अन्तर्वासना की प्रशंसिका का इंटरव्यू-1

मैंने कहा- तो आपको एक छोटा सा टेस्ट देना पड़ेगा।
वो टेस्ट देने के लिए तैयार हो गई।

मैंने उससे कहा- ये लो मेरा लैपटॉप इस पर मुझे ईमेल सेंट करके.. और वर्ड पैड पर काम करके दिखाओ।

अर्श ने मेरे लैपटॉप में ही अपनी ईमेल खोली और वहाँ से मेरी ईमेल पर मेल की और इसके बाद उसने मुझे और भी कुछ काम करके दिखाया.. फिर वर्ड पैड पर भी कुछ काम करके दिखाया.. और लैपटॉप वापिस कर दिया।

मैंने उसका काम देखकर उसको बोला- आप अब जा सकती हो.. आप मुझे कल कॉल करना।
वो भी आज्ञा लेकर चली गई।

मैंने उसके जाने के बाद कुछ काम करने के लिए लैपटॉप पर हाथ लगाया ही था कि मेरी नज़र सीधी अर्श की ईमेल पर पड़ी.. जो वो खुली ही छोड़ गई थी।

मैं उसे लॉग आउट करने लगा ही था कि मेरा ध्यान उसमें आई हुई एक हिंदी मेल पर पड़ा।

मैंने उस मेल को ओपन किया तो देखा कि वो अन्तर्वासना की तरफ से की गई मेल थी.. जिसमें उसकी ईमेल पर एक हिंदी चुदाई की कहानी भेजी हुई थी।

उसकी यह मेल देखते ही मेरी उत्सुकता उस मेल को देखने में बढ़ गई।
मैंने धीरे-धीरे उसकी सभी ईमेल्स अच्छे से चैक किए और ध्यान से देखा.. उसने एक और अकाउंट भी बनाया हुआ था.. जो उसके किसी और नाम से था।
मैंने वो ईमेल नोट कर ली और भी उसमें भी बहुत सारी सेक्सी स्टोरीज की इमेल्स थीं, जो उसने अपनी दूसरी मेल पर सैंड की हुई थीं।

इसके अलावा मैंने उसके दोनों गूगल प्लस एकाउंट्स को अपने गूगल प्लस में ऐड कर लिया।

दूसरे दिन मुझे उसकी कॉल आई। उसने ‘नमस्ते’ बोलने के बाद मुझसे कहा- सर अपने मुझे कॉल करने को कहा था.. क्या आपने मुझे सिलेक्ट किया है?

मैंने उसे 4 बजे मेरे पास आने को कहा।
मैंने 4 बजे का समय इसलिए दिया क्योंकि हमारे दफ्तर में 4 बजे छुट्टी होती थी।

अर्श ठीक 4 बजे मेरे पास आ गई, वो मेरे सामने बैठी थी।
मैंने उससे कहा- आप क्या लोगी.. चाय.. पानी.. या कुछ और..

उसने पहले तो मना किया.. परन्तु फिर मैंने ही दो कप चाय मंगवा ली।
मैंने सीधा ही उससे पूछा- अर्श जी.. आप और क्या काम करती हो?
उसने कहा- नहीं सर अभी तो और कुछ नहीं करती।

मैंने फिर कहा- आपके शौक क्या-क्या हैं?
तो वो बोली- खाली समय में इंटरनेट पर कुछ नया खोजना और नैट पर चैटिंग करना।

तब तक चाय आ गई थी।
मैंने उसे चाय पीने का इशारा किया और आगे बोला- आपको मालूम है कि कल आप अपनी ईमेल मेरे लैपटॉप पर खुली ही छोड़ गई थीं।

यह सुनते ही उसके चेहरे से एकदम घबराहट सी हुई और वो कुछ बोल नहीं पा रही थी।
मैंने तुरंत कहा- वैसे मैंने उसे आपके जाने के बाद लॉग आउट कर दिया था।

तब वो थोड़ा हिचकचाते हुए बोली- थैंक्स सर.. आपने उसमें कुछ देखा तो न..न..नहीं?
मैंने कहा- नहीं.. मैंने कुछ नहीं देखा.. क्यों क्या उसमें कुछ ख़ास था देखने लायक?

वो थोड़ा शर्मा गई और बोली- नहीं सर ऐसा कुछ नहीं.. मैंने तो बस वैसे ही पूछ लिया।
वो ज़ल्दी-ज़ल्दी चाय पीने लगी ताकि उठ कर जा सके..

परन्तु मैंने उससे कहा- आपके लिए खुशखबरी है कि आपको जॉब दे दी गई है.. आप चाहो तो नेक्स्ट वीक से ज्वाइन कर सकती हो।
वो थोड़ा खुश हो गई और बोली- थैंक्स सर.. वैरी थैंक्स।

मैंने उससे कहा- हाँ वो मैंने आपकी ईमेल में एक कहानी देखी थी.. वो मैंने अपनी मेल पर सेंड कर ली है.. क्योंकि मुझे अच्छी लगी।

मेरे इतना कहने की देर थी कि वो एक बार तो शर्म से पानी-पानी हो गई और कुछ न बोल सकी।
फिर बोली- ओह ओह सर.. सॉरी.. वो मेरी एक फ्रेंड ने सेंड की थी.. मैंने तो देखी भी नहीं..

यह कह कर वो उठ कर जाने लगी तो मैंने फिर कहा- अरे रुको.. अभी जाना मत.. अपनी जॉब ऑफर लैटर लेकर जाना।
वो उठती हुई फिर बैठ गई।

मैंने नोट किया कि वो काफी शर्मा रही थी.. जैसे उसकी कोई चोरी पकड़ी गई हो और वो मेरे सामने थोड़ा घबराहट सा महसूस कर रही थी।

मैंने उसके मन से घबराहट को निकालने के लिए उससे थोड़ा बातचीत शुरू की।
मैंने कहा- अर्श जी.. वैसे मुझे भी आप जैसे ही शौक हैं.. आप घबराओ मत.. यह तो आजकल आम बात है.. आजकल के लड़के-लड़कियाँ काफी एडवांस सोच रखते हैं और वो ज़िन्दगी को खुल कर जीना चाहते हैं और ज़िन्दगी का खुल कर मज़ा लेना चाहते हैं.. तो ऐसे में हम सभी को खुला होना बहुत जरूरी है। आपकी ऐसी सोच की मैं तारीफ करता हूँ बेबी!

मेरी बात सुन कर वो भी थोड़ा सहज हो गई और मेरे साथ बातें करने लगी।

अर्श- यस सर जी.. आप ठीक कहते हो.. वैसे आजकल के दौर में खुल कर जीना भी चाहिए.. मैं भी थोड़ा खुले विचारों की ही हूँ।
मैं- बिल्कुल सही कहा अर्श जी.. देखो आजकल के बहुत तेज रफ़्तार वाले जीवन में ऐसी बातें नॉर्मल हैं यार और हाँ.. वैसे हमें ज़िन्दगी एक बार मिली है और इसे खुल कर बढ़िया दोस्त बना कर उनके साथ ज़िन्दगी जीना भी चाहिए। ख़ास तौर पर सेक्स के मामले में हम बाकी देशों से बहुत ज्यादा पीछे हैं।

अर्श- जी सर.. मेरी एक दोस्त इंग्लैंड में रहती है.. वो जब भी आती है मुझे वहाँ की बातें बताती है.. वहाँ सेक्स बिल्कुल ओपन है। उसने खुद वहाँ अपने काफी सारे दोस्तों से सेक्स सबंध बनाए हुए हैं।

मैं- यार.. असल में आज भी बहुत से ऐसे लोग हैं.. जो दिल से तो चाहते हैं कि खुल कर सेक्स किया जाए और सेक्स की बातें खुलेआम की जाएँ.. परन्तु वो समाज के डर से कुछ कह नहीं पाते और अपनी यौन इच्छाएं दिल में ही दबाए रखते हैं।

अर्श मेरे साथ सेक्स के बारे में खुल कर ऐसे बातें कर रही थी.. जैसे हम काफी पुराने दोस्त हों।
मैंने एक बात और नोट की कि वो काफी खुले विचारों की लड़की थी और उसे ऐसी बातें करने में दिलचस्पी भी थी।

तभी मैंने फिर कहा- यार इसके अलावा आप और हम जैसे लोग खुल कर सेक्स जैसे टॉपिक पर बातें करने में विश्वास रखते हैं और ज़िन्दगी का मज़ा भी लेते हैं।
अर्श- सर.. सेक्स एक ऐसा टॉपिक है जिस पर जितनी बात की जाए कम है। मैंने नेट पर देखा है कि सेक्स में वो लोग भी खुल कर बात करते हैं.. जो आम ज़िन्दगी में किसी के सामने ऐसी बात करने में शर्माते हैं।

मैं- अच्छा तो अर्श.. एक बात तुमसे पूछूँ तो तुम बुरा तो नहीं मानोगी।
अर्श- जी सर.. अब जब हम इस टॉपिक पर बात कर ही रहे हैं तो इसमें बुरा मानने वाली तो कोई बात नहीं है। आप कुछ भी पूछ सकते हो.. हाँ जो मुझे अच्छा नहीं लगेगा.. मैं उसका आपको खुद बता दूँगी।

मैं- थैंक्स.. मैं तुमसे यह पूछना चाहता हूँ कि क्या तुमने कभी सेक्स किया है?
अर्श- ओह सर.. वैसे मुझे उम्मीद नहीं थी कि आप ऐसा कुछ पूछोगे.. परन्तु अब जब मैं आपसे वादा ही कर चुकी हूँ कि आप पूछो.. तो आपको सच-सच बताना चाहूंगी कि मैंने काफी बार सेक्स किया है.. परन्तु अब करीब 8 महीने से सेक्स नहीं किया है।

मैं- ओके.. अगर आपने काफी बार सेक्स किया है तो अब फिर 8 महीने से क्यों नहीं किया है बेबी?

अर्श- सर.. मैं एक रूरल एरिया से हूँ और मैंने जितनी बार भी सेक्स किया है मेरी दोस्त जो इंग्लेंड रहती है.. जिसके बारे में मैंने आपको बताया था.. उसके फ्रेंड्स के साथ किया है। वो जब भी इंडिया आती है तो उसके साथ उसका कोई फ्रेंड्स होता है। अब वो 8 महीने पहले ही यहाँ से गई है। वो अपने 2 दोस्तों के साथ आई थी और यहाँ हम मिल कर काफी जगह पर घूमने गए और सभी जगह पर हमने अलग-अलग अंदाज़ में बहुत कुछ किया था। सो उनके जाने के बाद मैंने किसी से सेक्स नहीं किया।

मैं- तो फिर आपने यहाँ पर कोई दोस्त नहीं बनाया हुआ क्या? यहाँ तो आप बहुत दोस्त बना सकती हो।
अर्श- नहीं सर जी.. मैंने यहाँ कोई दोस्त नहीं बनाया.. क्योंकि सर पहले मुझे अपना कैरियर बनाना है.. मैं नहीं चाहती कि कोई मेरे कैरियर में बाधा बने।
मैं- तो सेक्स करने से कैरियर में बाधा मतलब?

अर्श- सर.. यहाँ के लड़के या तो प्यार के चक्कर में फसेंगे या ब्लैकमेल करेंगे.. क्योंकि अगर मैंने किसी से प्यार शुरू कर दिया.. तो वो कल को मेरे से शादी करने का प्रस्ताव भी रखेगा और फ़ोर्स करेगा कि मैं उसकी मर्जी के बिना किसी से ना मिलूँ.. इसके अलावा अगर मैंने किसी को सेक्स करने के लिए दोस्त बना लिया तो अगर कल को मेरा दिल उससे सेक्स करने का न हुआ तो फिर वो मुझे ब्लैकमेल कर सकता है कि अगर मेरे से सेक्स न किया तो मैं सभी को बता दूँगा। इसलिए मैं किसी ऐसे-वैसे चक्कर में नहीं पड़ना चाहती। मैं तो अगर चाहती हूँ तो बस अपने लिए एक खुली सोच वाला बिल्कुल ओपन दोस्त चाहती हूँ.. जिसे मेरे किसी और से सेक्स करने से भी कोई इतराज़ न हो।

अर्श की इतनी खुली विचारधारा जान कर मैं थोड़ा हैरत में आ गया था।

देखते हैं कि आगे इसके साथ क्या होता है।

मेरी कहानी पर आपके कमेंट्स का सदा ही स्वागत है।
कहानी जारी है।
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