मेरी चालू बीवी-33

उसको पहले टॉप के धक्कों से ज्यादा आनन्द आ रहा था…
उसने कसमसाकर मुझे ऊपर को कर दिया, फिर खुद अपने पैरों को मेरी कमर से बांधकर अपना हाथ नीचे कर मेरे लण्ड को पकड़ लिया…
उसके पसीने से भीगे नरम छोटे हाथों में आकर लण्ड और मेरी हालत ख़राब होने लगी…
उसने लण्ड के सुपारे को फिर अपनी चूत के छेद से चिपकाया और कमर हिलाने लगी…
अब मैं भी कमर को थोड़ा कसकर आगे पीछे करने लगा…
उसके कसे हुए हाथों में मुझे ऐसा ही लग रहा था कि मेरा लण्ड चूत के अंदर ही है…
मैं जोर जोर से कमर हिलाने लगा जैसे चुदाई ही कर रहा हूँ…
मधु लण्ड को छोड़ ही नहीं रही थी कि कहीं मैं फिर से लण्ड को वहाँ से हटा न लूँ…
कहानी जारी रहेगी।
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