी तो जब से बच्चा हुआ है, मुझे पास आने ही नहीं देती। आज दो महीने से लंड भूखा है.. मैंने एक बार भी सेक्स नहीं किया था और तू है कि मेरे सामने हाई हील्स पहन कर अपनी गांड उछाल-उछाल कर चलती है तो मेरे लंड को चुदास भर जाती है। इसलिए आज कोई नहीं है तो मैंने तुझे चोद दिया.. ले साली.. ले..’

अब शायद वो भी झड़ने वाला था तो उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी थी। अगले कुछ ही झटकों के बाद वो मेरी चूत में ही झड़ गया।
झड़ने के बाद वो मुझे किस कर रहा था।

हम दोनों नंगे ही वॉशरूम में घुस गए और इधर वो मेरी चूत को चाट कर साफ कर रहा था।

बाथरूम में ही हम दोनों चुदाई के लिए वापस रेडी हो गए। फिर एक दौर हम दोनों ने वॉशरूम में ही किया। कुछ देर की मस्त चुदाई के बाद वहाँ से निकल कर सर के पर्सनल रूम में आ गए।

यहाँ सर अपने स्पेशल मेम्बरों के साथ ड्रिंक्स के लिए आते थे। हम वहाँ भी आ गए, वहाँ पर एक म्यूज़िक सिस्टम था जो मेरे मैनेजर ने ऑन कर दिया और मुझे उस टेबल पर चढ़ा कर नाचने के लिए बोला।

मैं भी किसी बार डांसर की तरह नाचने लगी। मैं इस वक्त पूरी नंगी थी, मेरे तन पर सिर्फ हाई हील्स थीं। मैं अपने मम्मों को हिला-हिला कर नाच रही थी और वो मेरे सामने एक नर्म से गद्दे पर बैठ कर अपनी टाँगें फैला कर अपने भीमकाय लंड को सहला रहा था।

मैं टेबल से नीचे उतर कर उसके सामने नीचे बैठ कर चूत खोल कर डांस कर रही थी। उसने लंड हिलाया तो मैंने भी नाचते हुए टाँगें फैला कर अपनी चूत की लालिमा का उसे दीदार करा दिया।

फिर उसने उंगली के इशारे से अपने पास बुलाया और मुझे अपने लंड पर चढ़ा दिया, पर झटके नहीं दिए।

मैं उसके लंड पर बैठ कर उस पर हिल रही थी और वो अपने हाथों को आगे लाकर मेरे निप्पलों को उंगलियों में पकड़ कर मींज रहा था।

फिर हम दोनों खड़े हो गए। उसने मेरी एक टांग उठा कर अपना लंड घुसा दिया और मुझे सहारा देकर मेरे साथ डांस करने लगा।
हम दोनों इस तरह से एकदम गर्म हो गए थे तो हम दोनों ने वहाँ भी चुदाई की मस्ती की।

उस दिन हम लोगों ने बहुत एंजाय किया। सुबह से लेकर शाम तक में उसने मुझे अलग-अलग स्टाइल और पोज में 5 बार चोदा था।

तो दोस्तो, मेरी चूत की चुदाई की हिंदी सेक्सी स्टोरी आपको कैसी लगी।
मुझे आप लोगों के मेल्स का इंतज़ार रहेगा।
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